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Ukraine Crisis: 300 भारतीय छात्रों का यूक्रेन से निकलना हुआ मुश्किल, ऋषिकेश की जिया ने बताए हालात

उत्तराखंड

यूक्रेन के सुमी शहर में फंसे 300 भारतीय छात्र-छात्राएं घर वापसी को लेकर आशंकित हैं। यूक्रेन की सीमा से हंगरी एयरपोर्ट की दूरी करीब 900 किलोमीटर है। हंगरी हवाई अड्डा पहुंचने में करीब 18 से 20 घंटे का समय लगता है। सुमी शहर में मिलिट्री स्कूल को रूसी सेना ने निशाना बनाया है। यहां यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की खबर भी आ रही है।

ऋषिकेश के सोमेश्वर नगर की रहने वाली जिया बलूनी पुत्री राकेश बलूनी यूक्रेन के सूमी शहर के सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी से एबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। जिया एमबीबीएस की चौथे वर्ष की छात्रा हैं। जिया बलूनी ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि कॉलेज के हास्टल में उनके साथ करीब 300 भारतीय छात्र और छात्राएं हैं। जिया ने बताया कि सुमी शहर यूक्रेन के पश्चिमी भाग में है।

उन्होंने बताया कि यहां सबसे निकटम हंगरी हवाई अड्डा यूक्रेन की सीमा पर है। सुमी से हंगरी हवाई अड्डे की दूरी 900 किलोमीटर है। हवाई अड्डे तक पहुंचने में करीब 18 से 20 घंटे का समय लगता है। जिया ने बताया कि सुमी शहर में मिलिट्री स्कूल पर रूसी सेना ने हमला किया था। ऐसे में उनके सहित सभी भारतीय छात्र अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।

हालांकि भारतीय दूतावास के अधिकारी लगातार उनके संपर्क में हैं, लेकिन यूक्रेन के आखिरी छोर पर होने के चलते उन लोगों तक सबसे आखिरी में मदद पहुंचने का अंदेशा है। जिया ने बताया कि फिलहाल हास्टल में खाद्यान्न की कमी नहीं है। उनको हास्टल से निकलने की मनाही है।

सप्ताह में एक बार ही वे जरूरी सामान लेने के लिए हास्टल से बाहर निकल रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभिभावक भी लगातार फोन कर सभी बच्चों का हालचाल पूछ रहे हैं। जिया ने भारत सरकार से सुमी में फंसे 300 छात्रों की देश वापसी के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की है।

सोर्स: यह Amar Ujjala न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ श्रमजीवी जर्नलिस्ट टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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