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राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारत को एक ‘ज्ञान पुंज’ बनाने के लिए जारी सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयासों का परिणाम है: शिक्षा मंत्री

देश-विदेश

शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षक पर्व पहल के तहत एनएसएस, एनसीसी, एनवाईकेएस और उन्नत भारत अभियान (यूबीए) वॉलंटियर्स के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह वेबिनार के मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक, युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रिजिजू और शिक्षा राज्यमंत्री श्री संजय धोत्रे भी मौजूद थे। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के सचिव श्री अजय कुमार, उच्च शिक्षा सचिव श्री अमित खरे, स्कूल शिक्षा और साक्षरता सचिव श्रीमती अनीता करवाल, युवा मामले और खेल मामलों की सचिव श्रीमती उषा शर्मा, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति भी इस वेबिनार में शामिल हुए। देश भर से राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और उन्नत भारत अभियान (यूबीए) के वॉलंटियर्स भी वर्चुअल माध्यमों से वेबिनार में शामिल हुए।

वेबिनार के सहभागियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति, भारतीय इतिहास की पहली ऐसी नीति है, जिसमें बहु-आयामी और बहु-हितधारक सलाह प्रक्रिया को अपनाया गया, जिसमें ऑनलाइन, जमीनी स्तर और राष्ट्रीय स्तर की चर्चा-परिचर्चा शामिल थी। जमीनी स्तर पर विचार-विमर्श का विस्तार सभी ग्राम पंचायतों, ब्लॉक, शहरी स्थानीय निकायों, जिलों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तक रहा। उन्होंने कहा कि एनईपी को अध्यापकों, शिक्षाविदों, अभिभावकों और शिक्षा से जुड़े दूसरे हितधारकों से मिले 2 लाख से ज्यादा सुझावों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह नीति छात्रों के समग्र विकास के लिए स्कूल और उच्च शिक्षा में कई क्रांतिकारी बदलावों का सुझाव देती है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की परिकल्पना को पूरा करेगी।

रक्षा मंत्री ने बताया कि इस नीति में राज्य सरकारों को अपने मिडिल और हाई स्कूलों में एनसीसी विंग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने का भी एक प्रावधान है। उन्होंने आगे बताया कि उच्च शिक्षा में विभिन्न स्तरों पर अलग होने और शामिल होने की योजना (मल्टीपल एंट्री और एग्जिट स्कीम) से उन युवाओं को लाभ होगा, जिन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है। यह कदम हमारे सशस्त्र बलों के उन सैनिकों के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा, जो देश की सेवा करने के अलावा अध्ययन करने में भी रुचि रखते हैं। उन्होंने आगे बताया कि संसाधन की क्षमता (रिसोर्स पूल) को बढ़ाने के लिए स्थानीय प्रतिष्ठित व्यक्तियों या विशेषज्ञों को स्कूलों में ‘विशेष प्रशिक्षकों’ (स्पेशल ट्रेनर्स) के रूप में रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें सेना के सेवानिवृत्त शिक्षक और अधिकारी अपने आस-पास के स्कूलों में सेवाएं देकर राष्ट्र निर्माण में योगदान कर सकेंगे।

एक प्रसिद्ध कथन का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर आप पीढ़ियों को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आपको शिक्षा में निवेश करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भारत, दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है और राष्ट्र के विकास में बड़े लक्ष्यों को हासिल करने में युवा हमारी शक्ति हैं। उन्होंने आशा जताई कि यह आयोजन देश के युवाओं को समसामयिक मुद्दों के प्रति जागरूक करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं का समर्थन मिलने से पूरी शिक्षा प्रणाली बहुत प्रभावशाली बनेगी।

श्री पोखरियाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, भारत को ‘ज्ञान का पुंज’ बनाने के लिए निरंतर जारी सकारात्मक सोच और प्रयासों का परिणाम है। एनईपी केवल एक नीतिगत दस्तावेज नहीं है, बल्कि भारत के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब भी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत व्यापक और दूरदर्शी नीति है और भविष्य में राष्ट्र की उन्नति को सुगम बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।

श्री पोखरियाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव और भविष्य की चुनौतियों को दूर करने की अपील करती है। उन्होंने कहा कि एनईपी, सामाजिक व आर्थिक तौर पर वंचित वर्गों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी छात्रों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान रूप से पहुंच को सुनिश्चित करती है।

श्री पोखरियाल ने कहा कि युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के पास विभिन्न युवा कार्यक्रमों से जुड़े भारत के स्व-उत्साही (सेल्फ-मोटिवेटेड) युवाओं की एक महाशक्ति है। एक एनईपी एंबेसडर के रूप में युवा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में जमीनी स्तर पर जागरूकता पैदा करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने शिक्षा नीति के सफलता के साथ लागू करने के लिए शिक्षा मंत्रालय और युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से वेबिनार आयोजित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने उम्मीद जताई कि एनवाईकेएस, एनएसएस, एनसीसी के वॉलंटियर्स और उन्नत भारत अभियान के समन्वयक, युवा भारत की आकांक्षा के अनुरूप बनाई गई इस शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्री किरेन रिजिजू ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने युवाओं को अपनी सिफारिशों के केंद्र में रखा है। एक तरह से इस नीति ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की अधिक भागीदारी की मांग पेश की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत छात्रों को विषयों के चुनाव में बहुत ज्यादा छूट और विकल्प मिलेंगे। इसमें कला और विज्ञान, पाठ्यक्रम (कैरिकुलर) और खेल जैसी पाठ्यक्रमेतर (एक्सट्रा-कैरिकुलर) गतिविधियों, पेशेवर (वोकेशनल) और शैक्षणिक धाराओं के बीच कोई सख्त विभाजन नहीं होगा। इस अंतर-पाठ्यक्रम शैक्षिक दृष्टिकोण (क्रास-कैरिकुलर एजुकेशन एप्रोच) से बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने कहा कि युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित करके इस दिशा में ठोस प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री रिजिजू ने आगे कहा कि युवा, राष्ट्र निर्माता हैं और देश को सफलता के मार्ग पर आगे ले जाएंगे। यह बहुत ही जरूरी है कि भारत के युवाओं को देश की कलाओं, भाषाओं और ज्ञान की परंपराओं के साथ-साथ देश की विविध सामाजिक, सांस्कृतिक और तकनीकी आवश्यकताओं से भी अवगत कराया जाए। नई शिक्षा नीति के बारे में जागरूकता पैदा करने में युवाओं को शामिल करने से शिक्षा क्षेत्र में बदलाव पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। इसी सोच के अनुरूप शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षक पर्व के तहत नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर राष्ट्रीय स्तर पर एक वेबिनार श्रृंखला की शुरुआत की है, जो देश को एनईपी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने का एक मंच दे रही है। उन्होंने कहा कि हमारे वॉलंटियर्स को शिक्षा नीति के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देने के लिए आयोजित हुआ आज का वेबिनार भी इसी वेबिनार श्रृंखला का एक हिस्सा है।

वेबिनार के अंत में धन्यवाद देते हुए श्री धोत्रे ने रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की सहज उपस्थिति और शिक्षा क्षेत्र को लेकर विचारपूर्ण संबोधन के लिए आभार जताया। उन्होंने इस अवसर पर मौजूद रहे शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रिजिजू और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का भी धन्यवाद किया।

यह आयोजन एक हैंडबुक ‘वेब रिसोर्स फॉर एनएसएस, एसीसी, एनवाईकेएस और यूबीए वॉलंटियर्स फॉर डिसेमिनेशन ऑफ इंफॉर्मेशन ऑन न्यू एजुकेशन पॉलिसी-2020’ (नई शिक्षा नीति-2020 की सूचनाओं के प्रसार के लिए एनएसएस, एसीसी, एनवाईकेएस और यूबीए वॉलंटियर्स के लिए वेब रिसोर्स) को जारी किए जाने का भी गवाह बना।

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