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पूर्वोत्तर क्षेत्र में पीएमकेवीवाई 3.0 के कार्यान्वय में तेजी लाने के लिए कौशल भारत ने अपनी तरह की पहली क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया

देश-विदेश

पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के युवाओं को उनकी उत्पादकता बढ़ाने एवं अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए उद्योग-संबंधित कौशल के साथ सशक्त बनाने की दृष्टि से कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने आज सिक्किम के गंगटोक में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 3.0 के लिए अपनी तरह की पहली क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। सभी आठ राज्यों- सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में राज्य कौशल विकास मिशनों (एसएसडीएम) एवं जिला कौशल समितियों (डीएससी) के प्रमुख कर्मियों ने इस कार्यशाला में हिस्सा लिया। इस कार्यशाला को सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों से सीखने, पीएमकेवीवाई 3.0 से संबंधित चुनौतियों को समझना और तकनीकी मंच- स्किल इंडिया पोर्टल (एसआईपी) के उपयोग को लेकर समझ के निर्माण पर केंद्रित किया गया। इस कार्यशाला में केंद्रीय/राज्य अधिकारियों ने भी अपनी भागीदारी दर्ज करवाई।

सिक्किम के कौशल विकास विभाग के सलाहकार श्री सतीश चंद्र राय, एमएसडीई के सचिव श्री प्रवीण कुमार, एमएसडीई के अतिरिक्त सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, एनएसडीसी के एमडी एवं सीईओ डॉ. मनीष कुमार, एमएसडीई के संयुक्त निदेशक (कौशल विकास) श्री संजीव कुमार, सिक्किम के कौशल विकास विभाग की सचिव श्रीमती गंगा देवी प्रधान सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यशाला में उपस्थित हुए। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) ने भी कार्यशाला में भाग लिया।

एमएसडीई के सचिव श्री प्रवीण कुमार ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा, “हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक्ट ईस्ट’ विजन के तहत उत्तर पूर्वी क्षेत्र के समग्र विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। एनईआर क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के अथक प्रयासों के साथ उत्तर पूर्व भारत में युवाओं को सशक्त बनाने, जिससे वे उद्योगों में भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार हो सकें, के लिए सभी आठ राज्यों में पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत कौशल विकास के प्रयासों के दायरे एवं प्रभाव को बढ़ाने के लिए आज की कार्यशाला की परिकल्पना की गई। आज की चर्चा स्थानीय अधिकारियों और प्रमुख सीखों द्वारा सामना की गई व्यवधानों को भी समझने में महत्वपूर्ण थी, जो हमें एक बेहतर पीएमकेवीवाई 4.0 योजना विकसित करने में सहायता करेगी।”

सिक्किम सरकार के कौशल विकास विभाग की सचिव श्रीमती गंगा देवी प्रधान ने कहा, “उत्तर पूर्वी राज्य अपनी प्राकृतिक के साथ-साथ कृषि-जलवायु संसाधनों, विविध संस्कृति और देसी व्यापार के मामले में अद्वीतीय है, इसलिए पीएमकेवीवाई 3.0 के सुव्यवस्थित कार्यान्वयन के लिए एसएसडीएम एवं डीएससी की सहायता जरूरी है। इस कार्यशाला ने स्थापित किया है कि उनके इनपुटों एवं अंतर्दृष्टि इस योजना की सफलता में एक अभिन्न भूमिका निभाएंगे। इसे देखते हुए हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इन बलों में शामिल हों और न केवल एनईआर की कला एवं शिल्प और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बल्कि एक लचीला एवं अनुकूल कार्यबल बनाने को लेकर कुशल इकोसिस्टम संबंधी आधार के लिए भी सरकार के प्रयासों का समर्थन करें।”

दिनभर की कार्यशाला के दौरान विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रम, प्रबंधन संरचनाओं एवं प्रक्रियाओं, बढ़ी हुई बुनियादी सुविधाओं और स्थानीय चुनौतियों पर चर्चा की गई। सभी आठ राज्यों की टीमों के साथ एक व्यापक चर्चा हुई, जिसमें राज्य के अधिकारियों ने अपने बहुमूल्य इनपुट प्रदान किए। इसके अलावा अन्य योजनाओं जैसे राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), आईटीआई और अन्य के साथ पीएमकेवीवाई के सम्मिलन पर विचार-विमर्श हुआ। पीएमकेवीवाई 1.0 एवं पीएमकेवीवाई 2.0 के तहत 1.21 करोड़ से अधिक युवाओं को देश में बेहतर मानकीकृत कौशल वातावरण के माध्यम से सफलतापूर्वक उन्मुख किया गया है।

भारत सरकार द्वारा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय का गठन 9 नवंबर, 2014 को कौशल की रोजगार क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किया गया था। इस मंत्रालय का लक्ष्य केवल मौजूदा नौकरियों के लिए नहीं, बल्कि आने वाले दिनों में पैदा होने वाली नौकरियों के लिए भी नए कौशल एवं नवाचार निर्माण के लिए कुशल मानव संसाधन की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को खत्म करना है। अब तक कौशल भारत के तहत लगभग 5.5 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके महत्वाकांक्षी कार्यक्रम- पीएमकेवीवाई 1.0 एवं पीएमकेवीवाई 2.0 के तहत 1.21 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है।

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