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बायो डिग्रेबल गिलास, पत्तल व दोने आदि का प्रयोग के सम्बन्ध में व्यापरियों एवं धार्मिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करतेः अपर आयुक्त गढवाल हरक सिंह रावत

बायो डिग्रेबल गिलास, पत्तल व दोने आदि का प्रयोग के सम्बन्ध में व्यापरियों एवं धार्मिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करतेः अपर आयुक्त गढवाल हरक सिंह रावत
उत्तराखंड

देहरादून: नोन बायो डिग्रेडेबल डिस्पाजिबल गिलास, पत्तल व दोने आदि के स्थान पर बायो डिग्रेडेबल गिलास, पत्तल व दोने आदि का प्रयोग किये जाने के सम्बन्ध में  दोना पत्तल एसोसिएशन बबूल पत्ता स्टोर हनुमान चैक, पेपर एण्ड प्लास्टिक एसोसिएशन तिलक रोड एवं जनपद के समस्त धार्मिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के साथ आज अपर आयुक्त (प्रशासन) गढवाल मण्डल हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में आयुक्त कैम्प कार्यालय देहरादून में बैठक सम्पन्न हुई ।

अपर आयुक्त ने कहा कि शादी-विवाह, जन्म दिन एवं अन्य धार्मिक समारोह में पूर्व में दोना पत्तल इत्यादि प्लास्टिक डिस्पोजल पर प्रतिबन्ध लगाया गया था, जिस पर ईको-फै्रण्डली का विकल्प उपलब्ध न होने के कारण पूरी तरह से सफलता नही पायी जा सकी तथा वर्तमान में यश पेपर मिल्स जैसी कम्पनियों द्वारा ऐसे ईको फै्रण्डली दोना पत्तल, डिस्पोजल/उत्पाद बनाये गये हैं जो आसानी से बायो-डिग्रेडेबल/आगे्रनिक खाद के रूप में निष्प्रोज्य हो जाते हैं, ऐसे उत्पादों को अपनाने पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि इसकी शुरूआत में थोड़ी सी लागत अधिक है किन्तु लोगों द्वारा अधिक चलन में आने से अन्य कम्पनियां भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल होने पर इसका मूल्य धीरे-2 कम होता जायेगा। उन्होने कहा कि यदि देखा जाये तो यह प्लास्टिक डिस्पोजल से औसतन सस्ता ही पड़ेगा क्योंकि प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं का उपयोग करने से एक ओर जहां पर्यावरण प्रदूषित होता है, नालियां चाॅक हो जाती है, खेती योग्य भूमि बंजर हो जाती है तथा कई बार चालान के रूप में जुर्माना भी देना पड़ता है। उन्होने कहा कि यह बायो-डिग्रेडेबलन दोना पत्तल गन्ने की खोई से बनाया जाता है जो बाद में खाद का काम करता है तथा इसके उपयोग के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

अपर आयुक्त गढवाल/नोडल अधिकारी द्रोणागिरि टैªक आॅफ द ईयर-2017 हरक सिंह रावत ने जनपद चमोली में स्थित द्रोणागिरि टैªक की विशेषताओं के बारे में कहा कि यह टैªक प्राकृतिक सौन्दर्य एवं साहसिक पर्यटन के लिए स्वर्ग साबित हो सकता है तथा वर्तमान समय में यहां पर लगातार पर्यटक टैªकिंग करने आ रहे हैं। उन्होने कहा कि यहां बरसात के सीजन में भी टैªकिंग का मजा लिया जा सकता है, क्योंकि यहां पर थोड़े समय के लिए लगभग हर रोज बरसात होती है तथा पर्यटकों को बरसाती व गरम कपड़ों का साथ लेकर टैªकिंग का मजा लेना चाहिए, इसके लिए जी.एम.वी.एन एवं पर्यटन विभाग द्वारा खाने-पीने, ठहरने, गाईड सम्बन्धित सभी सुविधाएं आनलाईन एवं आॅफ लाईन उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होेने कहा कि द्रोणागिरि टैªक पर एक साथ स्वीटजरलैण्ड तथा पर्यटन हेतु मशहूर अन्य यूरोपियों देशों की साईटों का आनन्द लिया जा सकता है। इस अवसर पर  दोना पत्तल, प्लास्टिक एसोसिएशन के साथ-2 धार्मिक प्रतिष्ठानों क सदस्य उपस्थित थे।

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