23 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अगर हमारे पास ज्ञान, संगीत, नृत्य, पेंटिंग, मूर्तिकला एवं शिल्प जैसे ललित तत्व नहीं हों तो हमारा जीवन अधूरा है: उपराष्ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्लीः उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडु ने कहा है कि अगर हमारे पास ज्ञान, संगीत, नृत्य, पेंटिंग, मूर्तिकला एवं शिल्प जैसे ललित तत्व नहीं हों तो हमारा जीवन अधूरा है। वह आज चेन्नई में श्रीमती डी के पट्टाम्मल के शताब्दी समारोहों का उद्घाटन करने के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर तमिलनाडू के राज्यपाल श्री बनवारीलाल पुरोहित, मात्स्यिकी, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार मंत्री श्री डी जयकुमार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि तेजी से बदलते मूल्यों के समय में भी परंपरा के प्रति अटूट लगाव, बिना वापसी की आकांक्षा के, कला के प्रति उनका समर्पण और अपने संगीत समारोहों में संगीत के उनके उचित चयन ने श्रीमती डी के पट्टाम्मल को एक प्रेरक व्यक्तित्व बनाया। पट्टाम्मल एक सशक्त महिला का उदाहरण थीं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह एक अप्रतिम जीनियस थीं और विश्व संगीत के प्रति उनका योगदान संगीत समालोचकों एवं आम श्रोता दोनों को ही संतुष्ट करता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि संगीत सार्वभौमिक रूप से जोड़ने वाला और बाधारहित होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय शास्त्रीय संगीत विशेष रूप से, कर्नाटक संगीत ने महान विचारों को भावप्रवण अनुभूतियों तथा आनंददायक अनुभवों के सूत्र में पिरो दिया है और इस मिश्रण की निश्चित रूप से सराहना की जानी चाहिए।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More