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क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचलित लोकप्रिय शब्दों को ग्रहण कर हिंदी के शब्द भंडार को बढ़ाएं: श्री राजनाथ सिंह

देश-विदेश

नई दिल्ली: राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 14 सितंबर, 2017 को विज्ञान भवन के प्‍लेनरी हॉल, नई दिल्‍ली में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया । समारोह में मुख्‍य अतिथि माननीय राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्‍द के कर-कमलों से देश भर में स्थित विभिन्‍न मंत्रालयों / विभागों/ कार्यालयों के प्रमुखों को राजभाषा कार्यान्‍वयन में उत्‍कृष्‍ट कार्य हेतु पुरस्‍कृत किया गया । पुरस्‍कार विजेताओं को शील्‍ड तथा प्रमाण पत्र प्रदान किये गए। हिंदी दिवस पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की अध्‍यक्षता माननीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने की और गृह राज्‍य मंत्री श्री हंसराज गंगाराम अहीर तथा श्री किरेन रिजिजू भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस अवसर पर भारत सरकार के विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों/उपक्रमों आदि के माननीय मंत्री, माननीय संसद सदस्‍यगण तथा वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्‍द ने कहा कि हमारे महापुरुषों ने हिंदी की ताकत को पहचाना और स्‍वतंत्रता के बाद हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। संविधान सूची में 22 भाषाओं को मान्‍यता दी गई है और इन सभी के संदर्भ में निर्देश भी दिए गए हैं। हिंदी का अस्तित्‍व व विकास गैर हिंदी भाषी लोगों के बोलने और समझने तथा उपयोग करने पर बढता है। उनका कहना था कि विदेशी मूल के विद्ववानों ने भी हिंदी की सेवा में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है। आज आवश्‍यकता इस बात की है कि हिंदी भाषी लोगों को आगे आकर सभी भाषाओं के साथ समन्‍वय बिठाते हुए हिंदी की प्रगति में योगदान करना चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि यह हम सभी का दायित्‍व बनता है कि हम सभी भाषाओं का सम्‍मान करें।

श्री रामनाथ कोविन्‍द ने कहा कि हिंदी सभी भारतीय भाषाओं के बीच संपर्क भाषा की भूमिका निभाती है। यह हमारी राष्‍ट्रीय एकता को मजबूत करती है । यह एक सार्थक पहल होगी जब स्वेच्छा और आपसी सद्भाव से प्रेरित होकर हिन्दीभाषी लोग अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को सीखें और गैर-हिन्दीभाषी भी इसी प्रकार हिन्दी को अपनाएं| उन्‍होंने भाषा नीति व शिक्षा नीति में आपसी सहयोग और आदान- प्रदान के आधार पर बहुभाषिकता को बढ़ावा देने व आम सहमति से हिन्दी को संपर्क भाषा के रूप में आगे बढ़ाने पर बल देने को कहा | श्री कोविन्‍द ने हिंदी में रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 तक इंटरनेट पर हिंदी का उपयोग बढ़ेगा तथा डिजिटल साक्षरता, ई-महाशब्‍दकोश से लोग लाभान्‍वित होंगे।

कार्यक्रम की अध्‍यक्षता कर रहे माननीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब-जब देश को एकजुट करने की आवश्‍यकता पडी, हिंदी भाषा ने हमेशा महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की है। देश के स्‍वतंत्रता आंदोलन में हिंदी ने राष्‍ट्रप्रेम और स्‍वाभिमान की अद्भुत भावना जागृत करने में अहम भूमिका निभाई थी। अहिंदी भाषी के कई महापुरुषों का जिक्र करते हुए श्री सिंह का कहना था कि राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी जी ने कहा था, ‘स्‍वतंत्रता आंदोलन मेरे लिए केवल स्‍वराज का नहीं अपितु स्‍वभाषा का भी प्रश्‍न है ।’ उन्होंने कहा कि राष्‍ट्र के एकीकरण के लिए सर्वमान्‍य भाषा से प्रभावशाली और बलशाली तत्व और कोई नहीं है । संविधान ने हम सब पर राजभाषा हिंदी के विकास और प्रयोग-प्रसार का दायित्‍व सौंपा है। यह कार्य सभी के सहयोग और सदभाव से ही संभव है। उन्‍होंने यह भी कहा कि संविधान के अनुच्‍छेद 351 के अनुसरण में क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचलित एवं लोकप्रिय शब्‍दों को ग्रहण करके हिंदी के शब्‍द भंडार को निरंतर समृद्ध करने की आवश्‍यकता है । हमारे लोकतंत्र को निरंतर प्रगतिशील और अधिक मजबूत बनाने के लिए हमें संघ के काम-काज में हिंदी का और राज्‍यों के कामकाज में उनकी प्रांतीय भाषाओं का प्रयोग बढ़ाना होगा। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज समय आ गया है कि हम विदेशी भाषा के प्रति अत्‍यधिक आकर्षण की वर्षों पुरानी अपनी मानसिकता को बदलें और अपनी भाषाओं के सामर्थ्य और स्‍वाभाविक शक्‍ति को पहचान कर इन्‍हें मन से अपनाएं । श्री सिंह ने कहा कि आज का दिन मूल्‍यांकन का दिन है। इससे भविष्‍य की दिशा तय करने में आसानी होती है।

हिंदी दिवस समारोह में श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मातृभाषा हिंदी न होने पर भी उन्‍हें हिंदी भाषा का उपयोग करने में गर्व की अनुभूति होती है। उन्‍होंने कहा कि संविधान की अपेक्षाओं के अनुरूप हिंदी का प्रयोग, विकास एवं प्रचार-प्रसार सतत् रूप से करना देश के हर नागरिक का उत्तरदायित्व है । उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग बढ़ा है लेकिन अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी हैI राजभाषा नीति का मुख्य उद्देश्य सरकारी काम-काज को मूल रूप से हिंदी में करना है। कार्यालयीन कार्य मूल रूप से हिंदी में किए जाने से ही राजभाषा हिंदी का प्रयोग बढ़ेगा तथा सही अर्थों में राजभाषा नीति का कार्यान्‍वयन संभव होगा । श्री रिजिजू ने केंद्र सरकार के प्रशासनिक प्रधानों से यह अनुरोध भी किया कि वे अपने कार्यालयों में राजभाषा संबंधी सभी कार्यकलापों में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए, सरकार की राजभाषा नीति से संबंधित अधिनियम एवं नियमों तथा राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन से संबंधित माननीय राष्ट्रपति जी के आदेशों का गंभीरता से अनुपालन सुनिश्चित कराएं I श्री किरेन रिजिजू ने राष्‍ट्र प्रेम की भावना से एकजुट होकर हिंदी को यथोचित सम्मान देते हुए एक सशक्त, श्रेष्‍ठ और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए मिल कर कार्य करने के लिए कहा ।

इस मौके पर राजभाषा विभाग द्वारा सी डैक के सहयोग से तैयार किये गये लर्निंग इंडियन लैंग्‍वेज विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (लीला) के मोबाइल ऐप का लोकार्पण भी किया गया। इस ऐप से देश भर में विभिन्‍न भाषाओं के माध्‍यम से जन सामान्‍य को हिंदी सीखने में सुविधा और सरलता होगी तथा हिंदी भाषा को समझना, सीखना तथा कार्य करना संभव हो सकेगा । सचिव राजभाषा ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का आभार व्‍यक्‍त किया तथा सभी पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई दी।

ज्ञात हो कि हिंदी भाषा के देशव्‍यापी प्रसार और स्‍वीकार्यता को देखते हुए 14 सितंबर, 1949 को इसे संघ की राजभाषा का दर्जा दिया गया था । इस दिवस की स्‍मृति में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा विभिन्‍न मंत्रालयों/विभागों द्वारा राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए, हिंदी सप्‍ताह/ पखवाड़ा/ माह का आयोजन किया जाता है । इस क्रम में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय प्रत्‍येक वर्ष हिंदी दिवस समारोह का आयोजन करता है जिसमें वर्षभर के दौरान राजभाषा हिंदी में उत्‍कृष्‍ट कार्य हेतु राजभाषा गौरव और राजभाषा कीर्ति पुरस्‍कार के अंतर्गत विभिन्‍न वर्गों में पुरस्‍कार दिये जाते हैं।

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