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केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी में अनेक विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और उद्घाटन किया

देश-विदेश

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी में अनेक विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और उद्घाटन किया। श्री अमित शाह ने माँ कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी में पूजा अर्चना कर देश की उन्नति व खुशहाली के लिए प्रार्थना की। केन्द्रीय गृह मंत्री ने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (GMCH) स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में रेडियो थेरेपी ब्लॉक का उद्घाटन और नई LINAC मशीन का लोकार्पण किया। श्री अमित शाह ने शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन किया। गृह मंत्री ने कोविड से जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये के चेक प्रदान किए। साथ ही श्री अमित शाह ने तामूलपुर मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखी। इसकी घोषणा बोडो शांति समझौते के दौरान की गई थी। कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री श्री हेमंत बिस्व सरमा, असम विधानसभा के अध्‍यक्ष, असम सरकार के मंत्री, बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (BTR) के मुख्‍य अधिकारी और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

श्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि असम में अपने बल पर दूसरी बार हमारी सरकार बनने से स्‍पष्‍ट हो गया कि असम की जनता ने आंदोलन, हथियार और आतंकवाद तीनों को छोड़कर विकास के रास्ते पर जाने का मन बना लिया है। श्री शाह ने कहा कि शायद ही कोई दूसरा प्रदेश होगा जिसने इतने लंबे समय तक अलग-अलग तरह के रक्‍तरंजित आंदोलन देखे होंगे और जहां हजारों लोग शहीद होने के बाद कुछ भी हासिल नहीं हुआ। श्री अमित शाह ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी के विकास का रास्ता असम को फायदा पंहुचा रहा है और असम की जनता को विकास का रास्ता पसंद आया तभी उसने दोबारा पूर्ण रूप से मैंडेट दिया। श्री शाह ने कहा कि पूरे नार्थ-ईस्ट की अलग-अलग प्रकार की बोलियां, संस्कृति, भाषाएं, गीत-संगीत, अलग-अलग खानपान न केवल नॉर्थईस्ट बल्कि भारत का गहना है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पूर्वोत्‍तर से 5 कैबिनेट मंत्री बने हैं जिससे जाहिर होता है कि श्री नरेंद्र मोदी जी की प्राथमिकता में नॉर्थ ईस्ट कहां खड़ा है। श्री शाह ने यह भी कहा कि देश के विकास में नार्थ-ईस्ट की जनता की भागीदारी बढ़नी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी ने पूरे नॉर्थ ईस्ट की विकास यात्रा चालू की है और साढे 6 साल में मोदी जी स्वयं 35 बार यहां आए। श्री शाह ने कहा कि एक भी पखवाड़ा ऐसा नहीं गया जिसमें 15 दिन के अंदर कोई ना कोई मंत्री नॉर्थ-ईस्ट में न आया हो।

श्री अमित शाह ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्‍व में असम  सरकार द्वारा आने वाले समय में असम में 21 मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं जो देश के दूसरे राज्‍यों में आबादी के अनुपात से बहुत बड़ा काम है। श्री शाह ने कहा कि असम में कैंसर अस्पताल बनने से पूरे नार्थ-ईस्ट को फायदा होगा। यहां के छात्रों द्वारा दिए गए कैंसर रिसर्च पेपर देश-विदेश में पढ़े जाएंगे। श्री शाह ने कहा कि बोडो समझौते के तहत जनता के भले के लिए तामूलपुर मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है। श्री शाह ने कहा कि किसी ने इस मेडिकल कॉलेज की मांग नहीं की बल्कि श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पहल करते हुए इस कॉलेज की स्थापना  का निर्णय लिया हैl

श्री शाह ने कहा कि 2024 से पहले बोडोलैंड के साथ हुए पूरे समझौतों को कार्यान्‍वित कर दिया जाएगा और आजादी के 75 साल पूरे होने तक बोडोलैंड के साथ किए गए सभी वादे पूरे किए जाएंगे। उनका कहना था कि पूर्व की सरकारों द्वारा किए गए कई समझौते बंद बक्सों में पड़े थे जिन पर धूल जम चुकी थी, श्री नरेंद्र मोदी जी के समय में बोडोलैंड से समझौता हुआ और नब्बे परसेंट समझौतों की अनुपालना हो चुकी है। ब्रू-रियांग समझौते के तहत 14 में से 9 जगह जमीन देने का काम समाप्त हो चुका है और 2022 से पहले 35 हजार से ज्यादा ब्रू परिवारों को 35 साल के बाद पहली बार रहने की भूमि मिलेगी, अनाज मिलेगा, ₹4500 पेंशन मिलेगी और सम्मान भी मिलेगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले समय में कार्बी समझौता और त्रिपुरा के दो गुटों द्वारा हथियार डालने संबंधी कार्य संपन्‍न कराया जा रहा है तथा 2024 के पहले न केवल असम बल्कि पूरा नॉर्थ-ईस्ट आतंकवाद, आंदोलन के रास्ते से निकलकर विकास के रास्ते पर चल कर आगे बढ़ेगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि ढेर सारे इंफ्रास्ट्रक्चर के काम असम में चल रहे हैं जिन्हें और तेजी से गति देने की आवश्यकता है। श्री शाह ने स्वास्थ्य के लिए चल रही कई परियोजनाएं का जिक्र करते हुए कहा कि चाय बागानों के अंदर 15 पीएससी बनाने की शुरुआत हुई है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने नेरेटिव सेट किया है कि विकास के लिए आंदोलन की नहीं सहयोग और परिश्रम की जरूरत है उसे असम की जनता समझ चुकी है।

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