39 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारतीय चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों के प्रशिक्षण कार्यशाला का दिल्ली चिड़ियाघर में समापन

Training Workshop for Indian Zoo Veterinarians Concludes at Delhi Zoo
देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा स्मिथसोनियन राष्ट्रीय प्राणि उद्यान, वाशिंगटन डी. सी., यूएसए और राष्ट्रीय प्राणि उद्यान, नई दिल्ली के सहयोग से “11 सितंबर से 14 सितंबर 2017 के बीच पशु स्वास्थ्य प्रबंधन पर भारतीय चिड़ियाघर के पशु चिकित्सकों में क्षमता निर्माण के लिए” चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने 11 सितंबर 2017 को नई दिल्ली स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन के गंगा सभागार में किया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में भारत के 18 चिड़ियाघरों के करीब 18 पशु चिकित्सकों ने भाग लिया।

कार्यशाला का उद्घाटन करने के तुरंत बाद, सारे प्रतिभागी राष्ट्रीय प्राणि उद्यान में पहुंचे।इस प्रशिक्षण कार्यशाला में स्मिथसोनियन राष्ट्रीय प्राणि उद्यान, वाशिंगटन डी. सी., यूएसए के डॉ जेसिका सिग्सल-विल़ॉट, डॉ बुद्धन पुकाजेथी और मिस्टर एथंनी कार्लबॉन बारथेल ने अपी बातें रखीं।

कार्यशाला के प्रथम दिन, प्रतिभागियों को सफल स्थिरीकरण, अभिग्रहण और रोकथाम की प्रक्रिया के बारे में सिखाया गया था। दूसरे दिन, जगुआर को  स्थिरीकरण के क्रम में स्थिर किया गया; पशु की जांच, नमूना संग्रह, (सीबीसी / केम / बैंक के लिए रक्त) माइक्रोचिप्स की जांच और फिर सेहत की निगरानी की गई। इसके बाद प्रतिभागियों (सफलता, चुनौतियों, विचार-विमर्श और प्रश्नों) ने, डार्ट की तैयारी और डार्ट कार्यप्रणाली पर चर्चा की।13 सितंबर 2017 को स्थिरीकरण के क्रम में; पशु की जांच, नमूना संग्रह, (सीबीसी / केम / बैंक के लिए रक्त) माइक्रोचिप्स की जांच और फिर सेहत की निगरानी के क्रम में एक जंगली बिल्ली का स्थिरीकरण किया गया।इसके बाद फिर इस पर प्रतिभागियों (सफलता, चुनौतियों, विचार-विमर्श और प्रश्नों) ने, डार्ट की तैयारी और डार्ट कार्यप्रणाली पर चर्चा की। कक्षा के सत्र में क्षेत्र रोगों और इनकी स्थिति पर भी चर्चा पर जारी रही।

कार्यशाला के अंतिम दिन 14 सितंबर 2017 को स्थिरीकरण के क्रम में; पशु की जांच, नमूना संग्रह, (सीबीसी / केम / बैंक के लिए रक्त) माइक्रोचिप्स की जांच और फिर सेहत की निगरानी के क्रम में एक सफेद बाघ का स्थिरीकरण किया गया। इसके बाद फिर इस पर प्रतिभागियों (सफलता, चुनौतियों, विचार-विमर्श और प्रश्नों) ने चर्चा की।

प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन हिमाचल प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन, श्री रमेश कांग की अध्यक्षता में किया गया था। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव डॉ जी एन सिंह ने स्मिथसोनियन राष्ट्रीय प्राणि उद्यान, वाशिंगटन डी. सी., यूएसए के सहयोग से ही इस कार्यशाला का क्यों आयोजन किया गया, इसके बारे में विस्तार से बताया।

राष्ट्रीय प्राणि उद्यान के निदेशक रेणु सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। और अंत में, प्रतिभागियों ने कहा कि इस कार्यशाला से उन्हें अपने कार्य स्थलों पर आत्मविश्वास से कार्य करने में काफी फायदा मिलेगा।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More