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आईसीडीएस के अंतर्गत पूरक पोषण कार्यक्रम रोकने का कोई प्रस्ताव नहीं: महिला और बाल विकास मंत्रालय

देश-विदेश

नई दिल्ली: मीडिया में ऐसी खबरें देखने को मिली हैं कि महिला और बाल विकास मंत्रालय आईसीडीएस कार्यक्रम के पूरक पोषण कार्यक्रम को रोकने के बारे में विचार कर रहा है और उसके स्थान पर सशर्त नकद हस्तांतरण की व्यवस्था करने जा रहा है। ये खबरें सही तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। मंत्रालत निम्नलिखित जानकारी रिकार्ड में रखना चाहता है।

पूरक पोषण सेवा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत आईसीडीएस कार्यक्रम के भाग के तहत एक कानूनी हक है। अधिनियम के अनुच्छेद 5(1)(ए) के अनुसार 6 महीने से 6 वर्ष की उम्र का बच्चा स्थानीय आंगनवाड़ी के जरिये निःशुल्क उपयुक्त भोजन लेने का हकदार है ताकि एनएफएसए, 2013 की अनुसूची-II में निर्दिष्ट पोषण मिल सके।

अनुसूची-II

{अनुच्छेद 4(ए), 5(1) और 6}

पोषण मानक

पोषण मानक : 6 महीने से 3 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों, 3 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों और गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पोषण मानक पूरे होने चाहिएं। उन्हें घर ले जाने के लिए राशन अथवा पोषण युक्त पका हुआ भोजन समन्वित बाल विकास सेवा योजना और मिड-डे मील योजना के अनुसार निचली और अपर प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पोषण मानकों के अनुसार दिया जाएगा।

क्र. सं. श्रेणी भोजन का प्रकार कैलोरी

(केकैल)

प्रोटीन

(ग्राम)

1. बच्चे (6 महीने से 3 वर्ष) घर ले जाने वाला राशन 500 12-15
2. बच्चे (3 वर्ष से 6 वर्ष) सुबह का स्नैक और गर्म पका हुआ भोजन 500 12-15
3. बच्चे (6 महीने से 6 वर्ष) जो कुपोषित हैं घर ले जाने वाला राशन 800 20-25
4. निचली प्राइमरी कक्षाएं गर्म पका हुआ भोजन 450 12
5. अपर प्राइमरी कक्षाएं गर्म पका हुआ भोजन 700 20
6. गर्भवती महिलाएं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाएं घर ले जाने वाला राशन 600 18-20

पूरक पोषण के लिए कीमत प्रतिमान हाल ही में संशोधित किए गए हैं। 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए 8 रुपये, गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए 9.50 रुपये और गंभीर कुपोषण के शिकार बच्चों के लिए 12 रुपये किए गए हैं। आंगनवाड़ियों से पूरक पोषण सेवाएं करीब 10 करोड़ लाभान्वितों तक पहुंचती है, जिसमें देश का प्रत्येक परिवार शामिल है।

आईसीडीएस के अंतर्गत पूरक पोषण कार्यक्रम को रोकने और उसके स्थान पर सशर्त नकद हस्तांतरण का कोई प्रस्ताव नहीं है। अतः मीडिया में प्रकाशित खबरें तथ्यों के आधार पर गलत हैं।

मंत्रालय पूरक पोषण देने के तंत्र को अधिक मजबूत करने की प्रक्रिया में आईटी आधारित निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है।

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