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नगर विकास विभाग के तहत कराये जाने वाली विभिन्न प्रकार के कार्याें को ई-टेण्डरिंग के माध्यम से कराने की व्यवस्था की जाए: मुख्यमंत्री

नगर विकास विभाग के तहत कराये जाने वाली विभिन्न प्रकार के कार्याें को ई-टेण्डरिंग के माध्यम से कराने की व्यवस्था की जाए: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नगर विकास विभाग के तहत कराये जाने वाली विभिन्न प्रकार के कार्याें को ई-टेण्डरिंग के माध्यम से कराने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि 100 दिनों के अन्दर नगरों में पूर्ण साफ-सफाई सुनिश्चित करने के साथ सड़कों को गड्ढामुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि नगरों की सिटी बस व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण किया जाए। गर्मी की स्थिति को देखते हुए सभी स्थानों पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। आवश्यकता पड़ने पर हैण्डपम्पों/नलकूपों को रिबोर कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां शास्त्री भवन में नगर विकास विभाग का प्रस्तुतिकरण देखते हुए व्यक्त किये। उन्होंने अयोध्या-फैज़ाबाद तथा मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की स्थापना की सम्भावनाओं को तलाशने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी 14 नगर निगम अपने दायित्वों का भलीभांति निर्वाह सुनिश्चित करें, ताकि नगरों की दशा में सुधार हो और हमारे सभी नगर साफ-सुथरे, सुव्यवस्थित दिखायी दें।

श्री योगी ने कहा कि नगरीय सड़कों को चैड़ा करने के उद्देश्य से सड़कों पर आने वाले बिजली के खम्भों को शिफ्ट किया जाए। इससे अतिरिक्त जगह मिलेगी, जिससे ट्रैफिक सुचारु रूप से चल सकेगा। उन्होंने कहा कि सभी 14 नगर निगमों के अन्तर्गत पार्किंग का निर्माण किए जाने पर विचार किया जाए। उन्होंने आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने के लिए लखनऊ के कान्हा उपवन की तर्ज पर अन्य शहरों में भी यही व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मियों के मद्देनजर नगरीय क्षेत्रों में शाम के समय फाॅगिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर अतिक्रमण को रोकने के लिए एक फेरी नीति बनायी जाएगी, जिसके तहत खोमचे, ठेले तथा रेहड़ी वालांे को रजिस्टर करके उनका पुनर्वास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराये जाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना के तहत उत्तर प्रदेश का लगभग 700 करोड़ रुपये का शेयर पेण्डिंग पड़ा है, क्योंकि इसके लिए राज्य की तरफ से अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। उन्होंने इस स्थिति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस योजना के तहत केन्द्र को प्रस्ताव भेजकर आगे काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिये, ताकि शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराया जा सके और झुग्गी-झोपड़ी निवासियों को पुनर्वासित किया जा सके।

श्री योगी ने कहा कि खुले में शौच को रोकने के उद्देश्य से शौचालय निर्माण के तहत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत शौचालयों के निर्माण में तेजी लायी जाए। इसके साथ ही, सार्वजनिक शौचालयों की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने अधिकारियों को शहरों में शौचालय निर्माण की स्थिति का सर्वे करवाने के निर्देश दिये। जिन लोगों ने इस योजना के तहत शौचालय निर्माण अनुदान के लिए आवेदन किया है, उन्हें शीघ्र ही अनुदान उपलब्ध कराकर शौचालय का निर्माण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि साॅलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट की दिशा में भी नगरों में काफी कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कई शहरों में यह व्यवस्था न होने के कारण वे स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चयन में पिछड़ गये हैं। उन्होंने कहा कि शहरों में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेण्ट की दिशा में गम्भीरता से प्रयास किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेनवाॅटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से जल की कमी को पूरा किया जा सकता है। अतः यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि मकानों का नक्शा तभी पास होगा, जब उनमें रेनवाॅटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

श्री योगी ने अधिकारियों से स्मार्ट सिटी योजना में शामिल शहरों के विषय में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इन शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए जिन मापदण्डों पर काम किया जाना है, उन्हें तेजी से पूरा किया जाए। उन्होंने जे0एन0एन0यू0आर0एम0 के तहत कराये जा रहे कार्याें की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली और कार्याें की गुणवत्ता पर असन्तोष व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि इसके तहत कराये जाने वाले कार्याें के लिए जल निगम कार्यदायी संस्था थी। उन्होंने नगर विकास मंत्री के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर जल निगम द्वारा आवंटित कार्याें की जांच के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने आगरा में स्थापित की जा रही जायका सहायतित आगरा जल सम्पूर्ति (गंगा जल) परियोजना के तहत मथुरा-वृन्दावन को भी जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस योजना को हर हाल में मार्च, 2018 तक पूरा किया जाए। उन्होंने जल निगम के कार्याें पर असन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि निगम की कार्य पद्धति तथा संस्कृति में अत्यधिक सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कानपुर, मेरठ, अलीगढ़, बरेली, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में चलायी जा रही जलापूर्ति योजनाओं को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये, ताकि लोगों को पेयजल की उपलब्धता आसानी से सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने जल निगम द्वारा संचालित ओवरहेड टैंक्स की स्थिति में सुधार लाने के भी निर्देश दिये।

श्री योगी ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जा रही जलापूर्ति योजनाओं को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को पूरा करने में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए और इन्हें हर हाल में समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्र के निवासियों को गर्मी के मौसम के साथ-साथ वर्ष पर पेयजल मिलने में कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि जल निगम अपने कार्यकलापों में सुधार लाते हुए सभी योजनाओं को भलीभांति पूरा करे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के सदस्यगण तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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