38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

किताबें, चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास में सहायकः राज्यपाल

किताबें, चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास में सहायकः राज्यपाल
उत्तराखंड

देहरादून: राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि अच्छी किताबें, चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास में सहायक होती हैं। ज्ञान व सूचना के अंतर को समझना आवश्यक है। इंटरनेट व सोशल मीडिया से केवल सूचना मिलती है जबकि किताबों से ज्ञान मिलता है। राज्यपाल, देहरादून के परेड़ ग्राउन्ड में आयोजित पुस्तक मेले के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी साहित्य को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए इसके अंग्रेजी व अन्य भाषाओं में अनुवाद पर विशेष ध्यान देना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि आईटी व इंटरनेट के दौर में हर तरफ से तमाम तरह की सूचनाएं मिल रही हैं। परंतु बहुत सी सूचनाएं प्रामणिक नहीं होती है। इस तरह की भ्रामक सूचनाओं से बचना हमारे लिए बड़ी चुनौति है। किताबें इसमें हमारे लिए सहायक हो सकती हैं। राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान किताबों से ही मिलता है। किताबें न केवल हमें ज्ञान प्रदान करती हैं बल्कि इनसे अच्छे विचार व अच्छी आदतें बनती हैं। जिससे चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास होता है।

राज्यपाल ने कहा कि इंटरनेट के युग में बच्चों को भ्रमक जानकारियों से बचाते हुए अच्छी किताबों से जोड़ने का दायित्व अध्यापकों पर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘‘मन की बात’’ पुस्तक रूप में उपलब्ध है। यह बच्चों व युवाओं के लिए प्रेरणास्पद हो सकती है। राज्यपाल ने उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत को देहरादून में स्तरीय पुस्तक मेले के आयोजन के लिए बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में उच्च स्तरीय हिंदी साहित्य का सृजन हुआ है। परंतु इसके अनुरूप विश्व स्तर पर इसे मान्यता नहीं मिल पाती है। हिंदी साहित्य को वैश्विक पहचान मिले, इसके लिए कि हिंदी साहित्य का अंग्रेजी व अन्य विदेशी भाषाओं में अनुवाद बहुत जरूरी है। राज्यपाल ने रवींद्र नाथ टैगोर का उदाहरण देते हुए कहा कि उनका काव्य संग्रह गीतांजलि मूल रूप से बंगाली भाषा में था। उन्होंने इंग्लैंड की यात्रा के दौरान इस काव्य संग्रह का अंगे्रजी अनुवाद किया। जब वे इंग्लैंड पहुंचे तो उनके एक अंगे्रज मित्र ने इसे पढ़ा और इसका अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित कराया। इसके अगले वर्ष ही रवींद्र नाथ टैगोर को गीतांजलि के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पुस्तकों के बगैर जीवन अधूरा है। ज्ञान जितना बांटो, उतना ही बढ़ता है। छात्र, पुस्तकों से दोस्ती करें। इनकी दोस्ती जीवन में सदैव काम आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी किताबें पढ़ने पर बहुत बल देते हैं। वे कहते हैं कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। अगर करने को कुछ भी नहीं है तो पुस्तकें पढ़ें। हमें संकल्प लेना चाहिए कि अपना कुछ समय किताबें पढ़ने के लिए अवश्य निर्धारित करें।

उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि ‘‘पढ़ेगा उत्तराखण्ड तो बढ़ेगा उत्तराखण्ड’’ थीम पर दिनंाक 28 अगस्त से 5 सितम्बर तक नेशनल बुक ट्रस्ट के सौजन्य से देहरादून के परेड़ ग्राउन्ड में पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। इसमें छात्रों की लेखन प्रतियोगिता, बौद्धिक कार्यक्रम, साहित्यकारों व लेखकों की परिचर्चाएं भी आयोजित की जाएंगी। पुस्तक मेले में देश भर के 111 प्रकाशक प्रतिभाग कर रहे हैं। पुस्तकें खरीदने पर छात्रों को 20 प्रतिशत जबकि अन्य लोगों को 10 प्रतिशत छूट दी जा रही है। डाॅ. रावत ने बताया कि नेशनल बुक ट्रस्ट से उŸाराखण्ड में पंचायतों का पुस्तक मेला आयोजित किए जाने पर भी सहमति मिली है। अब उच्च शिक्षा विभाग के प्रत्येक कार्यक्रम में फूलों की जगह अच्छी किताबें भेंट की जाएंगी।

इससे पूर्व राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कंात पाल, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर पुस्तक मेले का विधिवत शुभारम्भ किया। राज्यपाल ने मेले में विभिन्न प्रकाशकों के स्टाॅलों पर जाकर पुस्तकों का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष बलदेव भाई शर्मा, विधायक खजानदास, मेयर विनोद चमोली, पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More