28 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

तोरी-बालूमठ रेल लाइन और बालूमठ-सीसीएल साइडिंग राष्ट्र को समर्पित

देश-विदेश

नई दिल्ली: रेल राज्य मंत्री एवं संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा ने आज तोरी-बालूमठ रेल लाइन और बालूमठ-सीसीएल साइडिंग को राष्ट्र को समर्पित किया। रेल भवन में वर्चुअल कांफ्रेंसिंग के जरिये गाड़ी को झंडी दिखाकर रवाना करते हुए श्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘झारखंड के लातेहार क्षेत्र से प्रतिदिन लगभग 170 मिलियन टन कोयले के यातायात को दुरुस्त करने की आवश्यकता महसूस हो रही थी। वर्ष 2005-06 से ही तोरी-शिवपुरी 44 किलोमीटर लम्बी नई रेलवे लाइन को मंजूरी दे दी गई थी। वर्ष 2013-14 तक इसकी प्रगति काफी धीमी थी और केवल 145 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाये थे। माननीय प्रधानमंत्री के प्रगति पोर्टल में शामिल होने के बाद परियोजना कार्य में तेजी आई और लगभग 1063 करोड़ रुपये की लागत से परिणामस्वरूप 19.3 किलोमीटर तोरी-बालूमठ सेक्शन को पूरा कर लिया गया है। इस परियोजना की संशोधित स्वीकृत लागत 1589 करोड़ रुपये है। इस खंड में तोरी से बालूमठ तक की 19.3 किलोमीटर रेल लाइन को कमीशन कर दिया गया है, जो रेल मंत्रालय और झारखंड सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।’

तोरी-शिवपुर नई लाइन (44.0 किलोमीटर) को मुख्य रूप से लातेहार और चतरा जिलों (झारखंड) के आम्रपाली तथा मगध
कोयला खानों से कोयला निकालने के लिए निर्मित किया जा रहा है। इस क्षेत्र में अपार कोयला भंडार मौजूद हैं। तोरी से 
बालूमठ लाइन के बीच 3 स्टेशन, 5 बड़े पुल, 7 ओवर ब्रिज और 39 छोटे पुल पड़ते हैं। आरंभिक आकलन के अनुसार कोल
 इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने  विभिन्न कोयला ब्लाकों से रोजाना लगभग 80 रेक कोयला निकालने का प्रस्ताव किया है।
 रेल नेटवर्क से आम्रपाली और मगध कोयला खानों को जोड़ने के लिए सीआईएल 2 साइडिंग का विकास कर रहा है।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों तथा खासतौर से निर्माण इकाई के इंजीनियरों को बधाई दी,
 जिन्होंने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों की चुनौतियों के बावजूद निर्माण कार्य पूरा करने में सहायता दी। तोरी-शिवपुर रेल 
लाइन परियोजना का वित्त पोषण सीआईएल की सहायक कोयला उत्पादन कंपनी सेन्ट्रल कोल फील्ड लिमिटेड (सीसीएल) 
द्वारा किया जा रहा है।
तोरी-बालूमठ रेल लाइन और बालूमठ –सीसीएल साइडिंग के चालू हो जाने से पहले चरण में प्रतिदिन 5 से 6 रेक कोयला
निकालने में सुविधा होगी। इस तरह वार्षिक रूप से 6 से 7 मिलियन टन कोयला निकाला जाएगा। तोरी-शिवपुर-काठौतिया
रेल लाइन खंड के पूरा हो जाने पर झारखंड के उत्तर करमपुरा कोयला खानों से हर वर्ष लगभग 100 एमटी कोयला निकालने 
में सुविधा हो जाएगी। केंद्र और राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग से सीसीएल ने पिछले 4 वर्षों के दौरान लंबित कई 
परियोजनाओं को चालू किया है। इनमें मगध ओसीपी और आम्रपाली ओसीपी जैसी 2 मेगा कोयला खनन परियोजनाएं 
शामिल हैं।
क्र. स. पूरी हो जाने वाली कोयला खनन परियोजनाओं के नाम क्षमता (एमटीवाई) कमीशन होने की मूल तिथि कमीशन होने की वास्तविक तिथि
1 मगध ओसी 51 (नॉरमेटिव)/ 70 (पीक) अप्रैल, 2006 मई, 2015
2 आम्रपाली ओसी 25 (नॉरमेटिव)/ 35 (पीक) अप्रैल,  2006 मई, 2014

रेलवे की सहायता से सीसीएल/ सीआईएल द्वारा पूरी होने वाली 2 कोयला उत्खनन परियोजनाएं :

क्र. स. पूरी हो जाने वाली कोयला उत्खनन परियोजनाओं के नाम क्षमता(एमटीवाई) कमीशन होने की मूल तिथि कमीशन होने की वास्तविक तिथि
1 पीपरवार-मक्लसकीगंज रेलवे लाइन (राजधर साइडिंग तक) 24 मार्च, 1998 जुलाई, 2017
2 तोरी-शिवपुर रेल लाइन

(तोरी-बालूमठ सेक्शन)

48 2006 मार्च, 2018
सीआईएल और भारतीय रेल ने निम्नलिखित निर्माण की भी योजना बनाई है –
  1. तोरी से शिवपुर तक की रेल लाइन की ट्रिपलिंग
  2. तोरी स्टेशन पर आरओआर फ्लाइ ओवर का निर्माण और माहुआमिलान स्टेशन यार्ड से तीसरे चरण की संपर्कता
  3. शिवपुर – काठौतिया रेल लाइन संपर्कता (संयुक्त उद्यम के माध्यम से)

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More