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मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 11 जुलाई को होगा

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: मा0 न्यायमूर्ति श्री टी0एस0 ठाकुर, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 11 जुलाई को सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में मा0 उच्च न्यायालय के स्तर से लेकर तहसील स्तर तक विद्युत/जल/दूरभाष एवं जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों को वरीयता प्रदान करते हुए मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कराया जा रहा है।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य एवं सचिव श्री तेज प्रताप तिवारी ने बताया कि समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश से यह अपेक्षा की गई है कि पूर्ण मनोयोग के साथ उपयुक्त वादों को चिन्हित करते हुए अधिकतम लम्बित वादों का निस्तारण सुनिश्चित करें, जिससे कि न्यायालयों पर लम्बित वादों को कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त ऐसे वाद जो अभी न्यायालय के समक्ष नहीं आयें हैं उन्हें भी प्री-लिटिगेशन के स्तर पर ही निस्तारित कराया जाय।
श्री तिवारी ने बताया कि समस्त जनपदों के जिला न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट, आयुक्त, न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों, बीमा कम्पनियों के अधिकारियों आदि के रचनात्मक समन्वय एवं सहयोग से मासिक राष्ट्रीय लोक अदालत में विद्युत/जल/दूरभाष एवं जनोपयोगी सेवाओं से संबधित मामलों को वरीयता प्रदान करते हुए सिविल, शमनीय आपराधिक अभियोग, पारिवारिक मामलों, विद्युत अधिनियम के अंतर्गत सुलह योग्य वाद, अंतिम रिर्पोट, धारा 446 द0प्र0स0 संबंधी मामले, पब्लिक प्रिमिसेज एक्ट संबंधी मामले, उत्तराधिकार संबंधी मामले, आयुध अधिनियम के उपयुक्त प्रकरण, बीमा संबंधी वाद, स्थानीय विधियों के अंतर्गत शमनीय वाद, सेवा/वेतन संबंधी वाद, सेवा निवृत्तिक परिलाभों से संबंधित प्रकरण, किरायेदारी वाद, वन अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण, पुलिस अधिनियम के अंतर्गत चालान का निस्तारण किया जाएगा।
श्री तिवारी ने बताया कि मोटरयान अधिनियम के अंतर्गत चालान, मनोरंजन कर अधिनियम के अंतर्गत चालान,बाट तथा माप (प्रचालन) अधिनियम के अंतर्गत चालान, उत्तर प्रदेश दुकान एवं वाणिज्य अधिनियम के अंतर्गत चालान, चलचित्र अधिनियम के अंतर्गत चालान, आबकारी अधिनियम संबंधी वाद, गैम्बलिंग एक्ट के अंतर्गत चालान, नगर निगम/नगर पालिका के अंतर्गत चालान, विकास प्राधिकरण के अंतर्गत चालान, मेड़बंदी एवं दाखिल खारिज वाद, मोबाइल फोन एवं केबल नेटवर्क संबंधी प्रकरण, प्रि-लिटीगेशन प्रकरण, शिक्षा का अधिकार संबंधी प्रकरण, जलकर एवं गृहकर, कैंटोनमेंट बोर्ड प्रकरण, रेलवे दावे, आपदा राहत प्रकरण, कराधान प्रकरण, राशन कार्ड/बी0पी0एल0 कार्ड/जाति एवं आय प्रमाण पत्र संबंधित प्रकरण आदि का भी निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर कराया जाएगा।

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