36 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

श्री पीयूष गोयल ने स्वीडन के कारोबारी समुदाय को भारतीय उद्योगों के साथ साझेदारी के लिए आमंत्रित किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 22 से 23 अक्टूबर 2019 तक स्वीडन के स्टॉकहोम में आयोजित ‘आर्थिक, औद्योगिक एवं वैज्ञानिक सहयोग के लिए भारत-स्वीडन संयुक्त आयोग (जेसीईसी)’ की 19वीं बैठक में भाग लिया।

जेसीईसी ने दोनों पक्षों के लिए सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त कार्य योजना और नवाचार साझेदारी पर संयुक्त घोषणा पत्र को दिये गये विशेष महत्व को दोहराया।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने नवाचार, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, टिकाऊ शहरी विकास और रेलवे से जुड़े सहमति पत्र के तहत भारत- स्वीडन साझेदारी की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

भारत-स्वीडन बिजनेस लीडर्स राउंड टेबल (आईएसबीएलआरटी) वर्ष 2016 में स्वीडन के प्रधानमंत्री श्री स्टीफन लॉफवेन की भारत की पिछली राजकीय यात्रा का एक महत्वपूर्ण परिणाम था जिससे दोनों देशों के कारोबारी समुदायों को एक दूसरे के करीब लाने के लिए एक सुदृढ़ रूपरेखा का सृजन संभव हो पाया।

श्री पीयूष गोयल ने ‘कारोबार में सुगमता’ लाने से जुड़े सभी उपायों का अवलोकन करते हुए जेसीईसी को संबोधित किया। केन्द्र में भारत सरकार के साथ-साथ और राज्य स्तर पर लागू किये गये ढांचागत एवं प्रक्रियागत सुधार भी इनमें शामिल हैं। उन्होंने सड़क, रेलवे, राजमार्गों, नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट सिटी, स्वास्थ्य सेवा और आवास सहित सभी उद्योगों के तहत भारत में उपलब्ध अवसरों को रेखांकित किया। उन्होंने स्वीडन के कारोबारी समुदायों को इन अवसरों के साथ-साथ भारत के विशाल बाजार से जुड़ने का आमंत्रण दिया।

स्वीडन की विदेश व्यापार मंत्री सुश्री अन्ना हालबर्ग ने श्री पीयूष गोयल की इस बात से सहमति जताई कि भारत में स्वीडन के कारोबारियों के लिए अपार अवसर हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि व्यापार एवं निवेश को बढ़ाकर और भी ज्यादा उच्च स्तर पर ले जाया जा सकता है। उन्होंने यह जानकारी दी कि भारत में 200 से भी अधिक स्वीडिश कंपनियां और स्वीडन में 70 से भी ज्यादा भारतीय कंपनियां कार्यरत हैं।

जेसीईसी में सहयोग के नये क्षेत्रों की पहचान की गई जिनमें इलेक्ट्रोमोबिलिटी, सड़क सुरक्षा, अंतरिक्ष अनुसंधान और पारंपरिक भारतीय चिकित्सा (आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा) इत्यादि शामिल हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने तैयार बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के साथ भारत में स्वीडन के निवेशकों के लिए एक ‘निवेश एन्क्लेव’ की स्थापना करने का प्रस्ताव किया जिससे भारत में स्वीडिश कंपनियों के लिए एक अनुकूल परिवेश का सृजन करने में मदद मिलेगी। स्वीडिश पक्ष ने इसका स्वागत किया। दोनों पक्षों ने भारत एवं स्वीडन के स्टार्ट-अप परिवेश के बीच और ज्यादा सहयोग सुनिश्चित करने पर भी सहमति जताई।

भारतीय और स्वीडिश पक्षों ने स्वीडन के दूतावास के सहयोग से उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और इन्वेस्ट इंडिया के जरिये लागू की गई निवेश सुविधा व्यवस्था की सराहना की। इसने भारत में स्वीडन की अऩेक कंपनियों की विभिन्न समस्याओं को सफलतापूर्वक सुलझाया है।

स्वीडन की मंत्री ने भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री द्वारा उल्लेख किये गये विभिन्न अवसरों में भाग लेने संबंधी भारतीय पेशकश का स्वागत किया जिनमें ‘निवेश एन्क्लेव’ शामिल है। उन्होंने दोनों देशों के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए अभिनव एवं स्मार्ट सॉल्यूशंस पर मिल-जुलकर काम करने की उम्मीद जताई।

जेसीईसी के प्रोटोकॉल में दोनों देशों के कारोबारियों एवं सरकारों के बीच भारत-स्वीडन आर्थिक, औद्योगिक एवं वैज्ञानिक सहयोग को और भी अधिक उच्च स्तर पर ले जाने की रूपरेखा का उल्लेख किया गया है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More