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पिपराईच एवं मुण्डेरवा चीनी मिल में प्रदेश का पहला सल्फरलेस प्लाण्ट: सीएम

उत्तर प्रदेश

लखनऊमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लि0 की इकाई पिपराईच चीनी मिल के सल्फरलेस प्लाण्ट का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने वर्चुअल माध्यम से मुण्डेरवा चीनी मिल, बस्ती के भी सल्फरलेस प्लाण्ट का लोकार्पण किया। साथ ही, उन्होंने बस्ती के लिए 202.30 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का आॅनलाइन लोकार्पण व शिलान्यास किया। इनमें 81.81 करोड़ रुपए लागत की 15 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 120.49 करोड़ रुपए की 43 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिपराईच एवं मुण्डेरवा चीनी मिल में प्रदेश के पहले सल्फरलेस प्लाण्ट हैं। इन प्लाण्ट्स से गोरखपुर तथा बस्ती सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश की देश व दुनिया में एक नई पहचान बनेगी। इन प्लाण्ट्स से कुशीनगर, संतकबीरनगर तथा सिद्धार्थनगर जनपद भी लाभान्वित होंगे। नई और आधुनिक चीनी मिलों को संचालित करना किसानों व नौजवानों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश का हर जनपद किसी न किसी चीनी मिल पर आधारित है। यहां के किसानों की आजीविका, नौजवानों का रोजगार और व्यापारियों का व्यापार, यह चीनी मिलें थीं। पूर्व में 01 वर्ष के दौरान पुरानी चीनी मिलों में 12 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई होती थी। अब पिपराईच व मुण्डेरवा दोनों चीनी मिलों में 01 वर्ष में 45-45 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई हो रही है और किसानों को उनके गन्ने के मूल्य का भुगतान समय से हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में चीनी मिलों के संचालन की चुनौती थी, लेकिन प्रदेश की 119 चीनी मिलें संचालित की गईं और इन चीनी मिलों के संचालन के साथ-साथ प्रदेश के अन्दर 01 लाख 12 हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का रिकाॅर्ड भुगतान किया गया। किसानों की आमदनी को दोगुना करने और उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार तत्पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास में यहां के किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। किसानों के लिए पिछले 06 वर्षों में प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में किसान कल्याण की कई योजनाएं एवं व्यापक कार्यक्रम संचालित किए गए हैं। आज की आवश्यकता है कि सही तथ्य किसानों तक पहुंचें। आजादी के बाद किसानों के हित में उतने कार्य नहीं किए गए, जितने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पिछले मात्र 06 वर्षों के दौरान हुए हैं। किसानों की आमदनी, उपज एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनाओं सहित विभिन्न खाद्यान्नों के समर्थन मूल्य में वृद्धि तथा बकाया गन्ना मूल्य भुगतान किया गया है। उन्हें तकनीक के साथ जोड़ते हुए ‘वन ड्राॅप, मोर क्राॅप’ योजना संचालित की गई। जल संरक्षण के अलावा, किसानों को सब्सिडी देने का कार्य भी किया गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसानों को दिलाया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 02 करोड़ 20 लाख से अधिक किसानों को लगभग 04 करोड़ 43 लाख रुपए उनके खाते में सीधे भेजे गए हैं। उन्होंने किसानों को जागरूक रहने की अपील करते हुए कहा कि विकास कार्य तेजी से संचालित किए जा रहे हैं। गांव-गांव में सड़कों का निर्माण हो रहा है। विकास के साथ-साथ लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। आज ही, 3209 नलकूप आॅपरेटरों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर में मेडिकल काॅलेज बन रहे है। गोरखपुर में एम्स का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा प्रदेश होने के बाद भी कोरोना काल खण्ड में प्रदेश सरकार, प्रशासन व जनप्रतिनिधि ने टीम भावना से कार्य किया। इससे मृत्यु दर में कमी आयी। कोरोना से बचाव के कार्यों की डब्ल्यू0एच0ओ0 द्वारा सराहना की गई। कोविड-19 संक्रमण प्रदेश में नियंत्रित रहा और प्रदेश की जनता व्यापक पैमाने पर सुरक्षित रही।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चीनी मिल चलाने के साथ-साथ यहां पर डिस्टलरी प्लाण्ट को भी बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ-साथ युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए गन्ने के जूस, गुड़ के निर्माण एवं पैकेजिंग आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाए। इससे अधिक संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा।
कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन एवं विधायक पिपराईच श्री महेन्द्र पाल सिंह ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर जनपद बस्ती से गन्ना विकास मंत्री श्री सुरेश राणा तथा गन्ना विकास राज्यमंत्री श्री सुरेश पासी वर्चुअल माध्यम से जुड़े हुए थे। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक एवं किसान उपस्थित थे।

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