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तीर्थाटन और पर्यटन को नये कलेवर में प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत करना होगा, तभी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा: मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से अतयन्त समृद्ध है। पूर्व में पर्यटन और तीर्थाटन को गम्भीरतापूर्वक बढ़ावा देने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। वर्तमान सरकार इन दोनों गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि इनके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐतिहासिक धरोहरों, धार्मिक स्थलों, अभयारण्यों तथा अन्य पर्यटन स्थलों की बहुतायत है, जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में हिन्दुस्थान समाचार द्वारा आयोजित ‘उत्तर प्रदेश विकास संवाद-2’ तीर्थाटन-पर्यटन और क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछले ढाई वर्षों के अन्दर तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में सकारात्मक प्रयास किये गये हैं। इसमें प्रयागराज कुम्भ-2019 का सफल और निर्विघ्न आयोजन शामिल है। इससे राज्य मंे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। प्रयागराज कुम्भ-2019 में दुनियाभर से 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु सम्मिलित हुए। स्वच्छता, सुविधा, सुरक्षा और सुव्यवस्था की दृष्टि से यह एक बड़ा और सफल आयोजन था, जिसकी प्रशंसा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई। उन्होंने कहा कि तीर्थाटन और पर्यटन को नये कलेवर में प्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत करना होगा, तभी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज के आयोजन का विषय ‘तीर्थाटन-पर्यटन और क्षेत्रीय विकास’ अत्यन्त प्रासंगिक है। प्रदेश सरकार राज्य में तीर्थाटन-पर्यटन और क्षेत्रीय विकास के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में पर्यटन विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। पर्यटन का क्षेत्र रोजगारोन्मुखी होता है। पर्यटन गतिविधियों के बढ़ने से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं तथा क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलती है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए गम्भीरता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अयोध्या, मथुरा सहित पूरा ब्रज क्षेत्र, काशी जैसे धर्म स्थल तो मौजूद है ही, इसके अलावा बड़े पैमाने पर ऐतिहासिक स्थल जैसे कालिंजर का किला, झांसी का किला इत्यादि मौजूद हैं। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी प्रदेश में कई अभयाण्य मौजद हैं। इन्हें रोजी और रोजगार से जोड़ना होगा तभी इसके अच्छे परिणाम भविष्य में मिलेंगे। पर्यटन रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण माध्यम है, जरूरत इस पर फोकस करने की है। उन्होंने कहा कि पर्वों, मेलों इत्यादि को शोकेस करना होगा। इसके दृष्टिगत, राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन सुनिश्चित किया गया। इसके परिणामस्वरूप आज अयोध्या में पर्यटन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश के प्रस्ताव मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी तीर्थ स्थलों तथा पर्यटन स्थलों पर अच्छी अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता आवश्यक है, तभी लोग इन जगहों पर आएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले काशी में पर्यटन के लिये कम सुविधाएं मौजूद थीं। तंग गलियां, खराब सड़कें, जगह-जगह अव्यवस्था पर्यटकों को काफी बाधा पहुंचाती थीं। उन्हांेने कहा कि जब से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी यहां के सांसद बने हैं, तबसे काशी का चैमुखी विकास हुआ है। आज बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी विश्वनाथ काॅरिडोर का विकास किया जा रहा है और दर्शानार्थियों के लिए 100 फीट का रास्ता बन रहा है। श्री विश्वनाथ मन्दिर में तीर्थ यात्रियों की सुविधा की दृष्टि से गाइड की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। राज्य सरकार द्वारा पहले चरण में 30 गाइड रखे गये, जो आज अपने प्रयासों से 30 हजार रुपये से 01 लाख रुपये प्रतिमाह की आय अर्जित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों पर अवस्थापना सुविधाओं को उपलब्ध कराते हुए इस ढंग से प्रस्तुत करना होगा, जिससे बड़े पैमाने पर पर्यटक आकर्षित हों।
राज्य सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, हेरिटेज सर्किट, स्प्रिचुअल सर्किट आदि का चिन्हांकन कर पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। प्रासाद योजना में वाराणसी, सारनाथ तथा मथुरा-वृन्दावन एवं नैमिषारण्य में पर्यटन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। विगत दो वर्ष से दीपावली के अवसर पर अयोध्या में सरयू जी के तट पर ‘दीपोत्सव’ तथा गत वर्ष होली के अवसर पर ब्रज धाम के बरसाना में ‘रंगोत्सव’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि ब्रज क्षेत्र की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परम्परा को अक्षुण्ण बनाने के उद्देश्य से ब्रज विकास बोर्ड का गठन किया गया है। ईको टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व तथा पीलीभीत टाइगर रिजर्व स्थलों का पर्यटन विकास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अवस्थापना सुविधाओं की अर्थव्यवस्था विकास के साथ ही, पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार अवस्थापना सुविधाओं के विकास और उनके सुदृढ़ीकरण को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में कई एक्सप्रेसवेज का निर्माण प्रस्तावित है, जिनमें पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे तथा गंगा एक्सप्रेस-वे शामिल हंै। इन योजनाओं के पूर्ण होने के बाद प्रदेश में पर्यटन को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में राज्य में 8 एयरपोर्ट कार्यशील हैं। इससे प्रदेश की कनेक्टिविटी देश के लगभग सभी महत्वपूर्ण शहरों के साथ हो गई है। वर्तमान में राज्य में बरेली, हिण्डन, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावस्ती, म्योरपुर, चित्रकूट, झांसी, कुशीनगर और अयोध्या में 11 नये एयरपोर्ट निर्माणाधीन हैं। जनपद गौतमबुद्धनगर में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की कार्यवाही प्रगति पर है। यह सभी एयरपोर्ट पर्यटन की गतिविधि को तेजी से आगे बढ़ाने में सहायक होंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद एवं अध्यक्ष हिन्दुस्थान समाचार समूह श्री आर0के0 सिन्हा ने की।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री जी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने साप्ताहिक युगवार्ता के विशेषांक का विमोचन भी किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान डाॅ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित को पर्यटन प्रबन्ध रत्न, वाराणसी के श्री प्रमोद मिश्र व डाॅ0 रत्नेश वर्मा को संस्कृति रत्न, मथुरा के श्री रमाकान्त गोस्वामी को तीर्थाटन संस्कृति व सेवा रत्न, प्रयागराज के डाॅ0 सुशील कुमार सिन्हा को सेवा रत्न, वाराणसी के श्री प्रगल्भ दत्त तिवारी को स्वच्छता रत्न, लखनऊ के डाॅ0 वैभव खन्ना को सेवा रत्न, आगरा के डाॅ0 कायनात काजी को पर्यटन रत्न, प्रयागराज के डाॅ0 सुदीप वर्मा को स्वास्थ्य रत्न, डाॅ0 कुमार अरुणोदय को शिक्षा रत्न, पीलीभीत के श्री रजत सक्सेना को शिक्षा प्रोत्साहन रत्न, सुश्री अंजु डिसूजा और श्री रोशन लाल गुप्ता को उद्योग रत्न और अयोध्या के महंत राजकुमार दास को स्वच्छता रत्न से सम्मानित किया।

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