32 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आयुष मंत्री श्रीपद येस्सो नाइक कल विश्व होमियोपैथी दिवस पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येस्सो नाइक 10 अप्रैल, 2017 को नई दिल्ली में विश्व होमियोपैथी दिवस पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। सांसद एवं आयुष, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति के सदस्य डा. मनोज राजोरिया इस समारोह की अध्यक्षता करेंगे। इस समारोह का आयोजन होमियोपैथी के संस्थापक डा. क्रिश्चियन फ्रेडरिच सैमुएल हनिमैन, जर्मनी के एक चिकित्सक, जो एक महान विद्वान, भाषाविद् एवं प्रख्यात वैज्ञानिक भी थे, की 262वीं जन्म शताब्दी मनाने के लिए किया जा रहा है। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन भी किया जा रहा है।

सम्मेलन की थीम है‘ वैज्ञानिक साक्ष्यों एवं समृद्ध नैदानिकी अनुभवों के माध्यम से होमियोपैथी में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान का संवर्द्धन‘। सम्मेलन में लगभग पांच वैज्ञानिक सत्र होंगे जिनमें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति के विशेषज्ञ होमियोपैथी अनुसंधान से जुड़े प्रमुख क्षेत्रों, दवा वैधता में नवीनतम रुझानों के साथ साथ अनुसंधान शुरु करने के लिए महाविद्यालय अवसंरचना को मजबूत बनाने, पूर्वकथात्मक कारक (प्रोगोनोस्टिक फैक्टर) अनुसंधान, होमियोपैथी अस्पतालों को एनएबीएच प्रमाणन समेत उच्च गुणवत्ता अनुसंधान के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं महामारियों की भूमिका पर विचार विमर्श करेंगे। सत्रों का मुख्य उद्वेश्य सभी हितधारकों को होमियोपैथी से जुड़े अनुसंधानों की बारीकियों को समझाना तथा चिकित्सा महाविद्यालयों, चिकित्सकों, नैदानिक विशेषज्ञों एवं शोधकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान माहौल का पर्याप्त अनुभव उपलब्ध कराना है।

होमियोपैथी के संस्थापक डा. क्रिश्चियन फ्रेडरिच सैमुएल हनिमैन तार्किक विचार के वास्तविक पक्षकार थे। उन्होंने होमियोपैथी की अपनी खोज को केवल परिकल्पना पर ही आधारित नहीं किया बल्कि उन्होंने स्वस्थ विषयों पर अपनी परिकल्पना की बार बार जांच की एवं अपने सभी अवलोकनों का वैज्ञानिक अनुरक्षण और गहन विश्लेषण करते रहे। उन्होंने जो अवलोकन किया, उससे उन्होंने अनुमान लगाया, लेकिन इससे पूर्व उन्होंने समालोचनात्मक रूप से अपने कार्य का विश्लेषण किया, ‘क्यों‘ एवं ‘क्यों नहीं‘ पर विचार विमर्श किया और पर्याप्त आत्मनिरीक्षण के बाद तथा अपने भीतर के अस्वीकारक को समुचित रूप से भरोसा दिलाने के बाद, उन्होंने अपने व्यवहारिक अवलोकनों को स्वीकार कर लिया और उनसे स्थायी सिद्धातों की व्याख्या की।

इस प्रख्यात वैज्ञानिक की जन्म शताब्दी को मनाने के लिए आयोजित विश्व होमियोपैथी दिवस, होमियोपैथी को मुख्यधारा के सार्वजनिक स्वास्थ्य में समेकित किए जाने की स्थिति में वैश्विक स्वास्थ्य परिदृश्य में नई संभावनाओं पर जोर देने का एक आदर्श अवसर उपलब्ध कराता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) की जरुरत पर जोर दिए जाने के साथ, होमियोपैथी विश्व को काफी कुछ प्रदान कर सकती है क्योंकि यह किफायती, सुरक्षित एवं कारगर है। होमियोपैथी भारत में व्यापक रूप से लोकप्रिय और स्वीकृत है तथा यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में समेकित हो चुकी है।

सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत की जाने वाली सार्थक अनुशंसाओं से भारत एवं विदेशों में होमियोपैथी के अनुसंधान आधार के समृद्ध होने की उम्मीद है।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More