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प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान से प्रभावित राज्यों के लिए राहत उपायों के पैकेज की घोषणा की

देश-विदेश

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लक्षद्वीप, तमिलनाडू और केरल के चक्रवाती तूफान ‘ओखी’ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और तूफान से प्रभावित लोगों, मछुआरों तथा किसानों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कावारत्ती और कन्याकुमारी में लोगों से बातचीत की। उन्होंने तिरुअनंतपुरम के निकट अवस्थित पुन्थुरा गांव का भी दौरा किया, जो इस चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित गांवों में से एक है। तूफान से हुई परेशानियों को लोगों ने प्रधानमंत्री के साथ साझा किया। प्रधानमंत्री ने लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी क्षमता के साथ इस प्रतिकूल हालात में राज्य के साथ खड़ी है।

प्रधानमंत्री ने कावारत्ती, कन्याकुमारी और तिरूअनंतपुरम में वर्तमान स्थिति और राहत कार्यों की समीक्षा के लिए अलग-अलग बैठकें की। केरल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री, लोकसभा के उपाध्यक्ष और लक्षद्वीप के प्रशासक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने समीक्षा बैठकों में भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार चक्रवाती तूफान प्रभावित राज्यों की हरसंभव मदद करेगा।

  • केंद्र सरकार केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के लिए तत्काल 325 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद जारी करेगा।
  • प्रधानमंत्री द्वारा आज घोषित की गई आर्थिक मदद, इस महीने की शुरूआत में तमिलनाडु को 280 करोड़ रुपये और केरल को दी गई 76 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद से अलग है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र सरकार ओखी तूफान के कारण ध्वस्त हुए करीब 1400 मकानों के पुनर्निर्माण में मदद करेगी। इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को नये घर के निर्माण के लिए डेढ़ लाख रूपये तक की मदद दी जाएगी।
  • बीमा कंपनियों को ओखी तूफान पीड़ितों के दावों को शीघ्रता से निपटाने की सलाह दी गई है।
  • तूफान के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से देने की मंजूरी दी गई है।

इससे पहले समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री को चक्रवाती तूफान ओखी के असर के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस क्षेत्र में पिछले 125 वर्षों में इस तरह का यह तीसरा तूफान था। यह चक्रवाती तूफान 30 नवंबर, 2017 को आया और उसी दिन तलाश एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। भारतीय तटरक्षक बल ने कुल 845 मछुआरों को सफलतापूर्वक बचाया। प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई कि तट से 700 समुद्री मील से भी अधिक दूरी तक निगरानी की गई।

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