नई दिल्ली: श्री जी.किशन रेड्डी ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भोजनालयों और विश्रामालयों (लॉज) के लाइसेंस के लिए एकीकृत पोर्टल लांच किया। व्यावसायिक सुगमता के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लाइसेंस देने के काम में शामिल विभिन्न एसेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से यह पहल की गई है।
श्री रेड्डी ने इस अवसर पर कहा कि यह पोर्टल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त अर्थव्यवस्था स्थापित करने के विजन को हासिल करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति कारोबारी सुगमता की विश्व रैंकिंग में सुधरी है और सरकार उद्यमियों को नये व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। खाद्य और पेय पदार्थ क्षेत्र बड़ा क्षेत्र है और यह 2021 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 2 प्रतिशत से अधिक का योगदान करेगा।
पोर्टल की विशेषताओं की चर्चा करते हुए श्री रेड्डी ने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अन्तर्गत एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली विकसित की गई है, ताकि लोग दिल्ली में भोजनालय तथा आवासीय व्यवसाय शुरू करने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकें। यह पोर्टल समयबद्ध तरीके से लाइसेंस प्राप्त करने के उद्देश्य से एकीकृत, पारदर्शी और बाधा रहित प्रणाली देगा। उन्होंने कहा कि जन अनुकूल यह प्रणाली भ्रष्टाचार को रोकेगी और इससे सभी हितधारक नियमों और विनियमों का पालन करेंगे।
एकीकृत पोर्टल का उद्देश्य नियामक प्रक्रियाओं (पंजीकरण और निरीक्षण) को सरल और विवेक संगत बनाना, पारदर्शिता लाना और वैधानिक मंजूरी में प्रक्रिया संबंधी विलयों को दूर करना है।
एकल खिड़की एकीकृत पोर्टल निम्नलिखित सहायता प्रदान करेगा :-
· मंजूरी प्रक्रिया के सभी चरणों में आवेदक अपने आवेदन की स्थिति जान सकेंगे।
· आवेदक पोर्टल, ई-मेल तथा पंजीकृत मोबाइल के माध्यम से आवेदन में किसी तरह की कमी की सूचना प्राप्त कर सकेंगे।
· आवेदक ऑनलाइन रूप से आवदेनों में कमियों को दूर कर सकेंगे और सभी एजेंसियों द्वारा समयबद्ध तरीके से आवेदन की प्रोसेसिंग की जाएगी।
· आवेदक पोर्टल से सभी एजेंसियों की मंजूरियों को डाउनलोड कर सकते हैं।
· पोर्टल संबंधित अधिकारियों के निगरानी कार्यों को सहज बनाने में भी मदद देगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में भोजनालयों और विश्रामालयों के लिए अनेक प्रकार के लाइसेंसों की जरूरत होती है। ये जरूरतें नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) अधिनियम 1994, दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957, दिल्ली अग्निशमन अधिनियम 2007, दिल्ली पुलिस अधिनियम 1978 तथा वायु/जल (रोकथाम और प्रदूषण) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार होती है। इससे विभिन्न एजेंसियां अपने-अपने तरीके से मंजूरियां देती हैं और हितधारकों को कठिनाई होती है।
इन कठिनाइयों को दूर करने के लिए वर्तमान कानूनी/नियामक स्थितियों में बदलाव किये बिना गृह मंत्रालय ने सभी हितधारकों से विचार-विमर्श करके एनआईसी के माध्यम से एकल खिड़की ऑनलाइन प्रणाली विकसित की है।