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नौवीं कक्षा से पोस्ट ग्रेजुएट तक विभिन्न भाषाओं में होंगे कोर्सेसः मानव संसाधन विकास मंत्री

देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि शीघ्र ही लोगों को घरों में अच्छे शिक्षकों से पढ़ने का अवसर मिलेगा। ऐसा संभव होगा डीटीएच और केबल टीवी के माध्यम से। इसमें कोई भी शिक्षक यदि किसी एक विषय में अच्छा है तो उसे भी पढ़ाने का अवसर मिलेगा। साथ ही छात्रों को भी अच्छे शिक्षकों का मार्गदर्शन मिल सकेगा। इसके लिए डीटीएच और केबल टीवी आपरेटर्स ने भी रुचि दिखाई है।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी चाहते हैं कि देश में अच्छा अनुसंधान हो। इसके लिए हम प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप योजना को प्रभावी बनाएँगे जिससे देश के प्रतिभावान अनुसंधानकर्ता विदेश न जाकर यहीं पर नवीन खोजों को अंजाम दे सकें।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम ‘जागरण कुलपति फोरम-उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षाः वर्तमान और भविष्य’ में शिरकत करते हुए विश्वविद्यालयों के उपस्थित कुलपतियों से अपील भी की कि देश की संपन्नता अच्छे रिसर्च और नवीन खोजों से ही संभव है।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे जवान देश है और यहां के लोगों में दक्षता बहुत है। लेकिन हम देश में मेधा को इसलिए नहीं रोक पाते कि उन्हें देश में चुनौती नहीं मिल पाती जो विदेशों में मिल जाती है।

कुलपतियों के फोरम में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए हम उच्चतर अनुष्ठान और औद्योगिक इकाइयों को जोड़ेंगे। आने वाले 3 सालों में 20 हजार करोड़ रुपयों की सहायता से हाई क्लास रिसर्च इनफ्रास्ट्रक्चर देश में तैयार किए जाने की योजना है। साथ ही प्रयास है कि विदेशों में बसी भारतीय मेधा न सिर्फ भारत वापस आए बल्कि यहां निवेश भी करे जिससे मेक इन इंडिया के माध्यम से रिसर्च के लिए मजबूत इनफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सके।

अपने उद्बोधन में श्री जावड़ेकर ने कहा कि आज विश्व के सारे बड़े शोधों में शामिल टीमों में भारतीय हैं लेकिन भारत के नाम पेटेंट्स नहीं हो रहे। उन्होंने उपस्थित शिक्षकों से कहा कि अच्छे विश्वविद्यालयों को अपने आसपास के गांवों के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को अपने संस्थान में हफ्ते दो हफ्ते के लिए बुलाना चाहिए और उन्हें सही से विकसित करने में मदद भी करनी चाहिए।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि देश में शिक्षा की भलाई के लिए शिक्षकों और छात्रों में अच्छा संवाद हो। केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है कि देश में नवीन खोजों के लिए एक बेहतर वातावरण बने व यहां पर आधुनिक लैब हों। और अगर हम सिलेबस को आधुनिक नहीं करेंगे तो अच्छी शिक्षा कैसे दे पाएंगे।

हाल ही में उड़ी में हुई 18 सैनिकों की शहादत को याद करके केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि एक सैनिक की शहादत के बाद मैंने उसकी मां को बोलते सुना कि ये तो बेटे के सेना में जाने के बाद से ही एहसास था कि कभी भी शहादत हो सकती लेकिन ये दुख हुआ कि वो सोते हुए मर गया अगर बंदूक हाथ में लेकर मरता तो अच्छा होता। ये एक मां का कथन था। इसी भांति अगर हम सब मिलकर शिक्षा के विकास की ठानें तो बहुत जल्द हम भी देश में रिसर्च के क्षेत्र में अच्छे परिणाम दे सकते हैं।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री श्री महेंद्र नाथ पांडे भी उपस्थित थे। उन्होने अपने सम्बोधन में कहा कि प्राइवेट शिक्षा के स्तर के लिए मानक तय हों ऐसा प्रयास किया जाएगा, हम इसको नई शिक्षा नीति में लाने का प्रयास करेंगे।

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