लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री ग्राम्य विकास (स्वतंत्र प्रभार) तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में गर्मी के दिनों में पेयजल की भीषण समस्या को देखते हुए सभी तैयारियाँ युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि हैण्डपम्पों की रिबोरिंग, नये हैण्डपम्पों की स्थापना तथा निर्माणाधीन परियोजनाओं को निर्धारित समय पर क्रियाशील किया जाये, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो।
ग्राम्य विकास मंत्री कल रविवार को जिला पंचायत सभाकक्ष जनपद उरई में बुन्देलखण्ड क्षेत्र की पेयजल समस्या के समाधान के लिए झांसी एवं चित्रकूट धाम मण्डल के समस्त जनपदों के जनप्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श कर रहे थे।
डा0 सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार के गठन के बाद 19 अप्रैल, 2017 को बुन्देलखण्ड में पहली बैठक करके उन्होंने पेयजल समस्या के स्थायी समाधान पर विस्तार से विचार विमर्श किया था। इसके अलावा 20 अप्रैल, 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने झांसी में पूरे बुन्देलखण्ड की समस्याओं के समाधान के निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में पेयजल का संकट उत्पन्न होता है, इसको प्राथमिकता के आधार पर दूर करने की आवश्यकता है।
डा0 सिंह ने कहा कि बुन्देलखण्ड में 4815 इण्डिया मार्क-।। हैण्डपम्पों की रिबोरिंग 1174 नये हैण्डपम्प लगाने तथा वर्षों से चल रही पुरानी पेयजल योजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिये गये थे। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में 153484 हैण्डपम्प लगे हैं। इसके अलावा 581 पाइप पेयजल योजनाएं संचालित की जा रही है जिनमें 120 जल निगम, 151 जल संस्थान तथा 310 ग्राम पंचायतों के देख-रेख में चल रही हैं। इनसे 1897 गांवों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के ग्रामीण पेयजल योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा करें। साथ ही गतवर्ष की तरह संकटग्रस्त क्षेत्रों में टैंकर आदि की व्यवस्था एवं कन्ट्रोल रूम की भी स्थापना सुनिश्चित करें।
बैठक में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सांसद, विधायक, विधान परिषद के सदस्य, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव, मण्डलायुक्तगण एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।