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संरक्षण क्षमता महोत्सव सक्षम-2017

Protection capacity capable Festival -2017
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के संरक्षण मे पेट्रोलियम कन्ज़र्वेषन एवं रिसर्च एसोसियेषन (पी0सी0आर0ए0) तथा तेल एवं गैस सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा जन-मानस मे तेल एवं गैस उत्पादों के संरक्षण एवं समुचित उपया ेग की जन-जागरूकता हेतु अभियान चलाया जा रहा है, जिससे अच्छा स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं भावी पीढ़ी के लिए ईधन की सुनिश्चितता, जैसे दोनो उद्देष्यों को प्राप्त किया जा सकें। इस अभियान को सक्षम-2017 (संरक्षण क्षमता महोत्सव) का नाम दिया गया है, जिसमें कार्यक्रम के निम्नलिखित थीम पर गतिविधियाॅ आयोजित की जा रहीं है-

‘ईधन संरक्षण की जिम्मेदारी, जन गण की भागीदारी’।

इस अभियान का उद्वदेश्य पेट्रोलियम उत्पादों के समुचित उपयोग एवं संरक्षण के समाधान, मुद्दे, आवश्यकताओं को समझने में सहायता एवं लोगो की संरक्षण क्षमताओं को बढ़ाने हेतु मार्ग प्रषस्त करना है और यह संदेश देना है कि सामूहिक सहभागिता ही संरक्षण की कंुजी है।

माननीय श्री धर्मेन्द्र प्रधान, राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) – पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस ने दिनांक 16 जनवरी 2017 को सीरी फोर्ट आॅडीटोरियम, नई दिल्ली में इस अभियान का शुभारम्भ किया। श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने संदेश में बताया कि 50 प्रतिशत पेट्रोलियम उत्पादों की खपत परिवहन क्षेत्र में होती है। उन्होने जोर दिया कि ईधन के अनुचित प्रयोग से प्रदूषण बढ़ रहा है। हमें स्वस्थ्य जीवन के लिए शुद्व पर्यावरण चाहिए और यह जनमानस की भागीदारी द्वारा ही सम्भव है।

संरक्षण क्षमता महोत्सव 2017 का उद्घाटन इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, विभूति खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ में आज दिनांक 16 जनवरी 2017 को महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश माननीय श्री राम नाईक जी द्वारा जनमानस को पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण की शपथ दिलाकर किया गया। इस अवसर पर लगभग 400 स्कूली बच्चे, तेल एवं गैस कम्पनियों आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल व गेल के अधिकारी एवं कर्मचारी, डीलर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि महोदय ने अपने उद्घाटन संदेश में कहा कि ईधन ऊर्जा को बचाने की आवश्यकता है जिससे क्रूड आॅयल का आयात कम किया जा सकें। उन्होने यह भी बताया कि सी.एन.जी., पी.एन.जी. एवं ऐथानालॅ सम्मिश्रण से ईधन की बचत कर सकते है। मुख्य अतिथि महोदय ने कहा कि कार पूलिंग, लाल बत्ती पर इंजन को बंद करके रखना आदि जैसे उपायों को अपनाकर ईधन की बचत की जा सकती है।

इस संरक्षण महोत्सव में तेल एवं गैस कम्पनियां विभिन्न गतिविधियां आयोजित करेंगी जिनमें प्रमुख हैं – महिलाओं को तेल एवं गैस की बचत करने हेतु शिक्षित करना, पदयात्रा, ईधन बचत कार्यक्रम, वाहन चालक प्रशिक्षण कार्यक्रम, एल.पी.जी. डिलवरी मैन के प्रषिक्षण कार्यक्रम, वाहन प्रदूषण जाॅच कैम्प, बालिकाओं के लिए सामूहिक वार्ता, किसानों के लिए सामूहिक वार्ता कार्यक्रम, स्कूली बच्चों के लिए प्रष्नोंत्तरी, पेंटिग एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता इत्यादि।

श्री अविनाश वर्मा, तेल कम्पनियांे के राज्यस्तरीय समन्वयक एवं कार्यकारी निदेशक, आईओसीएल ने अपने संदेश में कहा कि तेल एवं गैस संरक्षण पखवाडे को संरक्षण क्षमता महोत्सव का नाम दिया गया है जो लगातार ईधन बचत की आवष्यकता के भाव पर जोर देता है। उन्होने यह भी बताया कि चैराहों पर डिजिटल समय संकेतक के प्रयोग से 15 प्रतिशत तक ईधन की बचत की जा सकती है। पी0सी0आर0ए0 एवं तेल एवं गैस उद्योगों की ऊर्जा के समुचित प्रयोग के साथ ही पर्यावरण सुरक्षा की भी जिम्मेदारी है कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि महोदय ने स्कूली बच्चों की रैली को झण्डा दिखाकर रवाना किया।

राज्य स्तरीय समन्वयक
तेल उद्योग, उत्तर प्रदेश

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