उत्तर प्रदेश में पहली बार दुधवा नेशनल पार्क के मोहम्मदी रेंज को मानसून सीजन में भी पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है। अब तक इस मौसम में देश के अधिकांश टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क बंद रहते थे। उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की इस नई पहल का मकसद पर्यटकों को वर्षा ऋतु में जंगल की अनदेखी और अद्भुत खूबसूरती से रूबरू कराना है। इससे मानसून सीजन में भी स्थानीय समुदायों व व्यवसायों को आय का नया जरिया मिलेगा।
यह जानकारी देते हुए पर्यटन एवं संस्कृति श्री जयवीर सिंह ने बताया कि मानसून के दौरान दुधवा टाइगर रिजर्व का मोहम्मदी रेंज बेहद आकर्षक नजर आता है। इस मौसम में जंगल स्वयं को पुनर्जीवित करता है। हरियाली और गहरी हो जाती है। रंग-बिरंगे फूल व घासें खिल उठती हैं, जिससे यह क्षेत्र खास नजर आता है। इस विशेष पहल से दुधवा का मानसून अब ’ऑफ-सीजन’ नहीं रहेगा, बल्कि उन लोगों के लिए खास बन जाएगा, जो प्राकृतिक सुंदरता को करीब से अनुभव करना चाहते हैं।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि दुधवा नेशनल पार्क का शेष क्षेत्र 15 जून से चार महीने के लिए मानसून के कारण बंद हो जाता है, वहीं मोहम्मदी रेंज इस बार खुला रहेगा। इस रेंज में 24 किलोमीटर लंबा सफारी ट्रैक है, जो वन्यजीवों से भरपूर है। इस क्षेत्र में 25 से अधिक बाघों के साथ-साथ हिरण, नीलगाय सहित अन्य शाकाहारी जीवों की अच्छी-खासी आबादी है। इस दौरान पर्यटक जंगल को सबसे अधिक हरे-भरे रूप में देख सकेंगे। बारिश के दिनों में यह पूरा वन क्षेत्र हरियाली की चादर ओढ़ लेता है। मौसमी जलधाराएं दृश्य को मनोरम बना देती है। दुर्लभ मानसूनी फूल व घास से मैदान सज जाते हैं। कुल मिलाकर कहें तो पर्यटकों को सफारी का भरपूर आनंद प्राप्त होगा।
श्री सिंह बताया कि दुधवा के मोहम्मदी रेंज में वर्षा ऋतु के दौरान भी पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। वन विभाग ने पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। सफारी के लिए बुकिंग एवं अन्य जानकारी के लिए पर्यटक $91-7007561416 या $91-9651117199 पर संपर्क कर सकते हैं। सफारी संचालक पर्यटकों को ऐसे खास रास्तों से ले जाएंगे, जहां बारिश से भीगे पेड़-पौधे और मिट्टी की सोंधी महक जंगल के रोमांच को दोगुना कर देगी। उन्होंने बताया कि पर्यटक लोकप्रिय विस्टाडोम कोच का भी आनंद ले सकते हैं, जो यात्रा को यादगार बना देती है। यह ट्रेन बिछिया से चलकर 107 किलोमीटर का खूबसूरत सफर तय कर मैलानी (लखीमपुर) स्टेशन तक जाती है। विस्टाडोम सेवा दुधवा, कतर्नियाघाट और किशनपुर वन्यजीव अभयारण्यों को जोड़ती है, जो पर्यटकों के बीच पहले से ही लोकप्रिय है।
पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा ने बताया कि ’इस पहल से न केवल इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा बल्कि जंगल की हरियाली, नदियों का बढ़ता जलस्तर और विविध वन्य जीवों की गतिविधियां भी पर्यटकों को आकर्षित करेंगी।
