38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना से संम्बंधित परियोजना पुनर्वास एवं पुसस्र्थापन नीति विषयक मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक

उत्तर प्रदेश

देहरादून: पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना से सम्बंधित पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन नीति विषयक मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक अध्यक्ष/सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सभागार में सम्पन्न हुई। जिसमें उपसमिति के संयोजक/वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत तथा सदस्य शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक तथा कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल उपस्थित थे।

बैठक में अध्यक्ष/सिंचाई मंत्री, वित्त मंत्री, शहरी विकास मंत्री तथा कृषि मंत्री द्वारा दिये गये सुझावों को डीपीआर में शामिल कर शीघ्र बैठक आयोजित के निर्देश दिये गये। ज्ञातव्य है कि भारत-नेपाल के मध्य महाकाली संधि-1996 के अन्तर्गत बनने वाले पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन के लिये कैबिनेट द्वारा मंत्रिमण्डलीय उपसमिति का गठन किया गया था, जिसके क्रम में उप समिति की बैठक हुई। जिसमें परियोजना की पृष्ठभूमि, विवरण, लाभ, पुनर्वास और पुनस्र्थापन, प्रभावितों की आजीविका, स्थानीय विकास क्षेत्र योजना, पर्यटन विकास एवं विविध विषयों पर कन्सलटेंट वैप्काॅस द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया।

उप समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से सुझाव दिये गये कि योजना से प्रभावित होने वाली राजकीय परिसम्पत्तियों का विस्तृत विवरण एवं प्रांक्कलन सम्बंधित विभाग तैयार कर सिंचाई विभाग के माध्यम से वैप्काॅस को प्रस्तुत करें। प्रभावित परियोजना की वर्तमान लागत तथा निर्माण के दौरान आने वाले सम्भावित अधिक लागत के अंतर को डीपीआर में शामिल करते हुए प्राविधान कराया जाए। राजकीय परिसम्पत्तियों में विद्यालय, राजकीय अस्पताल, पेयजल, सड़क आदि प्रभावित  परियोजना का विस्तृत प्रांक्कलन डीपीआर में शामिल कराया जाए।

मंत्रिमण्डलीय उपसमिति के अध्यक्ष/सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि डीपीआर में हमारी परिसम्पत्तियां जो उत्तर प्रदेश से हस्तांतरित नही हुई है का भी उल्लेख किया जाए, ताकि परियोजना से प्रभावितों के पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन हेतु जमीन की पर्याप्त उपलब्धता रहें। उन्होंने कहा यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप अवस्थापना विकास परियोजनाएं डीपीआर मंे शामिल करें। तथा यहां अवस्थित झीलों पर सी-पोर्ट की सम्भावनाएं भी तलाशी जाए तथा पर्यटन की दृष्टि से परियोजनाओं का प्राविधान भी डीपीआर में किया जाए।

वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत ने कहा कि परियोजना के बनने से प्रभावित होने वाले लोगों के हितों के संरक्षण के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बांध परियोजना से प्रभावित होने वाले लगभग 31023 परिवारों के पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन पर वैप्काॅस से विस्तार से चर्चा की एवं विस्थापित परिवारों को अन्यत्र बसाये जाने पर वहां राजकीय परिसम्पत्तियों यथा अस्पताल, विद्यालय, पेयजल, विद्युत, सड़क आदि बुनियादी सुविधाओं को डीपीआर में शामिल करने के निर्देश दिये, ताकि विस्थापित परिवारों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ तुरन्त मिल सकें। उन्होंने प्रभावितों के पशुओं के संरक्षण एवं आजीविका को परियोजना में सम्मिलित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक में इन सब सुझावों को तैयार करने के बाद दुबारा आयोजित की जाने वाली उप समिति की बैठक में पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन नीति को तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत किया जायेगा।  जिसके बाद कैबिनेट के निर्णय पर ही पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन नीति को अंतिम रूप दिया जायेगा।

शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन में सम्भावित समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए वैप्काॅस को सुझाव दिये तथा इन्हें डीपीआर में सम्मिलित करने के निर्देश दिये ताकि विस्थापितों के हित प्रभावित न हों। उन्होंने गृह निर्माण सहायता, मवेशी-शेड निर्माण, निर्वाह भत्ता आदि अनेक मदों में योजना निर्माण के समय की दरों को ध्यान में रखते हुए मानक तय करने के निर्देश दिये।

कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने टिहरी बांध परियोजना के पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन के अनुभवों पर प्रकाश डालते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिये। उनका कहना था कि बांध निर्माण के बाद आने वाली सम्भावित समस्याओं एवं बांध क्षेत्र के आस-पास के गंाव के हितों को भी संरक्षित करने का प्राविधान भी पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना पुनर्वास एवं पुनस्र्थापन नीति में किया जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव सिंचाई श्री आनन्द बर्द्धन, सचिव पेयजल श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा, सचिव चिकित्सा श्री नितेश झा, अपर सचिव श्री चन्द्रेश कुमार, राजकीय सिंचाई, जलसंस्थान के मुख्य अभियंता आदि उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More