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केंद्रीय गृहमंत्री ने अंतरराज्‍यीय परिषद की स्‍थायी समिति की 12वीं बैठक की अध्‍यक्षता की

देश-विदेश

नई दिल्लीः केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराज्‍यीय परिषद (आईएससी) की स्‍थायी समिति की 12वीं बैठक की अध्‍यक्षता की।

बैठक को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि परस्‍पर सहयोग आधारित संघवाद को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने हाल के वर्षों में कई कदम उठाए हैं। उन्‍होंने कहा कि अंतरराज्‍यीय परिषद की बैठक 10 वर्षों के अंतराल के पश्‍चात जुलाई 2016 में आयोजित की गई थी। इसके बाद केंद्र राज्‍य संबंधों को सद्भावनापूर्ण बनाने की प्रक्रिया में गति लाने के उद्देश्‍य से आईएससी की स्‍थाई समिति की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जा रही है। उन्‍होंने इस तथ्‍य पर संतोष प्रकट किया कि क्षेत्रीय परिषदों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित हो रही है। हमारा प्रयास है कि सभी क्षेत्रीय परिषदों की वर्ष में कम से कम एक बैठक हो। उन्‍होंने उल्‍लेख करते हुए कहा कि इन बैठकों में उठाए जाने वाले राज्‍यों के आपसी मामले तथा केंद्र राज्‍य मामलों का समाधान इन बैठकों में ही हो जाता है। 2015 में 82 मुद्दों और 2016 में 140 मुद्दों का समाधान किया गया है।

श्री राजनाथ सिंह ने संतोष व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि अंतरराज्‍यीय परिषद और स्‍थाई समिति का पुनरुत्‍थान किया गया है। हमें आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा देना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि एजेंडा नोट्स में उल्लिखित कुछ जटिल मुद्दों पर सद्भावपूर्ण और अनुकूल वातावरण में सहमति बनी है।

गृह मंत्री ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल में हुई स्थायी समिति की 11 वीं बैठक में खण्ड 1 व खण्ड 2 पर परिचर्चा हुई और स्थायी समिति की अगली बैठक में खण्ड 4 व खण्ड 7 पर चर्चा होगी। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पुंछी आयोग रिपोर्ट पर स्थायी समिति की सिफारिशों को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली अंतरराज्यीय परिषद के समक्ष रखा जाएगा।

बैठक में केन्द्र से राज्य को होने वाले वित्तीय अंतरण से संबन्धित मामलों, वस्तु एवं सेवा कर, स्थानीय निकायों की संरचना और कार्यों का वितरण, जिला योजना, पाँचवे और छठे अनुसूचित क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान, साम्प्रदायिक सद्भाव को बनाए रखना, केंद्रीय बलों की तैनाती प्रवासन मुद्दे, पुलिस सुधार, आपराधिक न्याय प्रणाली व आंतरिक सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में स्थायी समिति ने खण्ड 3, 4 और 5 के 118 सिफारिशों पर विचार किया और अपने अनुमोदनों को अंतिम रूप दिया।

सरकार ने 2005 में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ( सेवानिवृत्त) मदन मोहन पुंछी की अध्यक्षता में पुंछी आयोग का गठन किया था। पुंछी आयोग ने 273 सिफारिशों समेत 7 खण्डों में अपनी पूरी रिपोर्ट 2010 में सरकार को सोपी। स्थायी समिति की 11 वीं बैठक 11 वर्षों के अन्तराल के पश्चात इस वर्ष 9 अप्रैल को आयोजित की गई। इस बैठक में राज्यपालों की भूमिका, अंतरराज्जीय परिषद और आयोग की 69 सिफारिशों पर चर्चा की गई। 

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