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खेल से ईमानदारी, अनुशासन एवं टीम वर्क जैसे गुणों का विकास होता है: अनुपमा जायसवाल

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: खेल के द्वारा मनुष्य का केवल शारीरिक विकास ही नहीं बल्कि मानसिक विकास भी होता है। प्रायः सभी खेलों के लिए दिमाग की आवश्यकता होती है लेकिन कुछ खेलों के लिए बौद्धिक कुशलता की आवश्यकता होती है जो बच्चों के मानसिक विकास में सहायक होती है। यह बाते बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने आज यहां गुरू गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कालेज में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित 31वीं राज्य स्तरीय बाल क्रीडा प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक समारोह-2017-18 के उद्घाटन करने के उपरान्त कही। उन्होंने कहा कि छात्र छात्राओं के समुचित विकास के लिए खेलों का विशेष महत्व है।

श्रीमती जायसवाल ने कहा कि हम मानसिक रूप से बहुत सक्षम हो लेकिन अगर शरीर हमारा साथ छोड़ने लगता है तो धीरे-धीरे मन भी साथ छोड़ने लगता है परन्तु खेल शारीरिक क्षमता को तो बढ़ाता ही है, साथ ही साथ हमारी मानसिक रूप से जो छुपी शक्तियाँ है इनको भी आगे लाने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि अच्छी पढ़ाई लिखाई के लिए शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना बहुत जरूरी है। आज तमाम शोधो द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाएं जैसे खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हमारी पठन पाठन की क्षमता को और बढ़ाते है। हम अपने जीवन में जब किसी खेल को अपना लेते है तो निश्चित तौर पर अनुशासन, ईमानदारी, समय के प्रति कटिबद्धता, टीम वर्क, कमजोर से कमजोर खिलाड़ी को भी साथ लेकर चलते हुए पूरी टीम वर्क के साथ जीत हासिल करना, विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य को न छोड़ना जैसे गुण स्वाभाविक ही हमारे अन्दर आ जाते है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतिस्पर्धा में एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ लगी रहती है लेकिन खेल के मैदान में जोर शोर से शुरू होने वाली प्रतियोगिता हारने और जीतने वाली टीमों द्वारा आपस में हाथ मिलाकर एवं गले लगाकर मिलने के साथ खत्म होती है।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम सभी अभिभावक एवं माता पिता अपने बच्चों से अपेक्षा करते है कि वे शत प्रतिशत अंक लाएं। इतना ही नहीं अपने अधूरे सपने भी बच्चों पर लाद देते है। बड़े से बड़ा डाक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, कलाकार आदि बनाना चाहते है। लेकिन हम बच्चे से कभी यह नहीं  पूछते कि बच्चा क्या बनना चाहता है। आज हम उस दौर से गुजर रहें हैं, जब खेलों ने एक अच्छा स्थान बना लिया है खेल में भी तमाम प्रतिभाएं आगे जा रही है। खेल बच्चों को हताशा एवं निराशा से निकालने में बहुत काम करता है।

श्रीमती जायसवाल ने बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि हम जहां बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए बच्चों के एकेडमिक कैरियर को निखारने के लिए उनके पठन पाठ्न में तीव्र गति से सुधार करने का प्रयास कर रहे है, वहीं इस तरह के खेलों के आयोजन से इसे और बेहतर बनाने का काम करेंगे।

इस कार्यक्रम के दौरान निदेशक बेसिक शिक्षा श्री सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह, संयुक्त निदेशक श्रीमती ललिता प्रदीप, डायट प्राचार्य लखनऊ श्री पवन सचान एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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