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उत्तराखण्ड विधानसभा के प्रथम सत्र में राज्यपाल डाॅ0 कृष्णकांत पाल का अभिभाषण के मुख्य बिन्दु

उत्तराखण्ड विधानसभा के प्रथम सत्र में राज्यपाल डाॅ0 कृष्णकांत पाल का अभिभाषण के मुख्य बिन्दु
उत्तराखंड

शिक्षा:
ऽ शिक्षा नीति की समीक्षा कर पाठ्यक्रम इस तरह से तैयार करेगी जिससे कि वह विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जो कि वर्तमान चुनौतियों को समझने और तीव्र गति से बदल रहे वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप ढलने में सक्षम बना सके।
ऽ शिक्षा के व्यावसायिकरण व शैक्षिक भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठायेगी।
ऽ संस्कृत, वास्तु शास्त्र, ज्योतिष व कर्मकांड के अध्ययन व शोध को बढ़ावा देगी।
ऽ प्रत्येक जनपद में छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय खोलेगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य:
ऽ सरकारी अस्पताल आधुनिक और पूर्ण सुविधा संपन्न बनाये जाएगें।
ऽ राज्य में वर्तमान में संचालित मेडिकल काॅलेजों को सुविधासंपन्न बनाने के साथ-साथ नए मेडिकल काॅलेज खोलने के लिए प्रयास किये जाएंगे।
ऽ आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, नैचुरोपैथी आदि भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
ऽ राज्य के सरकारी चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी एक बड़ी समस्या है; इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए गंभीर व कारगर पहल की जाएगी।
ऽ प्रत्येक ग्राम पंचायत में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य चिकित्सा केन्द्र खोले जायेंगे, जिनमें निःशुल्क दवाईयां उपलब्ध करायी जायेंगी।

पर्यटन और तीर्थाटन:
ऽ राज्य में प्रचलित बीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना के अतिरिक्त पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के नाम से एक समेकित नवीन पर्यटन योजना को भी राज्य सरकार द्वारा चलायेगी।
ऽ मेडिकल टूरिज्म को विकसित करने के लिए हैल्थ रिजाॅर्ट्स और योग तथा आयुर्वेद आधारित केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
ऽ उत्तराखंड की लोक संस्कृति, गायन शैली, नृत्य, वाद्य यंत्रों के संरक्षण-संवर्धन के साथ-साथ स्थानीय लोक कलाकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

कृषि:
ऽ कृषि क्षेत्र को रोजगारोन्मुखी और लाभकारी बनाने के लिए आधुनिक व वैज्ञानिक तकनीकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
ऽ राज्य के कृषि उत्पादन में वृद्वि के लिये राज्य की कृषि भूमि का सर्वे कराकर ऐसी अनुसंधान प्रणाली विकसित की जायेगी जिससे फसल एवं फलदार वृक्षों के लिये कौन सी भूमि किस क्षेत्र के लिए उपयुक्त है तथा किस फसल का उत्पादन किस क्षेत्र में बेहतर किया जा सकता है, ज्ञात हो सके ताकि किसानों को उसका अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो सके।
ऽ जैविक खेती, जड़ी-बूटी व फूलों सहित सगंध पौधों की खेती के लिए क्लस्टर बनाकर विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
ऽ जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए तात्कालिक व दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जाएंगी।
ऽ पशुपालन और गौ-पालन के लिए विशेष प्रयास कर श्वेत क्रांति की दिशा में पहल की जाएगी।
ऽ कृषि उत्पादों की खरीद की गारंटी दी जाएगी। किसानों की आय दोगुना करने के उपाय भी किए जायेंगे।

बुनियादी ढांचे का विकास:
ऽ राज्य में सभी को नियमित विद्युत आपूर्ति कराने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किये जायेंगे।
ऽ आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को रियायती दरों पर बिजली दी जाएगी।
ऽ पेयजल समस्या से निपटने के लिए सरकार गंभीर प्रयास करेगी। स्वच्छ पीने का पानी हर घर तक पहुंचे इस दिशा में भी कड़े कदम उठाए जाएंगे।
ऽ जल विद्युत उत्पादन अत्याधुनिक तकनीक के द्वारा किए जाने का प्रयत्न करेगी, ताकि नदियों का प्रवाह अविरल बना रहे।
ऽ घराट आधारित लद्यु जल विधुत परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जायेगा।
ऽ केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य में भी सड़क निर्माण कार्यो को गति दी जायेगी। वर्ष 2019 तक सभी गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा।
ऽ पंतनगर, नैनीसैनी, गोचर व चिन्यालीसैण हवाई अड्डों की सुविधाओं में विस्तार कर नई व नियमित हवाई सेवायें शुरू करने के लिए प्रयास किये जाएंगे।
ऽ पर्यटन, तीर्थाटन एवं आपदा के दृष्टिगत अधिक से अधिक हैलीपैडों का निर्माण किया जाएगा।
ऽ राज्य में नई रेल लाइनों के निर्माण व विस्तारीकरण के लिए केन्द्र सरकार से स्वीकृति के लिए प्रयास किये जाएंगे तथा राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में रेलवे लाईन बिछाने हेतु सभी आवश्यक आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में केन्द्र को पूर्ण सहयोग देगी।
ऽ केन्द्र सरकार द्वारा विकसित किये जा रहे स्मार्ट शहरों के पैटर्न पर राज्य में न्याय पंचायत केन्द्रों पर अटल आदर्श ग्रामों की स्थापना कर गांवों को विकसित किया जायेगा।

खेल एवं युवा कल्याण:
ऽ राज्य के विकास में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित करने के लिए नई युवा नीति बनाई जाएगी। इसमें खेल-कूद, स्वरोजगार व रोजगार क्षमता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ऽ राज्य में समस्त विभागों में रिक्त पदों व पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को प्राथमिकता के आधार पर यथाशीघ्र भरा जाएगा।
ऽ राष्ट्रीय, एशियाई व ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं व प्रोत्साहन दिया जाएगा।
ऽ माननीय प्रधानमंत्री जी के महत्वाकांक्षी ’’स्वच्छ भारत अभियान’’ को मजबूती से लागू करने हेतु निकायों के ढाँचे में मानकों व आबादी के अनुसार पर्यावरण मित्रों के स्थाई पद सृजित कर नई भर्तियाँ की जाएंगी।

महिला सशक्तीकरण:
ऽ विभिन्न स्तरों पर महिला कल्याण, सुरक्षा व विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
ऽ महिला समृद्धि के लिए स्वरोजगार हेतु उद्यमी महिलाओं को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
ऽ महिलाओं के लिए स्वरोजगार व उनके सामाजिक हितों के संरक्षण के लिए दीन दयाल उपाध्याय सामाजिक सुरक्षा कोष का गठन किया जाएगा।
ऽ महिलाओं के विरूद्ध अपराधों पर रोकथाम के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाएगी।
ऽ नारी निकेतन व महिला सुधार गृहों में महिलाओं पर हो रहे शोषण व अत्याचार को रोकने के लिए फुल प्रूफ प्लान बनाया जाएगा।
ऽ आंगनवाड़ी, आशा कार्यकत्री व भोजन माताओं के मानदेय की समीक्षा कर युक्ति संगत वृद्धि की जाएगी।
ऽ शहरों में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली महिलाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण होगा।

समाज कल्याण:
ऽ सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति व जनजाति के बैक-लाॅग के पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा।
ऽ अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र/छात्राओं को मिलने वाली सुविधाओं में लगातार हो रही अनियमितताओं की जांच के साथ छात्रवृत्ति के वितरण की पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी।
ऽ मदरसों को आधुनिक व कम्पयूटर शिक्षा से जोड़ा जाएगा।

उद्योग:
ऽ राज्य में विनिवेश का वातावरण तैयार करने के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विनिवेश मेलों का आयोजन किया जाएगा।
ऽ रेता, बजरी, पत्थर, खनन पर एकाधिकार समाप्त कर सुस्पष्ट एवं पारदर्शी नीति बनायी जायेगी।

श्रम:
ऽ सभी असंगठित श्रमिकों यथा-ठेला गाड़ी चालक, दुकानों-होटलों में काम करने वाले, घरों में काम करने वाले महिला-पुरूषों, साइकिल रिक्शा चालकों, अखबार बाँटने वाले इत्यादि के हितों के संरक्षण के लिए दीन दयाल उपाध्याय सुरक्षा बीमा योजना के अलावा ठोस कार्य योजना भी तैयार करेगी।

भ्रष्टाचार मुक्त शासन और स्वच्छ प्रशासन:
ऽ राज्य में मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों, शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार के प्रकरणों की सुनवाई के लिये मेरी सरकार द्वारा वर्ष 2011 में बनाये गये लोकायुक्त कानून को प्रभावी तरीके से लागू कर लोकायुक्त की नियुक्ति करेगी।
ऽ सरकारी कर्मियों के स्थानांतरण में पारदर्शिता के लिए मेरी पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2011 में बनाये गये लोक सेवक स्थानांतरण अधिनियम को पुनः लागू करेगी।
ऽ ई-गवर्नेंस लागू कर सरकार के मनमानेपन को समाप्त करेगी।
ऽ योग्य व ईमानदार अधिकारियों, कर्मचारियों को चिन्हित कर उन्हें प्रोत्साहित करेगी।
ऽ सेवा का अधिकार अधिनियम को कडा़ई से लागू करेगी।
ऽ सबके लिए सुलभ व सहज न्याय सुनिश्चित कराने के लिए चरणबद्ध तरीके से न्यायिक अधिकारियों के रिक्त पदों को भरा जायेगा एवं नये न्यायालयों की स्थापना करेगी।
ऽ पुलिस बल की क्षमता बढाने के लिए उन्हें अनुसंधान, अपराध नियंन्त्रण आधुनिक हथियारों का उपयोग, साइबर अपराध आदि के निरन्तर प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी।

सैनिक कल्याण:
ऽ पूर्व सैनिकों, अर्द्ध सैनिक बलों के सेवानिवृत्त कार्मिकों के लिए अधिक से अधिक रोजगारपरक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।
ऽ प्रांतीय रक्षक दल व होमगार्ड की समस्याओं के निराकरण के प्रयास किये जाएंगे।
ऽ सरकारी कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों और पदोन्नति के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण किया जाएगा और उनकी शिकायतों के लिए एक शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।

आपदा:
ऽ लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत आपदा प्रबन्ध तंत्र की सक्रियता व क्षमता में विस्तार किया जायेगा।
ऽ आपदा प्रभावितों के लिए एक सुस्पष्ट व प्रभावी विस्थापन व पुनर्वास की नीति बनाई जायेगी।

अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु:
ऽ उत्तराखंण्ड में पलायन एक गंभीर समस्या है। इस पर अंकुश लगाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएंगे। इस क्रम में नियोजन की दिशा तय की जाएगी और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार व स्वरोजगार के साधनों को बढ़ावा दिया जाएगा।
ऽ नशाखोरी के बढ़ते दुष्प्रभावों के दृष्टिगत रोकथाम के लिए विशेष पहल की जाएगी।
ऽ उत्तराखंड निर्माण आन्दोलन और आन्दोलनकारियों के योगदान को चिर-स्मरणीय बनाने के लिये एक वृहद म्यूजियम बनाया जाएगा।
ऽ वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं को सरकारी बसों में किराये में आधी छूट दी जाएगी।
ऽ राज्य के सभी पात्र परिवारों की रसोई को धुआँमुक्त करने हेतु निःशुल्क रसोई गैस की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
ऽ त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को संविधान प्रदत्त प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार उपलब्ध कराएगी।
ऽ ग्राम पंचायत कार्यालयों का आधुनिकीकरण व विकास के लिये ठोस पहल की जाएगी।
ऽ विज्ञान प्रौद्यौगिकी (एस0टी0), जैव प्रौद्यौगिकी (बी0टी0), व सूचना प्रौद्यौगिकी (आई0टी0), अर्थात थ्री टी थीम को राज्य के विकास हेतु विकसित करने का प्रयास किया जाएगा।
ऽ गैरसैंण को राजधानी स्तर की अवस्थापना सुविधाओं से सुसज्जित कर सबकी सहमति से ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर मेरी सरकार शीघ्रता से विचार करेगी।

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