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भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए जारी किए सरल दिशानिर्देश

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सावधानी एवं उपायों के साथ सरल दिशानिर्देश जारी किया है। विशेष रूप से ये उन क्षेत्रों से संबंधित हैं जहां शौचालय, कपड़े धोने या स्नान करने की सुविधा साझा की जाती है।

     प्रस्तावित उपायों का मुख्य उद्देश्‍य स्वच्छता एवं साफ-सफाई पर जोर देना और महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों का सुझाव देना है जो बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने में बहुत मदद कर सकते हैं।

     इन समुदायों में निवासियों को नियमित रूप से हाथ धोने में सक्षम बनाने वाले अधिक से अधिक तंत्र को नियमित रूप से लगाने की तत्काल आवश्यकता पर ध्‍यान देने की जरूरत है। इन दिशानिर्देशों में इस महामारी को रोकने के लिए दुनिया भर में उपयोग किए जाने वाले डू-इट-योरसेल्‍फ हैंड-वाशिंग स्टेशनों की तेजी से स्थापना का प्रस्ताव है।

     पैर से संचालित स्टेशन न केवल अधिक संक्रमित क्षेत्रों के साथ सीधे संपर्क को खत्‍म करते हुए संक्रमण के फैलने की संभावना को कम करता है, बल्कि हाथ धोने के दौरान लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पानी की मात्रा को भी घटाता है। प्रस्तावित डिजाइन के तहत लॉकडाउन और आपूर्ति-श्रृंखला संबंधी चुनौतियों के बावजूद सस्ती एवं स्थानीय तौर पर उपलब्ध सामग्रियों के इस्‍तेमाल से सामुदायिक स्वयंसेवकों और अधिकारियों द्वारा आसानी से स्‍वयं असेंबल किया जा सकता है।

     सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों में पैर से संचालित स्थायी स्टेशन स्थापित करने से पानी का कम खर्च करते हुए हाथ धोने को प्रोत्‍साहन मिलेगा। हाथ धोने वाले ऐसे स्टेशनों पर पानी में क्लोरीन मिलाने से अतिरिक्त प्रभाव पड़ेगा और इस पर विचार किया जाना चाहिए।

     समुदायों में स्वच्छता एवं साफ-सफाई को बनाए रखने के लिए अच्छी शौचालय प्रथाओं की रूपरेखा का भी स्पष्ट रूप से उल्‍लेख किया गया है। शौचालय में हमेशा चेहरे को ढंकने एवं जूते पहनने की आवश्यकता, उपयोग के तुरंत बाद हाथ धोना और सामाजिक दूरी को बनाए रखने जैसे सरल उपायों पर प्रकाश डाला गया है। सार्वजनिक जगहों और घरों को साफ एवं स्वच्छ बनाए रखने के लिए कीटाणुनाशक के उपयोग की भी विस्तृत जानकारी दी गई है।

     दिशानिर्देशों में यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है कि अधिकारी, स्वयंसेवक और समुदाय साथ मिलकर इन समाधानों को टिकाऊ बनाने का प्रयास करें। उसमें अग्रणी मोर्चे पर तैनात सभी कार्यकर्ताओं और स्वच्छता कर्मचारियों के लिए पूर्ण सहयोग और सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया गया है जो इस बीमारी की रोकथाम सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

     भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. विजय राघवन ने जोर देकर कहा, ‘कोविड-19 महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में भारत हरेक संदर्भ में सबसे प्रभावी और समर्थ उपाय लागू करने के लिए एक साथ आया है। हमारी घनी आबादी वाली जगह धारावी इसका एक उदाहरण है लेकिन वहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पीएसए कार्यालय में इस टीम द्वारा प्रस्‍तुत मैनुअल में बताया गया है कि किस प्रकार सस्‍ते लेकिन प्रभावी उपकरण सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। सामुदायिक संपर्क की जगहों जैसे साझा शौचालयों और स्नानागारों पर विशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। सामुदायिक नेताओं, गैर-सरकारी संगठनों, उद्योग जगत आदि से इन उपायों को लागू करने का आग्रह किया गया है।

     यह सुझाव दिया जाता है कि उद्योग जगत, गैर-सरकारी संगठन और इस बीमारी की रोकथाम में मदद करने वाली संस्‍थाएं विशेष रूप से घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में इन दिशानिर्देशों में बताए गए समाधान को अपनाने और उसे लागू करने में समुदायों और स्‍वयंसेवकों के साथ मिलकर काम करें।

     ये दिशानिर्देश अंग्रेजी के अलावा हिंदी, मराठी और उर्दू सहित हमारी सभी भाषाओं में उपलब्ध होंगे।

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