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तनावपूर्ण माहौल में सुरक्षा बलों की कार्य क्षमता बनाए रखने के लिए खेलकूद अपरिहार्य आवश्यकता: उपराष्ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्ली: 67 वें अखिल भारतीय पुलिस एथेलेटिक्स प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि पुलिस बल लंबे समय तक दुरूह और तनावभरी  परिस्थितियों में तैनात रहते है।  उन्होंने कहा कि ऐसी  परिस्थितियों में खेल कूद सुरक्षा बलों की  कार्य क्षमता और मनोबल बनाए रखने के  लिए  आवश्यक हैं। उन्होंने कहा स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। इसके लिए सुरक्षा बालों में योग और ध्यान  को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने सुरक्षा बलों द्वारा  खेल संस्कृति तथा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की सराहना की। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने हरियाणा जैसे प्रदेश पुलिस बल द्वारा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को पुलिस सेवा में अवसर दिए जाने की भी सराहना की।

कश्मीर और पूर्वोत्तर में किए गए सफल प्रयोगों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि खेल कूद से स्थानीय समुदायों और युवाओं के बीच  सुरक्षा बलों की भूमिका की स्वीकार्यता बढ़ी तथा परस्पर विश्वास विकसित हुआ। उन्होंने कहा ऐसे सफल प्रयोगों से स्थानीय खेल प्रतिभाओं को खोजने में सहायता मिली। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सुरक्षा बलों के खिलाड़ियों को प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

पुलिस कर्मियों की सराहना करते हुए श्री नायडू ने कहा कि उनका अनुशासन, कौशल, कार्य क्षमता, नेतृत्व क्षमता तथा टीम वर्क की भावना उन्हें किसी भी संगठन या समुदाय का महत्वपूर्ण अपरिहार्य सदस्य बनाती है और समुदाय उनसे नेतृत्व की अपेक्षा रखता है।

आईबी निदेशक की अध्यक्षता में ऑल इंडिया पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड पुलिस बलों में खेल कूद को प्रोत्साहित करता है। केंद्रीय सुरक्षा बल क्रमशः अखिल भारतीय एथेलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं। इस वर्ष इस प्रतियोगिता का आयोजन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा किया जा रहा है। इन प्रतियोगिताओं में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों के लगभग 1100 प्रतियोगी भाग ले रहे हैं।

प्रतियोगी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए उपराष्ट्रपति ने ओलंपिक के आदर्श वाक्य faster, higher, stronger    उल्लेख  किया और कहा कि आपकी स्पर्धा सिर्फ साथी प्रतिभागियों से ही नहीं बल्कि स्वयं अपने आप से है कि आप अपनी क्षमताओं को किस सीमा तक बढ़ा सकते है। उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि इन खेलों से  अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व कर सकने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ी मिल सकेंगे।

Sports are the need of the hour and everyone, irrespective of his/her age, should take part in at least one sport. Physical activity not only improves physical health but also improves mental health as well.

Following is the text of Vice President’s address:

“67वीं अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चेंपियनशिप-2018 के उद्घाटन समारोह में आपके बीच आकर मुझे अत्यन्त हर्ष की अनुभूति हो रही है। अनुशासित बलों द्वारा इस भव्य आयोजन का साक्षी होना मुझे आशान्वित और गौरवान्वित करता है। प्रतियोगिता में भाग ले रहे सभी एथलीट खेलों की स्वस्थ परम्परा के अनुरूप भाग लेकर अपनी टीमों के लिए पदक जीतने की कोशिश करेंगे। मुझे  बताया गया कि प्रतियोगिता में लगभग 1100  खिलाड़ी भाग  ले रहे हैं।  यह आशाजनक संख्या है। सभी खिलाड़ियों को मेरी शुभकामनाएँ।

मित्रों,

एक पुरानी कहावत है कि ”स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क” का वास होता है। आप जिन विषम परिस्थितियों में लंबे समय तक कार्य करते हैं, उसके लिए स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मानस अपरिहार्य आवश्यकताएँ हैं। नियमित व्यायाम, पोषक खानपान, खेलकूद विशेषकर टीम आधारित खेल –आपकी कार्य क्षमताओं को बढ़ाते हैं। जीवन और कार्य के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक होते हैं। इसी शृंखला में सुरक्षा बलों में योग और ध्यान को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुझे विश्वास है कि ये खेल आपको अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी विजयी होने की प्रेरणा और उत्साह देंगे और आप अपने संगठन, राज्य व देश का नाम रोशन करेंगे।

मित्रों,

एथलेटिक्स को Mother of all sports कहा जाता है। आपकी स्पर्धा न सिर्फ सहभागियों से है बल्कि स्वयं अपने आप से है। आप अपनी क्षमता को किस सीमा तक बढ़ा  सकते है, यह आपके प्रशिक्षण और मैदान  में आपके प्रयास पर निर्भर करेगा।  Olympic का Motto है- faster, higher and stronger. आगामी दिनों में आपको इसे जीना है।

इस प्रकार की प्रतिस्पर्धाऐं न केवल पूरे देश के राज्यों और केन्द्रीय पुलिस बलों के कार्मिकों को एक साथ लाती हैं, बल्कि उन्हें प्रतिस्पर्धा के लिए उत्कृष्ट मंच प्रदान करती हैं और आपसी सौहार्द को भी बढ़ाती हैं। पिछले कुछ वर्षों में पुलिस खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों, ओलम्पिक खेलों, समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय  खेल प्रतिस्पर्धा में एक अलग पहचान बनायी है एवं देश में ट्रैक और फील्ड खेलों के स्तर को बढ़ाने के लिए योगदान दिया है।

डेकथलन में पद्मश्री गुरवचन सिंह रंधावा, 10,000 मीटर की दौड़ में हरीचन्द, हैमर थ्रो में रघुवीर सिंह बल और प्रवीण कुमार, परमजीत सिंह, पोलवाल्ट में विजय पाल सिंह सहित अनेक पुरुष एवं महिला पुलिस खिलाड़ियों ने उल्लेखनीय प्रदर्शन से अपने देश और संगठन का नाम रोशन किया है। पुलिस के नामी खिलाड़ियों की सूची लम्बी है इस प्रकार के आयोजनों से  मुझे आशा है कि आगामी वर्षो में  इस सूची में अनेक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के नाम जुड़ते रहेंगे।

मुझे हर्ष है कि पुलिस खेल-कूद हेतु All India Police Sports Control Board कार्यरत है तथा पुलिस खेलों को संचालित व प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी निभा रहा है। मैं आशा करूंगा कि बोर्ड पुलिस बलों के लिए स्टेडियम, Infrastructure तथा सतत प्रशिक्षण के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराये। यदि संभव हो तो आप संबंधित मंत्रालय या प्राधिकरण से सहयोग प्राप्त करें।

मुझे विश्वास है कि अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चेम्पियनशिप पुलिस बलों के आपसी ताल मेल को मजबूत करने में योगदान देता है। मुझे खुशी है कि सम्पूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों व प्रांतों के पुलिस बल के सदस्य भी यहाँ एकत्रित हुए हैं। बलों के बीच एकता, ताल-मेल और बंधुत्व की भावना इस प्रकार की प्रतिस्पर्धा से और बेहतर हो सकती है।

मुझे हर्ष है कि सुरक्षा बलों में खेल संस्कृति को जीवित रखा गया है। आप अपने कर्मियों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करते हैं, उन्हें अवसर प्रदान करवाते हैं। आप उदीयमान खिलाड़ियों को सुरक्षा बल में सेवा करने का अवसर भी देते हैं। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने में हरियाणा जैसे कुछ प्रदेश पुलिस बलों की भूमिका सराहनीय रही है।

राज्य सभा में हमने परंपरा प्रारंभ की है कि देश के प्रतिभावान खिलाड़ियों की अंतराष्ट्रीय उपलब्धियों का उल्लेख सदन की पीठ से किया जाता है। पूरा सदन एकमत से सभी खिलाड़ियों की उपलब्धियों का अभिनंदन करता है। मुझे हर्ष होगा कि मुझे भविष्य में पुलिस बलों के प्रतिभावान खिलाड़ियों की उपलब्धियों का उल्लेख करने का अवसर प्राप्त हो।

मित्रों, आप में अनुशासन, कौशल, नेतृत्व और Team Work और प्रतिस्पर्धा की भावना है। ये गुण आपको किसी भी संगठन या समुदाय का एक महत्वपूर्ण अपरिहार्य सदस्य बनाते हैं। आपका संगठन या समुदाय आपसे कुशल नेतृत्व  और कार्य कौशल की अपेक्षा करता है।

मैं आशा करूँगा कि प्रतिभावान पुलिस खिलाड़ियों को खेल प्रशिक्षक के रूप में  भी प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे वे बाद में अपने बलों में, स्थानीय विद्यालयों तथा शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षक बन सकें। आप प्रायः दुर्गम, दुरूह परिस्थितियों में कार्य करते हैं। स्थानीय समुदायों, युवाओं के साथ सौहार्द और विश्वास बढ़ाने में खेल कूद, बहुत सहायक सिद्ध हो सकते हैं। कश्मीर और पूर्वोत्तर में ऐसे प्रयोग विश्वास बढ़ाने में बहुत सार्थक रहे हैं और इन प्रयोगों से स्थानीय युवा खेल प्रतिभाओं को भी खोजा जा सका है। स्थानीय समुदाय में पुलिस बलों की भूमिका की स्वीकार्यता बढ़ी हैं।

मैं इस 67वें अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चेम्पियनशिप-2018 में भाग लेने आए सभी 1100 प्रतिभागियों को मैं शुभकामनाएँ देता हूँ। मित्रों, पदक और ट्राफियों की चमक तो समय के साथ फीकी हो सकती है, लेकिन आप जो प्रयास करेंगे, जिस खेल भावना को जिएंगे, वह जीवनभर आपके साथ स्मृति रूप में रहेंगे।

मैं सभी भाग लेने वाली टीमों, अधिकारियों और प्रशिक्षकों को अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चेम्पियनशिप हमारे पुलिस बल के कर्मियों के श्रेष्ठ प्रदर्शन को सबके सम्मुख लाने का सशक्त माध्यम रहा है।  इतने महत्वपूर्ण एथलेटिक्स चेम्पियनशिप का आयोजन करने के लिये मैं सीआर्इएसएफ को बधार्इ देता हूँ तथा इस आयोजन की सफलता की शुभकामनाएँ देता हूँ।

मुझे उम्मीद है कि यह स्पर्धा निश्चित रूप से नए कीर्तिमान और उत्कृष्टता के नये मानक स्थापित करेगी, साथ ही भविष्य में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करेगी। मेरी आप सभी को शुभकामनाएं।

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