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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कश्मीर के टीकाकरण अभियान को ‘जन आंदोलन’ में तब्दील करने का आह्वान किया

देश-विदेश

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कश्मीरी नेताओं से घाटी में टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कियह हम सब की जिम्मेदारी है कि हम अपने राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों से ऊपर उठें और एकजुट होकर कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ें और कश्मीर जैसे स्वर्ग को बचाएं।

कश्मीर घाटी के राजनेताओं और सार्वजनिक कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए वैक्सीन अभियान को जन आंदोलन में तब्दील करने की दिशा में निर्वाचित प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक प्रमुख और वरिष्ठ नेता महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में टीकाकरण अभियान के सफल होने से इसका सकारात्मक संदेश पूरे देश में जाएगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कश्मीर घाटी में नागरिक समाज द्वारा स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करने की शैली की सराहना की। उन्होंने कहा कि घाटी के सभी जिलाधिकारियों को इस महामारी के खिलाफ चल रही सामूहिक लड़ाई में जनप्रतिनिधियों को साथ रखने की उन्होंने सलाह दी थी।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात को दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर घाटी सहित पूरे देश की स्थिति पर निगरानी रखने में व्यक्तिगत रूप से रुचि ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी आवश्यकता होती है, प्रधानमंत्री जिला प्रशासन और चिकित्सा बिरादरी के साथ संपर्क कर यह सुनिश्चित करते हैं कि बिना समय गंवाए हर आवश्यकता को पूरा किया जाये।

मंत्री ने कहा कि दुर्भाग्यवश कश्मीर घाटी को उस समय कोविड महामारी का सामना करना पड़ा जब ईद का त्योहार था, बसंत का मौसम था, पर्यटकों के आवागमन में वृद्धि हो रही थी और अमरनाथ यात्रा की शुरूआत हो रही थी। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि हम सामूहिक प्रयास और दृढ इच्छाशक्ति के द्वारा इस आपदा से बाहर निकलेंगें और खुशहाल समय में वापस लौटेंगें।

मंत्री ने कहा कि उन्होंने कश्मीर घाटी के जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द पीपुल फ्रेंडली टीकाकरण शिविरों के आयोजन में समुदायिक नेताओं को शामिल करें और कहा कि वैक्सीन की पर्याप्त खुराक जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों और होम आइसोलेशन वाले रोगियों के लिए वृहद पैमाने पर मुफ्त टेली-परामर्श सुविधाएं स्थापित करने के लिए आवश्यक निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठन, युवा समूह और पार्टी कार्यकर्ता सुरक्षित कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों या पंचायत भवनों में टेली-परामर्श का आयोजन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के पेशेवर मार्गदर्शनों से महामारी से लड़ने के लिए सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे स्वयंभू उपायों को भी स्थूल किया जा सकेगा।

नेताओं द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि 24 मई से चिकित्सा कर्मियों की भर्ती के लिए वॉक इन इंटरव्यू शुरू हो जाएंगे। उन्होंने यह भी सलाह दिया कि इस दौरान स्नातकोत्तर और स्नातक के अंतिम वर्ष के चिकित्सा छात्रों और नर्सिंग कर्मियों को जीएमसी और अन्य संबद्ध अस्पतालों में लगाया जाना चाहिए, जिससे मानव संसाधन की कमी की समस्या से निपटा जा सके। उन्होंने वेंटिलेटर का संचालन करने के लिए अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी बात की।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे नियमित रूप से विभिन्न जिला प्रशासनों के साथ-साथ शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एसकेआईएमएस), सौरा सहित जम्मू-कश्मीर के दोनों क्षेत्रों के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।

गैर-कोविड वाले गंभीर रोगियों,विशेष रूप से कैंसर रोगियों के लिए कीमोथेरेपी और किडनी रोगियों के लिएडायलिसिस की आवश्यकता के बारे में उत्पन्न चिंताओं का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि जीएमसी, श्रीनगर और एसकेआईएमएस में ऐसे रोगियों के लिए बिस्तर निर्धारित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

इस बैठक में शामिल होने वाले नेताओं ने कश्मीर में कोविड संबंधित सामग्री भेजने के लिए केंद्रीय मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और अन्य जिलों में वितरण करने के लिए और अधिक खेप प्रदान करने की मांग की।

इस सप्ताह, डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू और श्रीनगर के दो राजधानी शहरों के लिए क्रमशः कोविड संबंधित सामग्रियों की अलग-अलग खेप रवाना की थी,जिसमें फेस मास्क, सैनिटाइजर और अन्य सामानों से युक्त अलग-अलग किट मौजूद थे।

  डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ कोविड तैयारियों और अनुवर्ती उपायों पर आयोजित हुई इस वीडियो कांफ्रेंस मीटिंग में अन्य लोगों के साथडॉ रफी, मोहम्मद अनवर खान, दरख्शां अंद्राबी, अल्ताफ ठाकुर, मंजूर भट्ट, गुलाम अहमद मीर, बिलाल पर्रे, आरिफ रजा, अली मोहम्मद मीर, अशोक भट्ट भी शामिल हुए।

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