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चक्रवात ओखी ने मचायी तबाही, श्रीलंका में 13 की मौत

देश-विदेश

तिरुवनंतपुरम: चक्रवात ओखी के प्रभाव से लक्षद्वीप द्वीपसमूह में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने के कारण कई मकानों को नुकसान पहुंचा, नारियल के पेड़ उखड़ गए और संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं. सूत्रों ने बताया कि भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ने से कल्पेनी द्वीप में शनिवार को सुबह मछली पकड़ने की पांच नौकाएं क्षतिग्रस्त हो गई.

लक्षद्वीप में चक्रवाती तूफान ओखी के अगले 24 घंटे में और मजबूत होने की आशंका है. बांग्ला में ओखी का मतलब आंख होता है. मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान चक्रवात के लक्षद्वीप द्वीपसमूह में पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और इसके बाद 48 घंटे के दौरान वह उत्तर पूर्व की ओर मुड़ेगा.

मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान मिनिकॉय द्वीप में 14 सेंटीमीटर तक बारिश हुई. बारिश आज सुबह साढे आठ बजे रुकी. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूर्वी कल्पेनी और मिनिकॉय में विभिन्न स्थानों पर नारियल के पेड़ उखड़ गए और मकान क्षतिग्रस्त हो गए. नुकसान का आकलन किया जा रहा है. केरल और तमिलनाडु से 12 नौकाओं में सवार होकर समुद्र में उतरे मछुआरों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. बुलेटिन में कहा गया है कि लक्षद्वीप में अगले 24 घंटे में 120-130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्रचंड हवाएं चलने की आशंका है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केरल तट पर ऊंची लहरें उठने का अनुमान है.

केरल , लक्षद्वीप तट के पास से 531 मछुआरे बचाए गए

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि चक्रवात ओखी के कारण केरल और लक्षद्वीप तट के पास समुद्र में फंसे 531 मछुआरों को बचाया गया. विजयन ने कहा कि केरल से अब तक 393 लोगों को बचाया गया है. राज्य सरकार ने तूफान में मारे गए लोगों के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.

विजयन ने संवाददाताओं से कहा कि बचाए गए 132 मछुआरे राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम के, 66 कोझिकोड के, 55 कोल्लम के , 40 त्रिसूर के और 100 कन्याकुमारी के हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 138 मछुआरों को लक्षद्वीप द्वीपसमूह से बचाया गया. विजयन ने कहा कि 10 लाख रुपये का मुआवजा मत्स्य विभाग द्वारा चार लाख रुपये की वित्तीय सहायता के अतिरिक्त होगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लक्षद्वीप के 10 द्वीपों में 31 राहत शिविर खोले गए हैं. अब तक 1047 लोगों को राहत शिविरों तक पहुंचाया गया.

नौसेना, तटरक्षक का तलाशी अभियान जारी

भारतीय नौसेना और तटरक्षक चक्रवात ओखी के बाद केरल और लक्षद्वीप के तटों पर पोत, डोर्नियर, विमान और हेलीकॉप्टर की मदद से तलाशी अभियान चला रहे हैं. एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि आईएनएस निरीक्षक, आईएनएस जमुना और आईएनएस सागरध्वनि तिरवनंतपुरम और कोल्लम में विझनिजम तट के तलाशी और बचाव अभियान चला रहे हैं. आईएनएस शार्दुल और आईएनएस शारदा लक्षद्वीप की तरफ बढ़ रहे हैं. दक्षिणी नौसैन्य कमान से शुक्रवार रवाना हुए पोतों के आज शाम लक्षद्वीप पहुंचने की संभावना है. प्रवक्ता ने कहा कि 36 व्यक्तियों को लेकर आठ नौकाओं के काल्पेनी द्वीप के पास भटक जाने की खबर है.

प्रधानमंत्री ने पलानीस्वामी को फोन कर मदद का आश्वासन दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु में चक्रवात ओखी से हुये नुकसान को लेकर बीती रात वहां के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी से बात की. इस बातचीत के बाद तमिलनाडु सरकार ने कहा कि वह राज्य के दक्षिणी हिस्सों में चक्रवात ओखी से हुए नुकसान के लिए केंद्र से जल्द ही निधि की मांग करेगी. कन्याकुमारी और तिरनेलवेली जिले चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कल रात टेलीफोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मांग से अवगत करा दिया.

गत रात जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, प्रधानमंत्री ने तत्काल आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया. इसमें कहा गया है कि मोदी ने पलानीस्वामी को फोन किया था और चक्रवात से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली. चक्रवात से केरल के कुछ हिस्सों में भी नुकसान पहुंचा है.

मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि राज्य के सात जिलों में जोर शोर से विभिन्न राहत कार्य चल रहे हैं और साथ ही उन्होंने मोदी को बताया कि कन्याकुमारी और तिरनेलवेली को चक्रवात से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. विज्ञप्ति के अनुसार, पलानीस्वामी ने राहत कार्यों को देखने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों और आईएएस अधिकारियों की तैनाती के अलावा उठाए जा रहे कई कदमों के बारे में बताया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि युद्ध स्तर पर कोशिशें की जा रही है जबकि बिजली आपूर्ति को बहाल कर दिया गया है. समुद्र में फंसे 30 मछुआरों को बचाने के लिए तटरक्षक बल की सहायता ली जा ही है जबकि 76 मछुआरों को पहले ही बचा लिया गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार चक्रवात से हुए नुकसान का व्यापक रुप से आकलन करने के बाद निधि की मांग के लिए केंद्र को एक रिपोर्ट भेजेगी.

चक्रवात ओखी ने कल प्रचंड रुप से लिया था और वह अरब सागर की ओर बढ़ गया. बंगाली में ओखी का मतलब आंख होता है. राज्य सरकार ने कल बताया कि चक्रवात से कन्याकुमारी और तिरनेलवेली जिलों में प्रभावित 1,200 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है.

श्रीलंका में खराब मौसम के चलते 13 लोगों की मौत

चक्रवात ओखी के चलते श्रीलंका में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी. हालांकि यह चक्रवात श्रीलंका से आज आगे बढ़ गया. ओखी ने दक्षिण भारत में भारी तबाही मचायी है.

अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात से देश के कई हिस्सों में तेज हवाओं और बारिश के चलते 77,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. तूफानी मौसम के चलते बिजली आपूर्ति, आवश्यक सेवाएं एवं हवाई यातायात बाधित हो गया. खराब मौसम के कारण कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयीं और पेड़ जमीन से उखड़ गये.

पुलिस ने बताया कि पांच लोगों के लापता होने की रिपोर्ट मिली है और बुधवार रात से बारिश एवं तूफान के चलते कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी. उन्होंने बताया कि दक्षिणी श्रीलंका के अम्बालांगोडा इलाके में सबसे अधिक चार लोगों के मरने की रिपोर्ट मिली है. पुलिस के अनुसार अम्बालांगोडा में अस्थायी राहत शिविरों में करीब 4,000 लोग शरण लिये हुए हैं.

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