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शहरी विकास विभाग (जेएनएनयूआरएम/एडीबी) की समीक्षा बैठक लेते हुएः विभागीय मंत्री प्रीतम सिंह पंवार

उत्तराखंड
देहरादूनः प्रदेश के शहरी विकास, राजीव गांधी शहरी आवास योजना, पशुपालन मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने आज विधान सभा स्थित सभागार में जेएनएनयूआरएम,

एडीबी व शहरी विकास की लोकल बाॅडी के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक ली।
बैठक में उन्होंने शहरी क्षेत्रों में राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित योजनाओं के कार्य की समीक्षा की। उप परियोजना निदेशक द्वारा योजना के पूर्ण तथा गतिमान कार्यों का संक्षिप्त ब्यौरा मंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अधिकारियों ने बताया कि योजना के अन्तर्गत कारगी जोन में 68 एमएलडी के सीवर शोधन संयत्र का कार्य पूर्ण किया जा चूका है, साथ ही राज्य के 5 शहरों में संचालित योजना में 108 किलोमीटर सीवर नेटवर्क विछाने के कार्य तथा 526 किलोमीटर पेयजन लाईन विछाने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इसके अतरिक्त 18 उघ्र्व जलाशय तथा 22 सतही जलाशय का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिस पर शहरी विकास मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी पूर्ण येाजनाओं को प्रयोक्ता विभाग को एक माह में हस्तान्तिरत कर लिया जाय। मंत्री जी ने लोकहीत की इन योजनाओं का लोकापर्ण भी समयबद्ध करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
उन्होंने देहरादून नगर के अन्तर्गत रोड रेस्टोरेशन के कार्यों में बरती जा रही शिथिलता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी नये निर्माण से पूर्व रोड रेस्टोरेसन का कार्य पूर्ण कर लिया जाय। श्री पंवार ने सचिव शहरी विकास एवं परियोजना निदेशक को प्रत्येक 15 दिनों में इसकी नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिये।
बैठक में उन्होंने कहा कि कतिपय निर्माण योजनाओं में बार-बार समय वृद्धि की मांग की जा रही है जो ठीक नहीं है। इस सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जो हमारा समय निर्धारित है उसी के तहत कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये। डी.पी.डी. द्वारा अवगत कराया गया कि कुछ योजनाओं में बचत के कारण धनराशि अवशेष रह गयी है। जिस पर मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस होने वाली बचत के सापेक्ष प्रस्ताव समयान्तर्गत ए.डी.बी को प्रेषित किये जायें।
सचिव शहरी विकास डी.एस.गब्र्याल द्वारा मंत्री जी को आस्वस्थ कराया गया कि सभी निर्माणाधीन कार्य समय पर पूर्ण करा लिए जायंगे।
श्री पंवार ने जेएनएनयूआरएम  के अन्तर्गत संचाजित परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इस सम्बन्ध में अपर निदेशक शहरी विकास द्वारा अवगत कराया गया कि मसूरी सिवरेज सिस्टम हेतु वर्ष 2008-09 में कुल 61.73 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई थी तथा अभी तक 59.56 करोड़ की धनराशि पेयजल निगम को अवमुक्त की जा चुकी है, परन्तु अभी तक मात्र एक एसटीपी का कार्य पूर्ण किया गया है और 4 अन्य निर्माणाधीन हंै। निर्मित एसटीपी भी जो विवादों के कारण संचालिज नही किया जा रहा है। मंत्री जी ने कहा कि मसूरी में लगभग 62 किलोमीटर की सीवर की खुदाई के पश्चात भी सीवर की सुविधा उपल्बध नहीं हो पाई है। इस पर मा0 मंत्री जी द्वारा सक्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सचिव शहरी विकास को निर्देशित किया कि परियोजना में हुए विलम्ब तथा परियोजना को पूर्ण करने में आने वाली अतिरिक्त लागत हेतु उत्तरदायित्व निर्धारित करें। नैनीताल एवं देहरादून की योजनाओं को तत्काल पूर्ण कर हस्तान्तरित करने हेतु मंत्री जी द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा की आने वाले समय में जो डीपीआर गठन होना हैं उस कार्यवाही को गम्भीरता से लिया जाय ताकि परियोजना क्रियान्वयन के समय कोई कठिनाईयाॅं ना हो।
म्ंात्री जी ने राजभवन नैनीताल के जीर्णाेधार पर हो रहे विलम्ब पर नारागजगी व्यक्त   करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया की यह कार्य तीन माह के अन्दर पूर्ण कर लिय जायं इस हेतु यदि कोई अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता हो तो शहरी विकास निदेशालय से प्राप्त कर लिया जाय।
मंत्री जी द्वारा संज्ञान लिया गया कि यूआईडीएसएसएमटी के अन्तर्गत 11 नगर निकायों में कार्य की प्रगति संन्तोष जनक नहीं हैं जिस पर उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारियों को 31 मार्च तक उपयोगिता प्रमाण पत्र निदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये, ताकि समयान्तर्गत भारत सरकार से दूसरी किस्त की मांग कर ली जाय।
देहरादून, हरिद्वारा एवं नैनीताल में बीएसयूपी के अन्तर्गत मकान निर्मित किये गये हैं परन्तु लाभार्थियों का चयन अन्तिम न हो सकने के कारण इन आवासों में कब्जा नहीं दिलाया जा सका है। जिस पर मंत्री जी ने सभी नगर आयुक्तों/अधिशासी अधिकारियों को 31 मार्च तक लाभार्थियों का चयन करते हुए उन्हें कब्जा दिलाया जाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि आईएचएसडीपी योजनान्तर्गत लगभग 1584 मकान अभी भी अपूर्ण हैं। जिसमें से लगभग 1200 से अधिक मकान लाभार्थियों द्वारा स्वयं बनाये जाने हैं। इस सम्बन्ध में शासन/निदेशालय स्तर से स्पष्ठ निर्देशों के पश्चात भी निकायों द्वारा धनराशि वितरण में विलम्ब किया जा रहा है। विशेषकर हरिद्वार के मंगलौर नगर पालिका के कार्यों पर मंत्री द्वारा नाराजगी व्यक्त कि गई तथा निर्देशित किया गया कि इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता पर संपादित किया जाय, तथा सचिव/निदेशक को निर्देशित किया  कि पाक्षिक रूप से इसकी समीक्षा की जाय।

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