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चौथे अनुमानों के अनुसार चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज एवं कुल खाद्यान का अब तक का सर्वाधिक उत्पादन हुआ है: श्री राधा मोहन सिहं

कृषि संबंधितदेश-विदेश

नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिहं ने कहा है कि चौथे अनुमानों के अनुसार चावल का उत्पादन 110.15 मिलियन टन, गेहूं का उत्पादन 98.38 मिलियन टन, दलहन का उत्पादन 22.95 मिलियन टन तथा मोटे अनाज का उत्पादन 44.19 मिलियन टन एवं कुल खाद्यान उत्पादन 275.68 मिलियन टन हुआ है जो अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है। श्री सिहं ने यह बात आज कृषि भवन, नई दिल्ली में एनएफ़एसएम की 13 वीं सामान्य परिषद की बैठक में कही । इस बैठक में तीनों कृषि राज्य मंत्री – श्री परषोत्तम रुपाला, श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत एवमं श्रीमती कृष्णा राज भी उपस्थित थे।

श्री राधा मोहन सिहं ने एनएफएसएम के निम्नलिखित मुख्य कार्यकलापों के बारे में जानकारी दी

  • दलहन में वर्ष 2012-13 में 16 राज्यों के 468 जिले थे जो वर्ष 2016-17 से सभी 29 राज्यों के 638 जिलों में चलाई जा रही है।
  • मोटा अनाज को 12 वीं योजना से शामिल किया गया जिसे वर्ष 2014-15 से 28 राज्यों के 265 जिलों में चलाया जा रहा है।

श्री सिहं ने कहा कि इस बैठक के अंतर्गत दिनांक 17 जनवरी, 2017 को आयोजित 12वीं बैठक की कार्यकलापों का सामान्य परिषद द्वारा अनुमोदन किया । 12वीं बैठक में लिए गए निर्णयों पर हुई कार्यवाहियों का ब्यौरा लिया गया।

इस बैठक में अनुमोदन समिति द्वारा निम्नलिखित निर्णय लिए गये:

  • दलहन की खेती के लिए पूर्वी राज्यों में चावल की परती भूमि वाले क्षेत्रों को लक्षित करने के लिए अतिरिक्त धन राशि का आवंटन, तथा पश्चिम बंगाल में गेहूं ब्लास्ट जैसी समस्या से निपटने के लिए दलहन एवं तिलहन के लिए अतिरिक्त धन राशि का आवंटन का निर्णय लिया गया।
  • कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज से संबन्धित अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों द्वारा धन राशि का आवंटन किया गया।
  • दलहन के बीज मिनि किट् का वितरण तथा केन्द्रीय एजेंसियों को दलहन के प्रमाणित बीजों के उत्पादन के लिए सहायता का निर्णय। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा निर्मित बीज हबों के तहत वर्ष 2016-17 में टीएल बीजों का प्रयोग एवं उनका वर्ष 2017-18 में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के तहत उपयोग।
  • दलहन के तहत अरहर के प्रदर्शन में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना।
  • वर्ष 2016-17 तक एनएफ़एसएम के अंतर्गत स्वीकृत विभिन्न प्रोजेक्ट की समयावधि  में विस्तार।
  • दलहन के प्रजनक बीजों के उत्पादन एवं बीज हब निर्माण के लिए अतिरिक्त धनराशि जारी किए जाने का अनुमोदन।
  • वर्ष 2015-16 के कृषि कर्मण पुरस्कार के लिए धनराशि का अनुमोदन।
  • राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओड़ीशा एवं उत्तर प्रदेश राज्यों द्वारा प्रस्तुतीकरण।

श्री राधा मोहन सिहं ने कहा कि खर्चे में बढ़ोत्तरी की वजह से खादान्नय का उत्पादन बढ़ रहा है।

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