37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बिहार की राजधानी पटना में विराट रैली को संबोधित करते हुए: अखिलेश यादव

बिहार की राजधानी पटना में विराट रैली को संबोधित करते हुए: अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: बिहार की राजधानी पटना में 27 अगस्त 2017 को को एक विराट रैली का आयोजन था। इसमें भाग लेने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव और सांसद श्री किरनमय नंदा के साथ मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्वमंत्री राजेंद्र चौधरी भी गये थे। लखनऊ से तीनों लोग वायुयान से पटना के लिए चले थें। बिहार की यह यात्रा कई मायनों में बड़ी महत्वपूर्ण रही। एक तो इस रैली में श्री अखिलेश यादव की उपस्थिति को सभी दलों के नेताओं ने, जो वहां आए थे, विशेष महत्व दिया और वहां उनकी वक्तृता तथा लोकप्रियता से प्रभावित होकर सभी ने मान लिया है कि अखिलेश जी में राष्ट्रीय नेता होने की सभी संभावनाएं हैं। दूसरा प्रसंग यह उल्लेखनीय है राजेंद्र चौधरी की 35 वर्ष पूर्व की श्री शरद यादव के संगसाथ की मुलाकातें फिर याद आईं और पुराने साथी शिवानंद तिवारी से भी भेंट हो गई।

        लखनऊ से पटना तक 50 मिनट की इस यात्रा अवधि में राजनीतिक चर्चा होनी ही थी। गांव-गरीब की बदहाली, बेकारी-गरीबी में बढ़त और समाज में बढ़ती विषमता तथा सद्भाव की कमी पर अखिलेश जी की स्वाभाविक चिंता बारम्बार मुखर होती रही। वे पूछते हैं किसानों-नौजवानों को क्या मिला? भाजपा की आर्थिक नीतियां गरीबों, किसानों के विरूद्ध हैं। सामाजिक न्याय और आरक्षण की चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री जी ने बताया कि वे सभी को आरक्षण मिलें इसके हक में हैं। जिस समुदाय की जितनी जनसंख्या हो उसी के अनुपात में आरक्षण देना उचित होगा। उन्होंने केंद्र सरकार से कहा कि अब चूंकि आधार कार्ड की व्यवस्था है तो इसमें जातियों का भी ब्यौरा दर्ज हो तो आनुपातिक आरक्षण में सुविधा होगी।

        श्री अखिलेश यादव स्पष्टतः इस विचार के हैं कि गुमराह करके राजनीति नहीं करनी चाहिए। इससे लोकतंत्र की साख को बट्टा लगता है। उन्होंने सवाल उठाया कि नोटबंदी और जीएसटी का फायदा किसे मिला है? श्री यादव का यह भी मत है कि भ्रष्टाचार को व्यापक संदर्भ में समझना चाहिए। धोखा देना और वादाखिलाफी भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। जिस नेता की कथनी और करनी में भेद होता है वह भी भ्रष्टाचारी होता है। डा0 राम मनोहर लोहिया का यही मानना था।

        इन चर्चाओं के बीच ही पटना के हवाई अड्डे पर विमान उतर गया। सामने हजारों की भीड़ थी जो अपने प्रिय नेता अखिलेश जी के स्वागत के लिए आई थी। उनमें उमंग थी और उनका उत्साह हिलोरें ले रहा था।

पटना हवाई अड्डे से रैली स्थल गांधी मैदान तक श्री अखिलेश यादव के अभिनंदन के लिए सड़क के दोनों तरफ लोग कतारबद्ध खड़े थें। तमाम नौजवान अखिलेश जी की गाड़ी के साथ दौड़ते रहे। गांधी मैदान में भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा था। सड़कों पर जनसमुद्र का दृश्य था। जैसे ही गांधी मैदान के मंच पर श्री अखिलेश यादव पहुंचे लाखों लोग उनके स्वागत में खड़े होकर नारे लगाने लगे।

        श्री अखिलेश यादव ने पटना की रैली में ‘डिजिटल प्रधानमंत्री‘ के साथ ‘डीएनए चाचा‘ का भी जब जिक्र किया तो हर्षध्वनि के बीच लोगों ने इसको खूब एंज्वाय किया। उन्होंने कहा भाजपा ने देश को पीछे किया हैं। किसानों, नौजवानों के साथ धोखा किया हैं। भाजपा ‘डिजीटल इंडिया‘ की बात करती है इसलिए उसे आकाश से जमीनी हकीकत का पता नहीं चलता है। उन्होंने एलान किया कि भाजपा को रोकने में पटना की यह धरती इतिहास बदलेगी।

        गांधी मैदान के मंच पर, जहां विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति थी, वहीं पर राजेंद्र चौधरी की भेंट अपने दो पुराने साथियों शरद यादव और शिवानंद तिवारी के साथ हुई। राजेंद्र चौधरी के स्मरण पटल पर 1979 की वे स्मृतियां उभर आईं जब शरद जी सांसद थे और जनता पार्टी के युवा जनता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और राजेंद्र चौधरी विधायक तथा युवा जनता उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भी थे। तब जून 1979 में शिमला के रिज मैदान पर सत्याग्रह करते हुए गिरफ्तारी हुई थी और साथ साथ जेल में रहे।

        स्मरणीय है, राजेंद्र चौधरी और शरद यादव 35 वर्ष पूर्व एक कमरे में विट्ठल भाई पटेल हाउस में रहते थे। जनता राजनीति में लंबे समय तक दोनों साथ-साथ रहे। फिर दोनों के राजनीतिक क्षेत्र बदल गए। शरद यादव जनता दल में रह गए जबकि राजेंद्र चैधरी समाजवादी पार्टी की राजनीति से जुड़ गए।

        पटना के गांधी मैदान मंच पर ही एक और 50 वर्ष पुराने साथी शिवानंद तिवारी की भी राजेंद्र चौधरी से भेंट हो गई। शिवानंद तिवारी और राजेंद्र चैधरी दोनों 1967-68 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के युवा संगठन (समाजवादी युवजनसभा) के कार्यकर्Ÿाा थे। श्री शिवानंद तिवारी राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यक्ष भी है।

        बिहार की राजनीति में श्री कर्पूरी ठाकुर और श्री रामानंद तिवारी दोनों समाजवादी नेता डा0 राम मनोहर लोहिया के सशक्त स्तंभ थे। प्रख्यात समाजवादी नेता श्री रामानंद तिवारी श्री शिवानंद तिवारी के पिता थे। श्री रामानंद तिवारी 1967 में बिहार के गृहमंत्री और श्री कर्पूरी ठाकुर के पुराने साथी सहयोगी रहे थे। श्री शिवानंद तिवारी ने राजेंद्र चौधरी से कहा कि अखिलेश यादव जी राष्ट्रीय नेता हैं और उन्हें पूरे देश का दौरा करना चाहिए। देश राजनीतिक नेतृत्व में परिवर्तन करना चाहता है। जनता को बस विकल्प का इंतजार है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More