37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

ऋण की दरों को कम करने, कर रियायतों और विदेशी तथा निजी पूंजी के बढ़े हुए प्रवाह के लिए सस्‍ते मकानों को मूलभूत सुविधाओं का दर्जा प्रदान करेगी

देश-विदेश

नई दिल्ली: सस्‍ते मकानों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र स्‍थापित करने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। इस दिशा में सरकार ने सस्‍ते मकानों को मूलभूत सुविधाओं का दर्जा प्रदान किया है, जिससे इन परियोजनाओं को कम दर पर ऋण, कर रियायतें और विदेशी तथा निजी पूंजी के बढ़े हुए प्रवाह जैसे लाभ मिल सकेंगे। सस्‍ते मकानों से जुड़ी घोषणाओं में मुनाफे से जुड़ी आयकर में कटौती, खाली/बिना बिकी इकाइयों के लिए एक वर्ष तक कर में छूट, 30 और 60 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र के बजाय कारपेट एरिया की गणना आदि शामिल है। केन्‍द्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्‍य मंत्री श्री हरदीप पुरी ने आज यहां संस्‍थागत निवेश के एक कार्यक्रम में यह बात कही।

     प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए श्री पुरी ने बताया कि रियल एस्‍टेट (नियंत्रण और विकास) कानून, 2016 (आरईआरए), रियल एस्‍टेट निवेश ट्रस्‍ट (आरईआईटी), बेनामी लेन-देन (निषेध) संशोधन कानून 2016, गृह ऋण पर उच्‍च कर रियायत, वस्‍तु और सेवा कर (जीएसटी), भूमि संबंधी सुधार, विकास नियंत्रित नियमों में सुधार, स्‍टैंप डयूटी और पंजीकरण शुल्‍क को युक्ति संगत बनाना, डिजिटाइजेशन जैसे अतिरिक्‍त उपाय शुरू किए गए हैं। ये उपाय आवास और निर्माण गतिविधियों को प्रोत्‍साहित करने, रियल एस्‍टेट डेवलपर को भारी राहत प्रदान करने में प्रभावी साबित होंगे। साथ ही इससे आवास के क्षेत्र में निजी और विदेशी निवेशक आकर्षित होंगे, जिससे जीडीपी और श्रम बाजार पर सकारात्‍मक गुणक प्रभाव पड़ेगा। श्री पुरी ने कहा कि हम यह भली भांति जानते हैं कि शहरी आवास योजनाओं के लिए वर्तमान निगम के क्षेत्रों में ऋणभार मुक्‍त भूमि की उपलब्‍धता कोई आसान काम नहीं है। अत: अधिसूचित, नियोजित अथवा विकासित क्षेत्रों में आने वाले ग्रामीण इलाकों को प्रधानमंत्री आवास योजना के दायरे में शामिल करने का प्रावधान किया गया है इससे सस्‍ते मकानों के निर्माण के लिए सस्‍ती दर पर अतिरिक्‍त भूमि उपलब्‍ध हो सकेगी। सस्‍ते आवास में मांग और आपूति की खाई के बारे में जवाब देते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार ने 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) शुरू की। इसका बृहद उद्देश्‍य बेघर शहरी गरीबों की आवास की जरूरत को पूरा करना और उन्‍हें 2022 तक मूलभूत सुविधाओं के साथ पक्‍के मकान उपलब्‍ध कराना है। राज्‍य स्‍तर पर मांग के आकलन के आधार पर देश के सामने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों/एलआईजी खंड में करीब 12 मिलियन मकानों के निर्माण का विशाल कार्य मौजूद है, ताकि सभी के लिए आवास का लक्ष्‍य हासिल किया जा सके।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More