38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

कोहिनूर जड़े ताज से महारानी को सता रहा गर्दन टूटने का डर

देश-विदेश

दुनिया में ताज की खातिर कई साम्राज्य बने और मिटे हैं, लेकिन उसी ताज ने ब्रिटेन की महारानी की परेशानी बढ़ा दी है। क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का ताज उनकी गर्दन पर भारी पड़ रहा है। महारानी ने 1953 के राज्याभिषेक पर बनी एक डॉक्युमेंट्री में भारत के कोहिनूर हीरे से जड़े इस सवा किलो वजनी ताज पर असामान्य ढंग से खुलकर टिप्पणी की। उन्होंने मजाकिया लहजे में अपनी परेशानी का जिक्र किया कि भाषण देते वक्त इस ताज के वजन के कारण वह अपनी गर्दन ठीक से झुका तक नहीं पाती हैं क्योंकि ऐसा करने से उनकी गर्दन टूट सकती है।

दरअसल, भाषण पढ़ते वक्त नीचे देखना होता है और ऐसा करने पर 2 पाउंड 13 औंस (करीब 1.28 किलोग्राम) का मुकुट महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की गर्दन को असहज करता है। महारानी ने इसी असहजता पर अपनी परेशानी को उजागर किया। ताज पिछले 65 साल से ग्रेट ब्रिटेन की राजशाही का प्रतीक क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के सिर की शोभा बढ़ा रहा है, लेकिन 91 की उम्र में यह महारानी को परेशान कर रहा है। उन्हें भाषण देते वक्त अपनी गर्दन सीधी रखनी होती है

एक टीवी इंटरव्यू में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने स्वीकार किया कि ताज इतना भारी है कि आपको अपनी स्पीच उठाकर ही पढ़नी पड़ेगी, क्योंकि अगर आप गर्दन झुकाते हैं तो गर्दन टूट जाएगी और ताज गिर जाएगा। इसलिए राजशाही ताजों की कुछ खामियां भी हैं। वैसे यह काफी अहम चीज है।’

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शाही परिवार ने राजमुकुट के अनमोल जवाहरातों को बिस्कुट के डिब्बे में छुपाकर मध्ययुगीन विंडसर कासल के गुप्त दरवाजे के नीचे जमीन में दबाकर रखा गया था। इनमें ब्लैक प्रिंस रूबी समेत अनमोल हीरे-जवाहरात शामिल थे। यह दरवाजा आपात स्थिति में शाही परिवार के सदस्यों को कासल से बाहर ले जाने के लिए बनवाया गया था।

इन्हें छुपाने का मकसद शाही जवाहरातों को नाजियों के हाथों में पड़ने से बचाना था। यह आदेश तत्कालीन राजा और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पिता किंग जॉर्ज ने दिया था। राज परिवार के प्रवक्ता एलेस्टेयर ब्रूस ने बताया कि यह काम इतना गोपनीय ढंग से किया गया कि खुद महारानी को भी इसके बारे में कुछ पता नहीं चला था। ब्रूस ने द टाइम्स अखबार को बताया कि बहुमूल्य रत्नों व हीरों की जानकारी का पता रॉयल अर्काइव्स के सहायक रक्षक ओलिवर उर्कुहार्ट इर्विन ने लगाया था।

2,868 हीरों से जड़े इस ताज में 17 नीलमणि, 11 पन्ना, सैकड़ों मोती व कोहिनूर शामिल हैं

यह राजमुकुट किंग जॉर्ज के राज्याभिषेक के लिए 1937 में बना था। इसमें 2,868 हीरे जड़े हुए हैं जिनमें 17 नील मणि, 11पन्ना और सैकड़ों मोती भी हैं। इसमें ब्लैक प्रिंस रूबी भी है जिसके बारे में कहा जाता है कि वह किंग हेनरी पंचम के उस हेल्मेट में जड़ा था जो उन्होंने 1415 के बैटल ऑफ एगिनकोर्ट में पहना था। सबसे बड़ा 105 कैरेट (करीब 21 ग्राम) का हीरा भी इसमें जड़ा हुआ है। इस ताज के फ्रंट क्रॉस (ठीक बीचोंबीच) में कोहिनूर हीरा है जिसे 1851 में भारत से ले जाया गया था। इसके अलावा इसमें 17 कैरेट (करीब 3.4 ग्राम) का टर्किश डायमंड भी जड़ा हुआ है।

-amarujala

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More