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गृह मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन

देश-विदेश

नई दिल्ली: नार्थ ब्‍लॉक, नई दिल्‍ली में माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्‍यक्षता में दिनांक 2 जून को गृह मंत्रालय, भारत सरकार की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में माननीय गृह राज्‍य मंत्री श्री किरेन रीजिजू, लोकसभा सांसद श्री रामचरण बोहरा, श्री दिनेश त्रिवेदी, राज्‍यसभा सांसद श्री हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर, श्री प्रमोद तिवारी तथा श्री वि‍वेक गुप्‍ता के अलावा डॉ. महेश चंद्र गुप्‍त, सुश्री चित्रा मुद्गल, श्री रविंद्र नाथ श्रीवास्‍तव, श्री राम प्रसाद, प्रो. पुष्‍पेश पंत, श्री राहुल देव सहित सलाहकार समिति के सदस्‍य तथा गृह विभाग व राजभाषा विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

इस मौके पर बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राजभाषा नीति के सुचारु रूप से कार्यान्‍वयन के संबंध में सलाह देने के उद्देश्‍य से हिंदी सलाहकार समिति का गठन किया गया है। संघ का राजकीय काम-काज हिंदी में करने के संवैधानिक दायित्‍वों की पूर्ति की दिशा में हिंदी सलाहकार समितियों की अहम भूमिका है। उनका कहना था कि हिंदी भारतीय संस्‍कृति के मूल तत्‍वों की अभिव्‍यक्ति का सरलतम माध्‍यम होने के साथ-साथ भारत के संविधान में वर्णित भावात्‍मक एकता को सुदृढ़ करने का सशक्‍त जरिया है। किसी भी देश की मौलिक सोच और सृजनात्‍मक अभिव्‍यक्ति सही मायनों में सिर्फ अपनी भाषा में ही की जा सकती है। अपनी भाषा के प्रति लगाव एवं अनुराग हमारे राष्‍ट्र-प्रेम का ही एक रूप है। किसी भी देश की सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्‍कृतिक प्रगति में उस देश की भाषा का अहम योगदान होता है। उन्‍होंने कहा कि हिंदी ने अपनी मौलिकता, सरलता एवं सुबोधता के बल पर ही भारतीय संस्‍कृति एवं साहित्‍य को जीवंत बनाए रखा है।

गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार और जनता के बीच वही भाषा प्रभावी एवं लोकप्रिय हो सकती है जो आसानी से सभी को समझ आ जाए और बे-झिझक जिसका प्रयोग स्‍वाभिमान से किया जा सके। सरकार की कल्‍याणकारी योजनाएं तभी प्रभावी मानी जाएंगी जब जनता और सरकार के बीच निरंतर संवाद, संपर्क और पारदर्शिता बनी रहे तथा सरकार की योजनाओं का लाभ सभी नागरिकों को समान रूप से मिले। हमारा लोकतंत्र तभी फल-फूल सकता है जब हम जन-जन तक उनकी ही भाषा में उनके हित की बात पहुचाएं। उन्‍होंने आम बोल-चाल के शब्‍दों व वाक्‍यों का अधिकाधिक प्रयोग करने पर बल दिया और कहा कि इससे हिंदी का चलन बढ़ेगा और अनुवाद पर निर्भरता कम होगी।

राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय द्वारा किए जा रहे उल्‍लेखनीय कार्यों की प्रशंसा करते हुए श्री सिंह ने बताया कि संसदीय राजभाषा समिति के नौवें खंड की सिफारिशों पर माननीय राष्‍ट्रपति जी के आदेश जारी किए जा चुके हैं। उन्‍होंने विभाग द्वारा तकनीकी संगोष्ठियों के आयोजन को राजभाषा प्रचार-प्रसार की दिशा में नई पहल एवं कारगर कदम बताया। उनका यह भी कहना था कि क्षेत्रीय सम्‍मेलनों में विचार-विमर्श हेतु सशक्‍त मंच प्राप्‍त होता है। बैठक को संबोधित करते हुए अपने स्‍वागत भाषण में गृह सचिव श्री राजीव महर्षि ने कहा कि हमारी राजभाषा देश के जन-मानस के हृदय को स्‍पर्श करती है इसलिए हमारा दायित्‍व है कि हम इसे कार्यालयीन कार्यों में अपनाएं तथा इसके विकास में अपना योगदान दें। राजभाषा विभाग के सचिव श्री प्रभास कुमार झा ने राजभाषा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रमुख कार्यों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने बताया कि विभाग द्वारा वृहत् राजभाषा शब्‍दावली बनाने, ई-महाशब्‍दकोश का मोबाइल रूप तैयार करने तथा हिंदी सीखने के ‘लीला’ नामक साफ्टवेयर का मोबाइल रूप तैयार करने के साथ-साथ ‘हिंदी संसाधन केंद्र’ स्‍थापित करने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें अनुवाद कार्य को सुगम बनाने हेतु साफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है।

समिति की बैठक में उपस्थित सदस्‍यों ने राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्‍वयन के लिए तकनीकी सुविधाएं उपलब्‍ध कराने और राजभाषा के कार्यान्‍वयन को अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया। सदस्‍यों ने कार्यालयीन हिंदी तथा सरल हिंदी के बीच सामंजस्‍य बिठाने की भी बात कही। बैठक के दौरान संघ की राजभाषा नीतियों के अनुपालन की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों पर भी विस्‍तार से चर्चा की गई तथा आने वाले समय में सरकारी कार्यालयों में अधिक से अधिक कार्य राजभाषा हिंदी में किए जाने की प्रतिबद्धता संपुष्‍ट की गई।

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