29 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीजीडीई कर्मियों को उत्कृष्टता के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार प्रदान किए

देश-विदेश

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 16 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में रक्षा संपदा महानिदेशालय के 96वें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्कृष्टता के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार 2021 प्रदान किए। प्राप्तकर्ताओं को  सार्वजनिक सेवा और भूमि प्रबंधन के साथ स्वच्छता तथा स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और डिजिटल उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। चूंकि कोविड -19 महामारी के कारण कक्षाएं ऑनलाइन चलाई जा रही थीं, इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में पुरस्कारों पर विचार नहीं किया गया। इस वर्ष रक्षा मंत्री द्वारा ‘ई-छावनी’ परियोजना के कार्यान्वयन में उपलब्धि के लिए एक नया पुरस्कार स्थापित किया गया है। ये श्रेणियां हैं:

  1. स्वच्‍छ छावनी स्‍वस्‍थ छावनी
  2. डिजिटल दक्षता
  3. सार्वजनिक सेवाओं में नवाचार
  4. भूमि और प्रतिवेदन प्रबंधन
  5. छावनी जनरल अस्पताल में सुधार
  6. ‘ई-छावनी’ परियोजना का कार्यान्वयन

पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि पुरस्कार सभी विजेता संगठनों को छावनी बोर्डों की बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लोक सेवा के इस नेक कार्य से अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी भविष्य में इन पुरस्कारों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित होंगे। ये पुरस्कार राष्ट्र निर्माण के प्रति डीजीडीई की दृढ़ता और प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।

हाल ही में तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दिवंगतहुए जनरल बिपिन रावत को याद करते हुएरक्षा मंत्री ने कहा कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) ने इस साल की शुरुआत में ई-छावनी पोर्टल के उद्घाटन समारोह में भाग लिया था और डीजीडीई को अधिक सक्रिय और सशक्त बनाने का प्रयास किया था। उन्होंने डीजीडीई और रक्षा मंत्रालय के अन्य विभागों को और अधिक प्रयास करने और सशस्त्र बलों को लगातार मजबूत करने के लक्ष्य को प्राप्त करने का आह्वान किया, जिसके लिए सरकार ने सीडीएस का पद सृजित किया है और सैन्य मामलों के विभाग की स्थापना की है।

श्री राजनाथ सिंह ने 17.98 लाख एकड़ भूमि के प्रबंधन और देश भर में 62 छावनियों के नागरिक प्रशासन की दिशा में डीजीडीई के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि डीजीडीई छावनी क्षेत्रों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने और सैन्य अधिकारियों, सैनिकों, उनके परिवारों के साथ-साथ 20 लाख से अधिक लोगों की नागरिक आबादी की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

छावनी बोर्डों के कल्याण के सरकार के संकल्प को प्रतिध्वनित करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा, निवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए ई-छावनी पोर्टल शुरू किया गया था। उन्होंने कहा, यह एकीकृत मंच सभी नगरपालिका सेवाओं जैसे करों का भुगतान, व्यापार लाइसेंस का नवीनीकरण,पानी और सीवरेज के नये कनेक्शन, विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र और शिकायत निवारण के लिए आसान और संपर्क रहित पहुंच प्रदान करता है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ और ‘डिजिटल इंडिया’ का एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, “सरकार छावनी क्षेत्रों के निवासियों को उनकी संपत्तियों के उत्परिवर्तन / हस्तांतरण, भवनों के पुनर्निर्माण और पट्टे के नवीनीकरण आदि में आने वाली विभिन्न समस्याओं को हल करने पर काम कर रही है।”

श्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 महामारी विशेष रूप से दूसरी लहर के दौरान सार्वजनिक सेवाएं, व्यापक चिकित्सा देखभाल और टेली-मेडिसिन सुविधाएं प्रदान करने के लिए छावनी बोर्डों की सराहना की। उन्होंने कहा, “छावनी अस्पतालों ने अपने बुनियादी ढांचे को युद्ध स्तर पर उन्नत किया है और अब किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

रक्षा मंत्री ने आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में देश भर में 75 जल निकायों के जीर्णोद्धार की पहल के लिए छावनी बोर्डों की सराहना की। वर्तमान में अधिकांश केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं को छावनी क्षेत्रों में लागू किया गया है, ताकि योजनाओं का लाभ इन निवासियों तक भी पहुंचे।

श्री राजनाथ सिंह ने देश भर में रक्षा भूमि के प्रबंधन की दिशा में डीजीडीई द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। इनमें भूमि रिकॉर्डों के मिलने के बाद कम्‍प्‍यूटर द्वारा तत्‍काल परिष्‍करण और थ्रेट मेट्रिक्स के आधार पर रक्षा भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करना और खाली रक्षा भूमि की रक्षा के लिए सीमा स्तंभ खड़ा करने की मंजूरी शामिल है।

इस अवसर पर, रक्षा मंत्री ने क्षमता निर्माण के लिए सर्वेक्षण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता केन्‍द्र का भी उद्घाटन किया, जिसे राष्ट्रीय रक्षा संपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीईएम), शीर्ष केन्‍द्रीय प्रशिक्षण संस्थान द्वारा स्थापित किया गया है, जो रक्षा संपदा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान करता है। केन्‍द्र सर्वेक्षण की नई तकनीकों यानी ड्रोन सर्वेक्षण और एक साथ स्थानीयकरण और मानचित्रण (एसएलएएम) प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेगा। इन तकनीकों से रक्षा भूमि का सटीक सर्वेक्षण सुनिश्चित होगा, जिसके माध्यम से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को हकीकत बनाकर भूमि सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। यह न केवल डीजीडीई के अधिकारियों के लिए बल्कि भूमि प्रबंधन और सर्वेक्षण में शामिल सभी सरकारी विभागों के लिए उपलब्ध होगा। श्री राजनाथ सिंह ने उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए डीजीडीई की सराहना करते हुए कहा कि विभाग ने केवल बाहरी विशेषज्ञों पर निर्भर नहीं रहकर अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण के माध्यम से आंतरिक विशेषज्ञता विकसित करके आत्मनिर्भरता हासिल की है।

श्री राजनाथ सिंह ने ई-छावनी के तहत भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित स्वचालित जल आपूर्ति पाइपलाइन प्रणाली का भी शुभारंभ किया। जीआईएस आधारित सूचना प्रौद्योगिकी पानी के कनेक्शन की मंजूरी के लिए मैनुअल हस्तक्षेप की आवश्यकता को पूरी तरह से समाप्त कर देगी। गुजरात सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक राज्य एजेंसी, भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइनफॉरमैटिक्स (बीआईएसएजी-एन) द्वारा पानी कनेक्शन प्रदान करने की अवधि को कम करने के लिए यह एप्लिकेशन विकसित किया गया है। इस तकनीक को अब तक देश के किसी भी नागरिक निकाय ने नहीं अपनाया है। रक्षा मंत्री ने कहा, जीआईएस आधारित जलापूर्ति नेटवर्क पानी का अधिकतम उपयोग और निवासियों को इसका समान वितरण सुनिश्चित करेगा। यह ‘जल ही जीवन है’ की अवधारणा को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

रक्षा मंत्री ने आधुनिक भारत के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले बहादुर सैनिकों और दिग्गजों के नाम पर छावनी क्षेत्रों में सड़कों और इमारतों के नाम बदलने पर विचार करने के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ-साथ डीजीडीई को सुझाव दिया। हालाँकि, उन्होंने कहा कि यह सुझाव किसी संकीर्ण मानसिकता से प्रेरित नहीं है, इस बात पर बल देते हुए कि जिन ब्रिटिश अधिकारियों या सैनिकों ने लोगों की भलाई के लिए सराहनीय काम किया है, उन्हें सम्मानपूर्वक पहचाना जाना चाहिए और आने वाली पीढ़ियों से उन्‍हें परिचित कराया जाना चाहिए।

डीजीडीई द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने विभाग से सशस्त्र बलों के कर्मियों और छावनी बोर्डों के अन्य निवासियों को प्रदान की जा रही शहरी सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए और भी अधिक प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने डीजीडीई और सशस्त्र बलों के बीच समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया और डीजीडीई से रक्षा भूमि की रक्षा के लिए पूरे दिल से काम करने और सभी हितधारकों द्वारा अधिकतम उपयोग के लिए योजनाएं विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें छावनी क्षेत्रों के निवासियों की समस्याओं के समय पर समाधान की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने डीजीडीई कर्मियों से न केवल सशस्त्र बलों की सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने का आह्वान किया, बल्कि वह छावनी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के वैध हितों को भी ध्यान में रखें। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि विभाग तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल युग के अनुकूल होगा और न केवल नागरिकों की सेवा के लिए बल्कि मंत्रालय और सशस्त्र बलों को अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए आईटी उपकरणों का उपयोग करेगा।

इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) श्री संजीव मित्तल, डीजीडीई श्री अजय कुमार शर्मा और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More