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जनपदों में लोक शिकायतों के निस्तारण की स्थिति की मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा

जनपदों में लोक शिकायतों के निस्तारण की स्थिति की मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनशिकायतों के प्रभावी निस्तारण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक स्तर पर एक कोर टीम बनाकर 30 जून, 2017 तक लम्बित सभी शिकायतों को, अभियान चलाकर 31 जुलाई, 2017 तक निस्तारित करना सुनिश्चित करें। साथ ही, इस सम्बन्ध में अपने से एक स्तर उच्चतर अधिकारी को अपना प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे। जनपद स्तर पर जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त एवं आई0जी0 जोन अथवा ए0डी0जी0पी0 द्वारा जनशिकायतों के निस्तारण की साप्ताहिक समीक्षा की जाए। मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक द्वारा शिकायतों के निस्तारण की मासिक समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में जनपदों में जनसमस्याओं के गुणवत्तापरक समाधान की स्थिति की वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने 14 जनपदों के जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/ पुलिस अधीक्षकों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की और लोक शिकायतों के निस्तारण की स्थिति को परखा। लगभग 03 घण्टे की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की अवधि में मुख्यमंत्री जी ने 67 प्रकरणों के निस्तारण के विषय में जनपदीय अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने समस्याओं के निस्तारण से संतुष्टि के सम्बन्ध में शिकायतकर्ताओं से भी सीधे बात की। प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है, जब किसी मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ताओं से उनकी समस्याओं के निराकरण के सम्बन्ध में सीधे बात की है। मुख्यमंत्री जी जनसमस्याओं के निस्तारण की गुणवत्ता के सम्बन्ध में प्रत्येक महीने 24 घण्टे की नोटिस पर इसी प्रकार वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों के साथ समीक्षा करेंगे।

योगी जी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य में संवेदनशील एवं पारदर्शी शासन देने के लिए कृत संकल्प है। संवेदनशील शासन के लिए आवश्यक है कि जनसमस्याओं का त्वरित गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध निस्तारण हो। जनसमस्याओं का उसी स्तर पर निस्तारण हो जाना चाहिए, जिस स्तर पर निस्तारण अपेक्षित है। जिन समस्याओं का निस्तारण तहसील, थाना, ब्लाॅक स्तर पर होना है, उनका निराकरण तहसील, थाना, ब्लाॅक स्तर पर ही होना चाहिए। क्योंकि वर्तमान सरकार ‘आपकी सरकार, आपके द्वार’ की नीति में विश्वास रखती है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनता दर्शन में प्रतिदिन बड़ी संख्या में प्रार्थना-पत्र आते हैं। इनमें अधिकतर प्रार्थना-पत्र चकरोड की पैमाइश न होना, अविवादित वरासत दर्ज न होना, दबंग व्यक्तियों द्वारा सम्पत्तियों पर जबरन कब्जा कर लिया जाना, भू-माफियाओं द्वारा सार्वजनिक भूमि, तालाब आदि पर कब्जा किया जाना, गम्भीर आपराधिक घटना की एफ0आई0आर0 दर्ज न किया जाना तथा दर्ज एफ0आई0आर0 की विवेचना में अत्यधिक समय लिया जाना आदि के सम्बन्ध में होते हैं, इनका सहजता से त्वरित निस्तारण स्थानीय स्तर की प्रशासनिक इकाइयों द्वारा ही किया जा सकता है। समस्याओं का त्वरित और समयबद्ध निराकरण न होने से जनता में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शिकायतें आना प्रशासन का जनता से संवाद न होने से है। जनसमस्याओं के निकारण के लिए जो स्तर निर्धारित है, उसी स्तर पर निराकरण होने से लोगों का अनावश्यक समय, धन एवं परिश्रम नष्ट नहीं होगा और सरकार का संवेदनशील और पारदर्शी प्रशासन मुहैया कराने का लक्ष्य मूर्त रूप ले सकेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उच्च स्तर पर शिकायतों की गुणवत्ता का परीक्षण किए जाने पर यह देखा जा रहा है कि शिकायतों के निस्तारण में सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा गम्भीरता नहीं दिखायी जा रही है। शिकायत निवारण की गुणवत्ता बहुत खराब है और अनेक शिकायतें लम्बी अवधि (06 माह से भी अधिक) से लम्बित हैं। समस्याओं के सम्यक समाधान के लिए यह आवश्यक समझा गया कि जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों से संवाद कर समस्याएं समझी जाएं तथा फरियादियों से भी बात की जाए।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री जी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समयबद्ध अभियान चलाकर गरीबों को पात्र गृहस्थी अथवा अन्त्योदय राशन कार्ड उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। किसी भी व्यक्ति की भूख की वजह से मृत्यु सभ्य समाज और सरकार के लिए शर्मनाक है। किसी भी व्यक्ति की भूख से मौत होने पर सम्बन्धित जिलाधिकारी और जिलापूर्ति अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को टीम भावना के साथ समन्वय बनाकर कार्य करना चाहिए। बारिश की वजह से जल जमाव एवं बाढ़ की समस्याएं आएंगी। बाढ़ के सम्बन्ध में निरोधात्मक कार्रवाई पहले से कर ली जाए। सावन मास में कांवड़ यात्राएं संचालित होंगी। इस सम्बन्ध में शासनादेश निर्गत कर दिया गया है। शासनादेश का अनुपालन करते हुए इन यात्राओं को सुगमता से सम्पादित कराया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मण्डलीय बैठकों में कानून-व्यवस्था को लेकर सख्त रुख अपनाने के बारे में शासन की मंशा स्पष्ट कर दी गई है। इस मामले में शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। बिना भेदभाव के एफ0आई0आर0 दर्ज कर आवश्यकतानुसार गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई की जाए। जघन्य मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाया जाए। जेल में बंद अपराधियों के मामलों में समुचित पैरवी की जाए। उन्होंने कहा कि आपसी रंजिश के कारण घटित होने वाले अपराधों पर नियंत्रण के लिए विवाद के सामने आते ही सम्बन्धित पक्षों को पाबन्द किया जाए। अपराध होने पर सही तथ्यों को सामने लाया जाए। अपराधियों को बचाने की कोशिश न हो, क्योंकि इससे नये अपराधों का जन्म होता है।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री जी ने जनपद आजमगढ़ के नायक द्विवेश शर्मा, सुश्री सालेहा, श्री शिवचन्द्र यादव, श्री रमेश चन्द्र पवार, श्री महेश यादव, श्री अरविन्द सरोज, जनपद वाराणसी के श्री रोहित, बीनू सिह, श्री संतोष, श्री देवेन्द्र राव, श्री गुलाब चन्द तिवारी, जनपद लखनऊ के श्री लेखराज, श्री विजय जैसवाल, श्री शुभम सिंह, डाॅ0 भोला प्रसाद यादव, श्री रविन्द्र अग्रवाल, जनपद इलाहाबाद के श्री आकाश पाण्डे, श्री ताज मोहम्मद, सुश्री शिवकन्या अग्रहरि, श्री राम सिंह, श्री जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, प्रतापगढ़ के श्री सूर्य प्रकाश शुक्ला, श्री रमाशंकर, श्रीमती गौतमी देवी, श्री दिलीप कुमार, श्री श्रवण कुमार पाण्डे, श्री टी0के0 तिवारी, सीतापुर के श्री अशरफ अली, श्री शिवराज, श्री सीताराम सिंह, श्री विष्णु यादव, श्री रमेश यादव आदि, जनपद हरदोई के श्री विवेक सिंह, सुश्री सन्नो, श्री धर्मपाल, श्री शकील अहमद, पंचायत भीखपुर ऐमा के प्रार्थीगण की शिकायतों/समस्याओं के निस्तारण के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।

इसी क्रम में योगी जी ने जनपद बाराबंकी के श्री सतीश कुमार, श्री मोहर्रम अली, श्री रामकुमार सिंह, श्री रमेश कुमार, श्री संजय कुमार, श्री शत्रोहन लाल, जनपद सुल्तानपुर के श्री भूपेश कुमार शर्मा, सुश्री भानमती, श्री मनोज कुमार सिंह, श्री शिवसागर द्विवेदी, श्री अच्छेलाल, जनपद गौतमबुद्धनगर के श्री विजेन्द्र सिंह, श्री जितेन्द्र सिंह, श्री असीम नाथ त्रिपाठी, श्री राकेश कुमार, जनपद मिर्जापुर के श्री राम रेखा दुबे, सुश्री शांति देवी, श्री संजीव कुमार, सुश्री गुलाबी देवी, जनपद गोरखपुर के श्री राधेश्याम, श्री सतीश कुमार, श्री नजीर अहमद, सुश्री निर्मला देवी, कानपुर नगर की सुश्री सरस्वती देवी, श्री अजय कुमार, श्री सुरेश चन्द्र गुप्ता, श्री महेश चन्द्र त्रिवेदी, जनपद उन्नाव के श्री नीरज भारत, श्री कपूर चन्द्र बाजपेई, श्रीमती विमला एवं श्रीमती सावित्री देवी की शिकायतों के निस्तारण के सम्बन्ध में भी जनपदीय अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मौजूद शिकायतकर्ताओं जनपद प्रतापगढ़ के श्री सूर्य प्रकाश शुक्ला, श्री त्रिवेणी कुमार तिवारी, जनपद सीतापुर के श्री सीताराम सिंह के पुत्र, जनपद बाराबंकी के श्री मोहर्रम अली से मुख्यमंत्री जी ने स्वयं बात कर शिकायत के समाधान की स्थिति तथा निराकरण के प्रति उनकी संतुष्टि के बारे में जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री जी ने शिकायतों के निस्तारण में शिकायतकर्ता से सम्पर्क तथा सभी पक्षों से संवाद बनाकर समस्या का समाधान निकालने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि शिकायतों का निराकरण गुण-दोष के आधार पर संवेदनशीलता के साथ किया जाए। शिकायतों को लम्बित रखने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाए। जिलाधिकारियों द्वारा शिकायतों को सम्बन्धित उपयुक्त अधिकारी को ही संदर्भित किया जाए। शिकायतों का निस्तारण शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में समयबद्ध ढंग से किया जाए। समय पर समाधान न होने पर मामूली समस्याएं बड़े विवाद का रूप ले लेती हैं। उन्होंने कहा कि निस्तारण सम्बन्धी कार्रवाई को आई0जी0आर0एस0 के पोर्टल पर तत्परता से अपलोड भी किया जाए। शासन को शिकायत के समाधान के सम्बन्ध में गलत आख्या देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने जनशिकायतों के निस्तारण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 10 जनपदों आजमगढ़, वाराणसी, लखनऊ, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, सुल्तानपुर एवं गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारियों तथा लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, वाराणसी, इलाहाबाद, मिर्जापुर, गोरखपुर, कानपुर नगर, उन्नाव तथा प्रतापगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों से वार्ता की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री सुलखान सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री राज प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री शशि प्रकाश गोयल, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव गृह श्री अरविन्द कुमार, सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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