27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में स्टेक होल्डर, अधिकारियों तथा कार्मिक की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

उत्तर प्रदेश

लखनऊः प्रदेश में रेशम उद्योग का सर्वांगीण विकास तथा नवीनतम तकनीकी/योजनाओं से परिचित कराने एवं कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में स्टेक होल्डर, अधिकारियों तथा कार्मिक के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के लगभग 40 जनपदों से लगभग 150 कार्मिक, अधिकारी एवं 600 स्टेक होल्डर द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन सचिव/निदेशक, रेशम, श्री नरेन्द्र सिंह पटेल द्वारा  किया गया।
इस अवसर पर श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश में 3000 मी0 टन रेशम धागे की खपत है, जिसके सापेक्ष प्रदेश में मात्र 300 मी0 टन रेशम धागे का उत्पादन हो रहा है, शेष धागा बाहर से आयात किया जा रहा है। इस आयात को कम कर प्रदेश को रेशम उत्पादन में आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे कृषकों/रेशम कोया उत्पादकों एवं बुनकरों को सीधा लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा किसानों को परम्परागत फसलों से प्रति वर्ष 50 से 60 हजार की आय हो रही है, जबकि रेशम उत्पादन से लगभग 500 कि0ग्रा0 कोया उत्पादन कर 1.50 लाख की आय प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में 2 रीलिंग इकाईयां संचालित हैं, धागाकरण कार्य को बढ़ावा दिये जाने हेतु प्रदेश में 13 रीलिंग इकाईयों के स्थापना का कार्य कराया जा रहा है। इसी क्रम में कर्नाटक राज्य में उत्पादित रेशम धागे की खपत पर परिचर्चा करने एवं बुनकरों को रेशम धागे की आपूर्ति हेतु सिल्क एक्सचेंज परिसर, वाराणसी में डिपो खोलने आदि के सम्बन्ध में कल 17 नवम्बर को कर्नाटक राज्य के रेशम मंत्री अपने 10 सदस्यीय डेलीगेशन के साथ वाराणसी आ रहे हैं, जहां बुनकरों से सीधे संवाद करते हुए प्रदेश के अधिकारियों से वार्ता करेंगे एवं वाराणसी तथा मुबारकपुर क्षेत्र हेतु आवश्यक रेशम आपूर्ति हेतु कार्य योजना तैयार की जाएगी।
कार्यशाला के तकनीकी सत्र में रेशम कीटपालन की लाभकारी तकनीकी कोया विपणन, धागाकरण तथा केन्द्रीय रेशम बोर्ड (भारत सरकार) के सहयोग से संचालित सूक्ष्म योजनाओं एवं अनुमन्य सहायता आदि का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसी क्रम में केन्द्रीय रेशम बोर्ड (भारत सरकार) के उपस्थित वैज्ञानिकों द्वारा तकनीकी मार्ग निर्देश के साथ ‘‘समर्थ’’ योजना पर चर्चा करते हुए प्रस्तुतीकरण किया गया तथा कृषकों की आय बढ़ाने हेतु शहतूत वृक्षारोपण के साथ सहफसली खेती को अपनाये जाने पर विस्तृत जानकारी दी गयी।
कार्यशाला में एफ0पी0ओे0 के गठन एवं क्रियान्वयन के सम्बन्ध में एन0जी0ओ0 के श्री दया शंकर सिंह द्वारा पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी गयी तथा यह भी अवगत कराया गया कि इनकी संस्था द्वारा एफ0पी0ओ0 के गठन में कृषकों को सहायता उपलब्ध करायी जाती है। इसके अतिरिक्त श्रीमती डिम्पल जोशी, ई0वाई0 कन्सल्टेन्ट,भारत सरकार द्वारा ‘‘स्फूर्ति’’ योजना से  रेशम उत्पादकों को लाभ प्राप्त करने के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए प्रस्तुतीकरण किया गया।
कार्यशाला में केन्द्रीय रेशम बोर्ड के डॉ0 सिद्दीक अहमद, बंगलौर, डॉ0 छत्रपाल सिंह, पाम्पोर, श्री डी बेहेरा, दिल्ली, श्री राम लखन, आर0ई0सी0 बस्ती आदि वैज्ञानिकों एवं विभागीय अधिकारियों, कार्मिकों एवं कोया उत्पादकों, उद्यमियों आदि द्वारा प्रतिभाग किया गया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More