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प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए देश पूरी तत्परता से कार्य कर रहा : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए देश पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। इसके लिए अनेक कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने 15 नवम्बर की तिथि भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया है। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष होने के कारण यह वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर 16वें जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम-2025 के तहत ओडिशा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश के युवाओं से संवाद के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस दौरान युवाओं ने अपने विचार रखे और अपने राज्य की सांस्कृतिक झलक भी प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री जी ने विपरीत मौसम में भी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आए युवाओं का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री जी ने युवाओं को राज्य से परिचित कराते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां 25 करोड़ की आबादी निवास करती है। राज्य में 75 जनपद, 18 मण्डल, 350 से अधिक तहसीलें, 825 से अधिक विकास खण्ड, 17 नगर निगम, 200 से अधिक नगर पालिका परिषद और 400 से अधिक नगर पंचायतें हैं। यह प्रकृति व परमात्मा की विशेष भूमि है। मां गंगा, मां यमुना व मां सरस्वती की त्रिवेणी प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुम्भ आयोजित होने जा रहा है। इसमें 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। प्रदेश में काशी विश्वनाथ धाम, भगवान श्रीराम की जन्मभूमि, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा व लीला भूमि वृंदावन तथा मां विंध्यवासिनी धाम भी है। उत्तर प्रदेश वैदिक कालखंड से लेकर अब तक की सभ्यता-संस्कृति और देश की आजादी की अनेक घटनाओं की साक्षी भूमि है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपको उत्तर प्रदेश को नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त हो रहा है। उत्तर प्रदेश विकास के मानक में अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है। प्रदेश ने खुद को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है। विकास व सुशासन की पहली शर्त सुरक्षा व कानून व्यवस्था है। यदि उग्रवाद, आतंकवाद, उपद्रव, दंगे-फसाद होंगे तो विकास, रोजगार सृजन, सुशासन व निवेश नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री जी ने युवाओं से कहा कि हम कानून का पालन करें, कानून हमें संरक्षण देगा। संविधान, कानून के प्रति श्रद्धा का यही भाव पैदा करता है। हम सभी संविधान के शिल्पी के रूप में डॉ0 आम्बेडकर का स्मरण करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का सम्बन्ध ओडिशा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश राज्यों से बहुत नजदीक से है। छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है। चित्रकूट में भगवान राम ने वनवास का सर्वाधिक समय व्यतीत किया। यह उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश का जंक्शन है। मां जानकी जनकपुर से हैं। यह बिहार व नेपाल के बीच में स्थित है। झारखण्ड बाबा बैजनाथ धाम के लिए जाना जाता है। ओडिशा जगन्नाथ भगवान का पावन धाम है। अपनी परम्परा, संस्कृति के प्रति गौरव की अनुभूति, श्रद्धा-सम्मान व देश के प्रति निष्ठा का भाव हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक तरफ भारत बड़ी ताकत बन रहा है तो दूसरी तरफ देश के सामने चुनौती भी है। अगले तीन वर्ष के अंदर भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। इससे हर व्यक्ति की आय में वृद्धि, रोजगार का सृजन, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास व निवेश होगा, जिससे युवाओं को जुड़ने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपनी परम्पराओं एवं लोकगाथा को शानदार तरीके से यहां प्रस्तुत किया गया। हमें संस्कृति को जीवित रखना होगा। इनकी नींव पर ही विकास के नए प्रतिमान स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकारें अपने यहां संग्रहालय बना रही हैं। स्वतंत्र भारत में पहली बार राष्ट्रपति पद पर एक जनजातीय महिला भारत के गौरव को नई ऊंचाई तक पहुंचाने में योगदान दे रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश, समाज व संस्कृति के प्रति युवाओं के मन में उत्कंठा देखकर उन्हें अच्छा लगा। जीवन में आगे बढ़ने और भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक ही मंत्र होना चाहिए कि मेरा अपना कुछ भी नहीं, देश सुरक्षित है तो हम सब सुरक्षित हैं। उपासना विधि का अंतर हो सकता है, लेकिन राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है। इससे कोई समझौता नहीं हो सकता। जनजातीय समुदाय भगवान श्रीराम के काल से ही देश व धर्म के लिए मजबूती के साथ जुटने वाले योद्धा के रूप में जाना जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण में यह वर्णन है कि ऋषि-मुनियों की साधना स्थली व दिव्य ज्ञान की भूमि दण्डकारण्य जनजातीय संस्कृति व सभ्यता से युक्त है। झारखण्ड, ओडिशा से लेकर सुदूर महाराष्ट्र तक विस्तृत भू-भाग है, जहां की जनजातीय संस्कृति ने ज्ञान-विज्ञान की धरोहर को संजोकर विपरीत परिस्थितियों में संरक्षण किया। जब भी राष्ट्र व धर्म के सामने चुनौती आई, तो उसका मुकाबला करने के लिए खुद को तैयार किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वनवास काल के दौरान भगवान श्रीराम के सामने जब चुनौती आई, तो इन्हीं लोगों ने धर्म की स्थापना और देश के लिए भगवान श्रीराम की सेना का हिस्सा बनकर समुद्र में भी सौ योजन के सेतु का निर्माण कर असम्भव को भी संभव कर दिया, जिससे भगवान श्रीराम की सेना इस पार से उस पार पहुंच जाए। यह ताकत जनजातीय समुदाय में है। यही साधना और उसकी सिद्धि है। उसी संस्कार से जुड़ने के लिए भगवान श्रीराम की भूमि पर आप सभी का आगमन हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में युवाओं का प्रशिक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें यहां की विकास यात्रा को नजदीक से जानने का अवसर मिल रहा है। 25 करोड़ की आबादी के बावजूद प्रदेश में कहीं भी अव्यवस्था नहीं है। महाकुम्भ में सभी कार्य सहजता से चल रहे हैं। लोग स्वतःस्फूर्त भाव से जुड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को सभी युवाओं को लखनऊ के दर्शनीय स्थलों पर घुमाने के निर्देश दिए। उन्होंने युवाओं को चौड़ी एव स्वच्छ सड़कें, मेट्रो, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, मॉल आदि तथा मोदी जी के नेतृत्व में हुए विकास का अवलोकन करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर ध्यान दें, कहीं गंदगी न होने दें। प्रकृति के जितने नजदीक रहेंगे, उतने ही स्वस्थ रहेंगे। स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री जी की देन है। टेक्नोलॉजी का उपयोग कैसे होना है, यह भी प्रधानमंत्री जी के प्रयासों का परिणाम है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, केन्द्रीय गृह मंत्रालय से सुश्री निष्ठा तिवारी, नेहरू युवा केंद्र संगठन के राज्य निदेशक श्री महेंद्र सिंह सिसौदिया आदि मौजूद थे।

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