37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अगले चार वर्षों में आईआईटी, एनआईटी को 1 लाख करोड़ रुपये तक की वित्‍तीय सहायता दी जाएगी: डॉ. सत्‍यपाल सिंह

देश-विदेश

नई दिल्लीः केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) राज्‍य मंत्री श्री सत्‍यपाल सिंह ने 19 मार्च, 2018 को आईआईटी भुवनेश्‍वर के छठे दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में कहा कि आईआईटी जैसे संस्‍थानों को भी उच्‍च शिक्षा के 100 शीर्ष वैश्विक संस्‍थानों में अपना स्‍थान बनाना चाहिए।

मंत्री महोदय ने कहा कि इस दिशा में कई तरह के प्रयास किये जाने चाहिए जैसे कि भारतीय संस्‍थानों में अंतर्राष्‍ट्रीय विद्यार्थियों एवं संकाय (फैकल्‍टी) की मौजूदगी होनी चाहिए, इनमें अनुसंधान एवं नवाचार विश्‍व के सर्वश्रेष्‍ठ संस्‍थानों के अनुरूप होने चाहिए, इनमें भौतिक सुविधाएं किसी से भी कमतर नहीं होनी चाहिए, इत्‍यादि।

मंत्री महोदय ने स्‍नातक करने वाले 295 विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि हमारा देश प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्‍पना के अनुसार ‘नए भारत’ के लिए राष्‍ट्र निर्माण में मदद हेतु इन प्रतिभाशाली युवाओं पर भरोसा कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि रोबोटिक्‍स, वर्चुअल रियल्‍टी, क्‍लाउड टेक्‍नोलॉजी, बिग डेटा, कृत्रिम बुद्धिमत्‍ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) और अन्‍य प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय प्रगति के जरिए भारत में निकट भविष्‍य में चौथी औद्योगिक क्रांति का सूत्रपात होने के आसार नजर आ रहे हैं। श्री सिंह ने बताया कि उनका मंत्रालय तकनीकी शिक्षा में और अधिक गुणवत्‍ता और उत्‍कृष्‍टता के लिए प्रतिबद्ध है।

मंत्रालय ने शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी प्रणालियों के पुनरुत्‍थान (राइज) का शुभारंभ किया है, जिसका उद्देश्‍य अगले चार वर्षों के दौरान आईआईटी, एनआईटी, आईआईएसईआर को एक लाख करोड़ रुपये तक की वित्‍तीय सहायता मुहैया कराना है।

मंत्री महोदय ने अत्‍यधिक महत्‍व की बुनियादी बातों से लेकर अप्‍लायड क्षेत्रों तक के विस्‍तृत विषयों, विशेषकर लाल मिट्टी और फ्लाई ऐश का इस्‍तेमाल कर पर्यावरण अनुकूल भू-बहुलक (जियो-पॉलीमर) कंक्रीट के विकास के लिए औद्योगिक कचरे के उपयोग पर आईआईटी भुवनेश्‍वर में किए गए अनुसंधान कार्यों की सराहना की। भू-बहुलक कंक्रीट का उपयोग पर्यावरण अनुकूल इमारतों, पुलों, सड़कों और अन्‍य टिकाऊ भौतिक परिसंपत्तियों के निर्माण में किया जा सकता है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More