लखनऊ: प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण
मंत्री, श्री ओम प्रकाश राजभर ने दिव्यांगजनों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों एवं अन्य सुविधाओं की जानकारी देने के लिए दिव्यांगजन हेल्पलाइन-0522-2286188 का आज यहां निशातगंज स्थित विद्या भवन के सभाकक्ष में शुभारम्भ किया। इस अवसर पर श्री राजभर ने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि दिव्यांगजनों को सशक्त करने के लिए त्वरित गति से उन तक अधिक से अधिक जानकारी पहुंचायें, ताकि वे अपने घर से ही विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि अब सुदूरवर्ती क्षेत्रों मंे निवास करने वाले दिव्यांगजन घर में बैठकर ही हेल्पलाइन पर फोन करके अपनी विभिन्न जिज्ञासाओं एवं समस्याओं का निदान कर सकते हैं। इससे एक ओर जहां दिव्यांगजनों का इधर-उधर भटकने में समय बचेगा वहीं दूसरी ओर उन्हें त्वरित गति से विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने हेल्पलाइन पर पहली काॅल करके दिव्यांगजनों के लिए चलाई जा रही पेंशन योजना, कृत्रिम अंग तथा सहायक उपकरण प्राप्त करने के सम्बन्ध में जानकारी हासिल कर हेल्पलाइन का शुभारम्भ किया।
प्रमुख सचिव, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, श्री महेश कुमार गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं एवं उनको लाभान्वित किये जाने के लिए कई कार्यक्रम बनाये गये हैं। इसके तहत सामाजिक सुरक्षा, उनकी शैक्षिक, आर्थिक एवं रोजगार के सम्बन्ध में लाभप्रद योजनाएं संचालित हैं। इन योजनाओं की जानकारी न होने के कारण दिव्यांगजनांे को समय से इन सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। दिव्यांगजनों को इस हेल्पलाइन नम्बर से घर बैठकर ही जानकारी मिलेगी और जानकारी मिलने से उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ त्वरित गति से मिल सकेगा।
इस अवसर पर श्री राजभर ने बचपन-डे-केयर सेन्टर के श्रवण बाधित तीन से सात वर्ष की आयु वर्ग के 10 मूक बधिर बच्चों को हियरिंग ऐड का वितरित किये। उन्होंने बताया कि बचपन-डे-केयर सेन्टर अभी प्रदेश के 10 जनपदों में ही चल रहा है, जिन्हें अब 10 और मण्डलों में शुरू कराया जा रहा है।
इस अवसर पर दृष्टि बाधित बच्चों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। समारोह में निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, श्री अनूप कुमार यादव, संयुक्त निदेशक मुख्यालय श्री अखिलेन्द्र कुमार एवं डा. ए.के. वर्मा, कुलसचिव डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय सहित दिव्यांग्ता से सम्बन्धित संघों एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।