लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री राजबब्बर जी सांसद के आज जनपद अम्बेडकर नगर के डोंडो गांव में ‘‘हक मांगों’’ अभियान के तहत चौपाल कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाते समय जनपद अम्बेडकरनगर की सीमा पर भारी पुलिस बल द्वारा उन्हें रोका गया एवं वापस जाने का दबाव बनाया गया। श्री राजबब्बर ने पुलिस अधिकारियों को आश्वस्त किया कि कांग्रेस पार्टी शांतिपूर्ण पार्टी है वह सिर्फ किसानों का हालचाल लेने जा रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से काफी जद्दोजहद के बाद श्री बब्बर सहित उनके साथ मौजूद कांग्रेसजनों ने गाडि़यों सहित रोके जाने पर गाडि़यों को छोड़कर अम्बेडकरनगर की सीमा से पैदल यात्रा शुरू करके पैदल चलकर डोंडो गांव भारी पुलिस बल के बीच रहते हुए पहुंचे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गांव में आयेाजित चौपाल कार्यक्रम को पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जबरिया न होने देने की अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कृत्य की उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी घोर निन्दा करती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री बब्बर जब डोंडो गांव पहुंचे तो वहां के स्थानीय कांग्रेसजनों द्वारा बताये जाने पर कि किसानों और ग्रामीणों पर जुल्म हो रहे हैं और बिना किसी नोटिस के उनके मकानों को गिरा दिये गये हैं, उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया गया, खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं तो इस पर श्री बब्बर ने गांव से होकर जाने वाले हाईवे के निर्माण कराने से लगभग आधे गांव को प्रशासन द्वारा बुल्डोजर चलाकर ध्वस्त किये जाने से बेघर हुए पीडि़त किसान परिवारों से मिलकर सांत्वना दी तथा इस कृत्य को केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की तानाशाही एवं जनविरोधी करार दिया। मौके पर श्री बब्बर के नेतृत्व में स्थानीय ग्रामीणों ने चल रहे बुल्डोर को रूकवा दिया तथा निर्माण कार्य बन्द कराया। इसके उपरान्त श्री बब्बर ने ग्रामीणों के आवास को हाईवे के निर्माण के चलते पूरी तरह ध्वस्त कर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर करने, जिन लोगों के मकान ध्वस्त किये गये हैं उन्हें समुचित मुआवजा व उनके रहने हेतु वैकल्पिक आवास की व्यवस्था न किये जाने आदि मुद्दों को लेकर स्थानीय कांग्रेसजनों एवं स्थानीय जनों, किसानेां, ग्रामीणों के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री बब्बर ने स्थानीय प्रशासन एवं सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक किसानों/ग्रामीणों की मांगों को नहीं माना जाता है तथा नये भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा एवं रहने के लिए वैकल्पिक आवास नहीं दिया जाता है तब तक वह धरने से नहीं हटेंगे।