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उत्तराखण्ड राज्य एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड

देहरादून: बाल अधिकार व संरक्षण के क्षेत्र में राज्य सरकार एक पार्टनर के रूप में कार्य करेगी। राज्य सरकार की योजनाएॅं जिसमें पालना, अन्नप्राशन, खिलती कलियाॅं व उत्तराखण्ड पुलिस का आॅपरेशन स्माइल, बाल विकास व सरंक्षण के क्षेत्र कुछ आरम्भिक प्रयास है। सभी के सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। आधुनिक जीवनशैली में बिखरते परिवारों पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि परिवारों के बिखरने का सबसे अधिक कुप्रभाव बच्चों पर पड़ता है। ऐसे दम्पŸिायों की काउन्सिंग के लिए सरकार पुलिस प्रशासन को बेहतर प्रशिक्षण देने का व्यवस्था करेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि बाल सरंक्षण व विकास के क्षेत्र में चल रहे राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय सभी प्रयासों को समेकित करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की फंक्शनिंग को कैसे बेहतर किया जा सकता है, राज्य सरकार इस सम्बन्ध में पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को उत्तराखण्ड राज्य एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा किशोर न्याय अधिनियम-2015 के सम्बन्ध में राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, ई0सी0 रोड़ देहरादून में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में उपरोक्त विचार व्यक्त किये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि वे सभी गैर सामाजिक संगठन, राज्य सरकार के विभिन्न विभाग, विशेषकर आॅपरेशन स्माइल चलाने वाला पुलिस विभाग, सामाजिक संस्थाऐं बधाई व प्रशंसा की पात्र है जो बाल अधिकार सरंक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे है। यह सभी प्रयास एक सीखने की प्रक्रिया है जो राज्य सरकार को उसकी बाल विकास व सरंक्षण सम्बधित नीतियो के लिए एक मार्गदर्शक का कार्य करेगी। सभी प्रयासो को समेकित करने की आवश्यकता है तथा इनका राज्य व राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के साथ समन्वय करने की भी आवश्यकता है। यह एक राष्ट्रीय मेन्डेट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार 9 अगस्त 1942 को स्वतंत्रता सेनानियों ने साम्राज्यवाद के खिलाफ भारत छोड़ो का आंदोलन आरम्भ किया था आज हमें कुपोषण, गरीबी, सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति विशेषकर बाल समाज को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए एक अभियान आरम्भ करने की आवश्यकता है। बच्चें सामाजिक कुरीतियों से कुप्रभावित होने वाला हमारे समाज का सबसे कमजोर हिस्सा है। आज कई देश बाल सरंक्षण में बहुत विकसित है हमें उनसे सीखने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने सिटी मजिस्टेªट ललित नारायण मिश्रा, बाल सरंक्षण से जुडे़ मनोज कत्याल, मुंशीब अजुंम, गुरूनयन सिंह,राजकुमार प्रजापति, आॅपरेशन स्माइल से जुड़ी अपर पुलिस अधीक्षक देहरादून ममता बोहरा, एंटी टेरेफिक से जुडे़ राकेश भटट, परवीन सिंह, उपनिरीक्षक मंजू पाण्डेय, राज विक्रम सिंह, राजेश कुमार, संजीव मंमगाई, हेड काॅस्टेबल प्रदीप पाण्डेय, काॅस्टेबल देशराज, राकेश कुमार आदि को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने उत्तराखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित पांच भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू व पंजाबी में आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय रहे विद्यार्थियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष स्मृति ककड़, उत्तराखण्ड राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेन्द्र खण्डूरी, पूर्व मुख्य सचिव केरल पी0 के0 मोहन्ती, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी तथा बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

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