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उपराष्ट्रपति ने विशाखापत्तनम में एनएसटीएल के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल लेबोरेट्री के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य के मामले में केवल प्रशासनिक बदलाव किए गए है और हम अपने आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।

श्री नायडू ने आग्रह किया कि सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता के मामले में सभी भारतीयों को एक स्वर में बोलना चाहिए। भारत एक शांतिप्रिय देश है।

श्री नायडू ने टॉरपीडो, समुद्र के नीचे की खान आदि समुद्र संबंधी क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के लिए एनएसटीएल की सराहना की। एनएसटीएल ने समुद्र संबंधी हाइड्रो डायनमिक मूल्यांकन के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का निर्माण किया है। इससे देश मैरीन प्लेटफॉर्म डिजाइन में आत्मनिर्भर बनेगा।

श्री नायडू ने कहा कि विशेषकर रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। हमारी सशस्त्र सेनाओं के लिए स्वदेशी तकनीक से आधुनिक प्रणालियों को विकसित किया जाना चाहिए। एक राष्ट्र की शक्ति शैक्षणिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी क्षमता पर निर्भर करती है।

उन्होंने कहा कि जीएसएलवी, अग्नि मिसाइल, आईएनएस अरिहंत तथा चन्द्रयान व मंगलयान मिशन के माध्यम से भारत उन राष्ट्रों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास विशिष्ट तकनीक है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि डीआरडीओ, आरएंडडी संस्थान, शिक्षा जगत और उद्योग जगत को मिलकर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद और सेवाएं प्रदान करनी चाहिए। इसके लिए मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों का लाभ लेना चाहिए।

उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने एनएसटीएल द्वारा किए गए कार्यों पर आधारित एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने एनएसटीएल और डीआरडीओ की सराहना की। इस संबंध में उन्होंने एनएसटीएल द्वारा विकसित वरुणास्त्र टॉरपीडो का उल्लेख किया।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने एनएसटीएल पर एक डाक कवर जारी किया और खेल परिसर, तरणताल और आवासीय परिसरों की आधारशिला रखी। श्री नायडू ने डीआरडीओ तथा एनएसटीएल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति और युवा मामलों के मंत्री श्री मुत्तमसेट्टी श्रीनिवास राव, डीआरडीओ के चेयरमैन और रक्षा आरएंडडी विभाग के सचिव डॉ. जी. सतीश रेड्डी, वाइस एडमिरल ए.के.जैन, एवीएसएम, वीएसएम, डीआरडीओ के नेवल सिस्टम एंड मिनरल्स के महानिदेशक डॉ. समीर वेंकटपति कामत तथा डीआरडीओ एवं एनएसटीएल के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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