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जानें क्या है बराक मिसाइल की खासियत, किस-किस के पास है ऐसी मिसाइल

देश-विदेश

भारत ने नेवी के लिए 460 करोड़ रूपये की लागत से जिन 131 बराक मिसाइलों को खरीदने की मंजूरी दी है, उनसे ऐसा माना जा रहा है कि ना सिर्फ सामुद्रिक ताकत में इजाफा होगा बल्कि हवाई क्षेत्र में खामियों की भी भरपाई हो पाएगी। 460 करोड़ रुपये की कीमत पर इजराइल की कंपनी राफेल इनकी सप्लाई करेगी। धरती से हवा में मार करने वाली इन मिसाइलों का इस्तेमाल शिप पर ऐंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के तौर पर किया जाएगा। यह सिस्टम ऐंटी शिप मिसाइलों को रोकने का काम करेगा।

आइये जानते हैं क्या है इस बराक मिसाइल की खासियत और इसके समांतर और कौन सी मिसाइलें दुनियाभर में हैं-
बराक 8 मिसाइल- 
-बराक-8 सिस्टम खास तकनीक MF-STAR (मल्टीफंक्शन सर्विलांस एंड थ्रेट अलर्ट रडार) से लैस है। इसका डाटा लिंक वेपन सिस्टम मैक्सिमम 100 किमी की रेंज तक दुश्मन की मौजूदगी भांपकर उसे 70 किमी के दायरे में तबाह कर देता है।
-बराक 8 जहाजों पर लगानेवाला एक एयर डिफेंस सिस्टम है जिससे जहाज को एंटी शिप मिसाइल, लड़ाकू विमान, मानव रहित विमान और हैलिकॉप्टर से रक्षा करता है।
-बराक 8 एक मल्टीलेयर्ड डिफेंस सिस्टम नहीं है। यह सिंगल इंटरसेप्टर मिसाइल है।
–बराक 8 को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह किसी भी गति में रहनेवाले क्रूज मिसाइल को एयरक्राफ्ट को इंटरसेप्ट कर सके। इसे अपने लक्ष्य को निशाना बनाने में कोई दिक्कत नहीं आती जो तेजी से अपनी जगह बदल रहा होता है। इस पर लंबी दूरी के एक्टिव रेडार लगे होते हैं।

एस 400
एस-400 को सबसे अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है जो किसी भी तरह के वायु हमले चाहे वो बैलिस्टिक मिसाइल हो या फिर अमेरिकी बमवर्षक विमान एफ-35 उसे रोकने में सक्षम है। इससे एक साथ 36 टारगेट पर 72 मिसाइल से निशाना बनाया जा सकता है।
विशेषताएं-
-एस-400 रूस का जमीन आधारित एयर डिफेंस सिस्टम है। यह रूस के पास है जहां हाल में ही चीन ने एस-400 की पहली शिपमेंट हासिल की है। भारत ने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के 5 यूनिट का आर्डर दिया है।
-एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम की चीजों से रक्षा करता है। यह बैलिस्टिम मिसाइल यहां तक की आईसीबीएम, क्रूज मिसाइल, लड़ाकू विमान, बॉम्बर्स, मानव रहित विमानों और हेलिकॉप्टरों को भेजने में सक्षम है।
-एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम का रेंज 400 किलोमीटर का है। इसका रेडार 600 किलोमीटर तक के रेंज में किसी भी तरह के खतरे को भांप लेता है।
-एस 400 एक मल्टीलेयर्ड डिफेंस सिस्टम है। इसमें तीन तरह के अलग-अलग रेंज के इंटरसेप्टर मिसाइल लगे हैं।

आयरन डोम
-आयरन डोम एक सी-रैम (काउंटर- रॉकेट आर्टिलरी मोर्टार) सिस्टम है जिसका काम आबादी वाले हिस्से में निशाना लगाकर दागे गए राकेट या आर्टिलगी शेल्स को इंटरसेप्ट कर उसे खत्म करना है।
– ‘आयरन डोम’ एक मोबाइल वायु रक्षा प्रणाली है। इसे इजरायल की सरकारी रक्षा एजेंसी ‘राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स’ की ओर से डेवलप किया गया है।
– इसे रक्षा मिसाइल बैटरी भी कहते हैं। पूरे इजरायल में इस तरह की सात रक्षा मिसाइल बैटरी लगी हुई है। हर बैटरी इंटरसेप्ट मिसाइल क्षमता से लैस है। इसे सिक्योर्ड वायरलेस कनेक्शन के जरिए ऑपरेट किया जाता है।
– आयरन डोम में एक रडार यूनिट, मिसाइल कंट्रोल यूनिट और कई लॉन्चर्स शामिल हैं। यह रक्षा प्रणाली हर मौसम में काम करने में सक्षम है। 70 किमी के दायरे में आयरन डोम से निकली एंटी मिसाइल हमास रॉकेट को हवा में नेस्तनाबूत कर देती है।
– ‘आयरन डोम’ का पहला परीक्षण नवंबर 2012 में किया गया था। इजरायली अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने बीते दस दिनों में 90 फीसदी रॉकेट हमलों को नाकाम किया।
– हालांकि, यह तकनीक किसी निर्जन या सुनसान जगह पर होने वाले रॉकेट हमलों को विफल नहीं करती। इसका मकसद रिहायशी इलाकों को सुरक्षा प्रदान करना है।
– हमास द्वारा किए जा रहे 90 फीसदी रॉकेट हमलों को इस डिफेंस तकनीक के जरिए इजरायल ने नाकाम किया है।
– सबसे पहले आयरन डोम सिस्टम, रॉकेट की पहचान करता है। इसके बाद रेंज और निशाने पर लिए गए क्षेत्र की दिशा की जांच करता है। इसके बाद वॉर्निंग सायरन बजाया जाता है। सायरन के बाद स्थानीय लोगों के पास सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए 30 से 90 सेकंड का समय होता है। इसके बाद नुकसान का अंदाजा लगाते हुए आयरन डोम ऑपरेटर्स काउंटर मिसाइल लॉन्च करता है और रॉकेट को हवा में नष्ट कर देता है।

Live हिन्दुस्तान

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