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प्रमुख मुद्दों पर खान मंत्रियों की बैठक गोवा में हुई

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नई दिल्लीः केंद्रीय खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर परिक्कर और खनिज संपदा सम्पन्न प्रमुख राज्यों के खनन विभाग के प्रभारी मंत्रियों की अध्यक्षता में एक बैठक आज गोवा में हुई। केंद्रीय खान राज्य मंत्री श्री हरिभाई पर्थीभाई चौधरी ने मंत्रियों और अधिकारियों का स्वागत करते हुए खनिज क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन देने में केंद्र और राज्यों की सरकार के प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने आपस में एक दूसरे से और सम्बद्ध विभागों की श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाने पर जोर दिया।

बैठक के मुख्य अतिथि गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर परिक्कर ने गोवा में खनन क्षेत्र की स्थिति की जानकारी दी और खनन क्षेत्र में समय-समय पर उठने वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने लौह अयस्क पर आयात शुल्क को 60 प्रतिशत तक कम करने का अनुरोध किया ताकि गोवा के लौह अयस्क उद्योग की मदद हो सके। आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडू और उत्तर प्रदेश के मंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।

नौ राज्यों ने नीलामी के लिए 88 प्रमुख खनिज ब्लॉकों को अधिसूचित किया है और 33 ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी कर दी गई है जिनसे राज्य सरकार को कुल अनुमानित राजस्व शुल्क पट्टे की अवधि में प्राप्त राशि 1,28,388 करोड़ रूपये है। नीलामी की प्रकिया में आने के कारण राज्यों को 99,000 रूपये से अधिक अतिरिक्त राजस्व मिलेगा जो खनिज रियायतें मिलने के लिए नीलामी शुरू करने के कारण केवल राज्यों के हिस्से में आने वाला अतिरिक्त राजस्व होगा। अतः 2015 के एमएमडीआर संशोधन द्वारा शुरू की गई नीलामी से भारी अतिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है जिससे देश के खनिज संसाधनों के आवंटनों में अधिक पारदर्शिता आई है।

नीलामी की प्रक्रिया को कम जटिल बनाने के लिए केंद्रीय खान मंत्रालय द्वारा खनिज नीलामी नियमों में हाल में किए गए संशोधनों का राज्यों में स्वागत किया गया। इससे वह खनिज नीलामी प्रक्रिया में तेजी ला सकेंगे। नियमों में 2017 में बाद में किए संशोधनों के परिणामस्वरूप करीब 30 ब्लॉकों को 2018 में नीलामी में रखा जाएगा जो खनिज ब्लॉकों के आवंटन के लिए अपनाए गए नीलामी मार्ग के बाद से सबसे अधिक है।

देश के खनिज सम्पदा सम्पन्न राज्यों के खनन जिलों में जिला खनिज फाउन्डेशन के कोष में 13,700 करोड़ रूपये से अधिक प्राप्त हुए है। इस धनराशि का इस्तेमाल सामाजिक कल्‍याण, पर्यावरण संरक्षण और खान प्रभावित इलाकों के बुनियादी ढांचा विकास के लिए प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्‍याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) के अंतर्गत परियोजनाओं के लिए किया जाएगा और इससे स्‍थानीय समुदायों में अनुकूल खनन वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।

2020 में सपाप्त हो रहे व्यापारिक खनिकों के पट्टों के लिए पहले से ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने की आवश्यकता पर इसलिए जोर दिया गया ताकि वर्तमान पट्टेदारों से नए पट्टेदारों तक निर्बाध अंतरण हो सके। राज्यों को अन्वेषण, नीलामी और उसके बाद मंजूरी की आवश्यकताओं का रोड़ मैप तैयार करने के प्रयासों के बारे में सूचना दे दी गई है। मंत्री महोदय ने जोर देकर कहा कि राज्यों को इन खानों की नीलामी पहले से ही कर देनी चाहिए ताकि खनिज आपूर्ति में बाधाओं से बचा जा सकें।

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