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वरिष्ठ अधिकारियों व द हंस फाउण्डेशन के सी.ई.ओ. लेफ्ट.जन. एस.एम.मेहता ने मुख्यमंत्री से वार्ता करते हुए।

उत्तराखंड
देहरादून: द हंस फाउण्डेशन उत्तराखण्ड सरकार के साथ मिलकर राज्य में शिक्षा, पेयजल, कृषि, चिकित्सा स्वास्थ्य, समाज कल्याण, बाल विकास व ऊर्जा आदि क्षेत्रों में कार्य करेगा। द हंस फाउण्डेशन के सहयोग से प्रदेश के 500 स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्य किया जायेगा।

इसके साथ ही प्रदेश के दो जिलों को शत-प्रतिशत शौचालय से आच्छादित करने में भी हंस फाउण्डेशन मदद करेगा। विगत दिवस देर रात्रि बीजापुर अतिथि गृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों व द हंस फाउण्डेशन के सी.ई.ओ. लेफ्ट.जन. एस.एम.मेहता के साथ बैठक हुई।
बैठक में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों में शिक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, ऊर्जा, कृषि, समाज कल्याण के साथ ही अन्य क्षेत्रों में काम कर रही है। इसके साथ ही जनहित में अनेक योजनाएं शुरू की गई है। इन क्षेत्रों में यदि हंस फाउण्डेशन काम करने के लिए आगे आता है, तो राज्य सरकार उसका स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन जनहित से जुड़े कार्य करने के लिए एक पार्टनर के रूप में भी काम कर सकती है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा राज्य सरकार को जो प्रस्ताव दिये गये है, उन पर शीघ्रता से कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हंस फाउण्डेशन के सी.ई.ओ. लेफ्ट.जन. मेहता से अपेक्षा की कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष रूप से सहयोग करें। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा। श्री मेहता ने बताया कि उनके द्वारा राज्य सरकार को शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है। जिस पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने अपर मुख्य सचिव एस.राजू और महानिदेशक शिक्षा को निर्देश दिये कि प्रथम चरण में 500 स्कूल चिन्हित किये जाय, जिनमें राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल और राजीवगांधी अभिनव स्कूलों प्राथमिकता पर हो। इन स्कूलों में हंस फाउण्डेशन द्वारा कक्षा 6 से 8 के छात्र-छात्राओं के शैक्षिक स्तर में सुधार लाने का काम करेगा। इसके तहत शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा। स्कूलों में टेबलेट, लैपटाॅप व आॅडियो विजुअल के माध्यम से सभी विषय पढ़ाये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने हंस फाउण्डेशन से स्कूलों में पेयजल व सैनिटेशन के क्षेत्र में भी सहयोग करने की अपेक्षा की। लेफ्ट.जन. मेहता ने बताया कि हंस फाउण्डेशन चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काम करने का इच्छुक है, इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया गया है। प्रस्ताव के अनुसार प्रथम चरण में प्रदेश के तीन जनपदों का चयन किया जायेगा, जहां चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हल्द्वानी में कैंसर संस्थान बनाया गया है, यदि हंस फाउण्डेशन उसमें सहयोगी के रूप में काम करना चाहे, तो पी.पी.पी. मोड पर कार्य किया जा सकता है। लेफ्ट.जन. मेहता ने कहा कि उनकी टीम कैंसर संस्थान का निरीक्षण कर इस दिशा में सहयोग करने को तैयार है। हल्द्वानी में एक डायग्नोस्टिक सेंटर भी स्थापित किया जायेगा। इसके अलावा कुछ पीएचसी व जिला चिकित्सालयों के सुदृढ़ीकरण में भी सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आपदा के दृष्टिकोण से संवेदनशील राज्य है, इसलिए सीमांत क्षेत्रों में कुछ मोबाइल वैन शुरू करने पर भी विचार किया जाय। जहां-जहां पर एस.डी.आर.एफ. की यूनिट बनायी जा रही है, वहां-वहां पर मोबाइल वैन शुरू की जायेगी, जो सभी चिकित्सा उपकरणों व स्टाॅफ से युक्त होगी। हंस फाउण्डेशन जन्म से बधिर, विकलांग और अतिकुपोषित बच्चों के उपचार में भी मदद करेगा। हंस फाण्डेशन द्वारा राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया गया कि वे 100 गांवों में स्वच्छ पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में काम करना चाहती है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि इसके लिए स्वजल विभाग हंस फाउण्डेशन को 100 ऐसे गांवों की सूची उपलब्ध कराये, जहां पर ग्रेविटी आधारित पेयजल योजना शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्वजल विभाग किसी नोडल अधिकारी की भी तैनाती करे। लेफ्ट.जन. मेहता ने कहा कि उनके द्वारा प्रदेश में कृषि क्षेत्र में भी काम करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसके लिए 2 से 7 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी, इस परियोजना में गांव के लोगो को उनकी भूमि का बेहतर उपयोग करने की तकनीक बतायी जायेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि किसानों को कृषि से जोड़ने के लिए राज्य सरकरा द्वारा भी बोनस आधारित योजनाएं शुरू की गई है। उन्होंने हंस फाउण्डेशन से अपेक्षा की कि वे पर्वतीय क्षेत्रों में साॅयल टेस्टिंग मोबाइल वैन शुरू करे, जिसके माध्यम से साॅयल हेल्थ कार्ड किसानों को वितरित किये जा सके। जिस पर लेफ्ट.जन. मेहता ने कहा कि इस दिशा में उनकी संस्था द्वारा काम किया जायेगा। हंस फाउण्डेशन द्वारा बताया गया कि वे प्रदेश के गांवों में विद्युतीकरण कार्य में भी सहयोग करना चाहती है, जिस पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रबंध निदेशक उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन को निर्देश दिये कि ऐसे सीमांत गांव, जो अभी तक विद्युतीकरण होने से रहे गये है, उसकी सूची तैयार कर हंस फाउण्डेशन को उपलब्ध करायी जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं का स्वागत करती है, जो उत्तराखण्ड को अपनी सेवाएं देना चाहती है। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किये जा रहे है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड सरकार और हंस फाउण्डेशन के मध्य होने वाले कार्य के नियमित अनुश्रवण के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाय। जिसमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया प्रभारी हरपाल रावत व हंस फाउण्डेशन के दो सदस्य शामिल होंगे।

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