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प्रत्‍येक नागरिक को कर अदा करना अपना पावन कर्तव्‍य समझना चाहिए: उपराष्‍ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्‍ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि प्रत्‍येक नागरिक को कर अदायगी को अपना पावन कर्तव्‍य समझाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि अगर सरकार को पर्याप्‍त राजस्‍व प्राप्‍त नहीं होगा,तो विकास तथा कल्‍याणकारी योजनाओं को नुकसान पहुंचेगा। वे आज वित्‍त, विपणन और कराधान के क्षेत्र में मौजूदा चुनौतियां विषय पर हैदराबाद में केशव मेमोरियल कॉलेज में एक राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर तेलंगाना के उपमुख्‍यमंत्री श्री मोहम्‍मद महमूद और अन्‍य गणमान्‍य नागरिक भी उपस्थित थे।

     उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि कर चोरी के मामलों में कड़ाई बरतनी चाहिए, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी कर्मचारी करदाताओं का अनावश्‍यक शोषण ना करें। उन्‍होंने कहा कि शासन में पारदर्शिता से जिम्‍मेदारी तय होगी और सरकार के राजस्‍व में वृद्धि होगी।

  उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि वस्‍तु एवं सेवा कर का लागू होना स्‍वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है और अब भारत ‘एक देश एक बाजार’ है। उन्‍होंने कहा कि जीएसटी ने देश में अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली के स्‍वरूप को बदला है और अब राज्‍य सरकारों तथा केन्‍द्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले कई करों की जगह एकल कर ने ले ली है। इससे व्‍यापार सुगमता को बढ़ावा मिला है और ये देश में आपसी साझेदारी की विजय है।

     भारत में सकल घरेलू उत्‍पाद तथा कर का अनुपात वित्‍त वर्ष 2017 में 16.6 प्रतिशत था, जबकि इसी अवधि में अमरीका में 26 प्रतिशत, चीन में 20.1 प्रतिशत और ओईसीडी देशों में 34.3 प्रतिशत था। भारत को सकल घरेलू उत्‍पाद की तुलना में कर संग्रहण को बढ़ावा देने की आवश्‍यकता है, ताकि 21वीं शताब्‍दी की सरकार को पर्याप्‍त निधि उपलब्‍ध हो सके और सरकार नागरिकों को बुनियादी सार्वजनिक सेवाएं तथा सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर सके। वित्‍त वर्ष 2018 में प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण बढ़कर 18.2 प्रतिशत हो गया है। यह बढ़ोतरी प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष करदाताओं की संख्‍या बढ़ने के कारण हुई है। 5.9 मिलियन करदाताओं ने वस्‍तु एवं सेवा कर के तहत पंजीकरण करवाया है और वित्‍त वर्ष 2017 में 28.2 मिलियन लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया।

   विमुद्रीकरण, काले धन पर विशेष जांच दल का गठन और बेनामी लेनदेन अधिनियम 1988 की अधिसूचना जैसे कई कदमों के कारण बड़ी संख्‍या में आर्थिक गतिविधियां कर के दायरे में आई हैं। उन्‍होंने कहा कि काले धन के खिलाफ यह लड़ाई जारी रहनी चाहिए।

     उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भविष्‍य में मौजूदा बढ़ता हुआ मध्‍यवर्ग भारत के आर्थिक विकास के लिए महत्‍वपूर्ण साबित होगा। अ‍ब समय आ गया है कि हमें जनसांख्यिकीय लाभ लेने के लिए युवाओं के लिए अधिक से अ‍धिक रोजगार सृजन करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि लाखों की संख्‍या में छात्रों का डिग्री हासिल करना पर्याप्‍त नहीं है। हमें उनको सिर्फ जीविकोपार्जन के लिए ही कौशल नहीं देना बल्कि उन्‍हें इस योग्‍य बनाना है कि वे दैनिक जीवन में आने वाली चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपट सकें। उन्‍होंने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली में युवाओं को नैतिकता और मूल्‍यों के प्रति प्रतिबद्ध बनाने की क्षमता होनी चाहिए। छात्रों की शिक्षा का विषय कुछ भी हो, लेकिन उन्‍हें देश की प्राचीन संस्‍कृति और मूल्‍यों के प्रति सजग रहना चाहिए तथा वसुधैव कुटुम्बकम्में विश्‍वास रखना चाहिए।

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